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Kota नहीं थम रहा स्क्रब टाइफस और डेंगू का प्रकोप, बढ़ रहे मामले

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कोटा न्यूज़ डेस्क, कोटा शहर समेत जिलेभर में डेंगू का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा। रोजाना डेंगू रोगी मिल रहे हैं। चिकित्सा विभाग के तमाम प्रयासों के बावजूद डेंगू का खतरा बढ़ता ही रहा है। इस सीजन में जनवरी से अब तक 329 डेंगू रोगी सामने आ चुके हैं। दो जनों की मौत भी हो चुकी है। इसमें एक नर्सिंग छात्रा शामिल है। हालांकि चिकित्सा विभाग की टीमें शहर सहित ग्रामीण इलाकों में सर्वे कर लार्वा एक्टिविटीज कर रही हैं, लेकिन तमाम प्रयास नाकाम साबित हो रहे हैं और डेंगू मरीजों की संया लगातार देखने को मिल रही है। डेंगू के साथ इस बार स्क्रब टायफस व चिकनगुनिया भी जोर दिखा रहा है। स्क्रब टायफस के अब तक 240, चिकनगुनिया ने 44 व मलेरिया के 6 रोगी सामने आ चुके हैं।

पहले रिपोर्ट में दर्शाया, फिर गायब

कोटा जिले में डेंगू व स्क्रब टायफस से दो-दो मरीजों की मौत हुई, लेकिन चिकित्सा विभाग अब मौतों के आंकड़े छिपाने में लगा है। चिकित्सा विभाग जयपुर की जारी रिपोर्ट में डेंगू से 1 मौत बता रखी है, स्क्रब टायफस से हुई मौतों को रिपोर्ट से हटा दिया है।डेंगू फैलने का समय जुलाई से अक्टूबर तक का रहता है, लेकिन इस बार नवबर तक डेंगू के केस रिपोर्ट हो रहे हैं। सेंसेटिव एरिया नया कोटा क्षेत्र का है।

हर साल ट्रेंड बदलता डेंगू

कोटा में हर साल डेंगू ट्रेंड बदलता है। इस साल जनवरी से लेकर अब तक 329 केस सामने आ चुके हैं। हर रोज करीब तीन-चार मरीज डेंगू पॉजिटिव आ रहे हैं। इस बार भी डेंगू का ट्रेंड बदला है। कई मरीज डेंगू से पीड़ित होने के बावजूद रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है। डॉक्टर्स के अनुसार डेंगू के ट्रेंड बदलने के पीछे सबसे बड़ा कारण इयूनिटी है। एक साल ज्यादा केस सामने आते हैं तो लोगों में इस बीमारी को लेकर इयूनिटी मजबूत हो जाती है, लेकिन बाद में फिर कमजोर होने लगती है। इसके अलावा दूसरा कारण मानवीय और प्राकृतिक है। बारिश ज्यादा होने पर खाली प्लाटों व अन्य गड्ढों में पानी का जमाव ज्यादा होता है तो लार्वा पनपते हैं। पिछले साल भी दो हजार से ज्यादा केस सामने आए थे।

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