Top News
Next Story
NewsPoint

ईरान के सर्वोच्च नेता ख़ामेनेई ने अमेरिका और इसराइल को दी चेतावनी, कहा 'देंगे करारा जवाब'

Send Push
Getty Images ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई

ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई ने एक सप्ताह पहले ईरान पर हुए इसराइली हमले के बाद अमेरिका और इसराइल को चेतावनी दी है.

ख़ामेनेई ने कहा है, "उन्हें निश्चित रूप से इसका करारा जवाब मिलेगा."

आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई ने तेहरान में साल 1979 में अमेरिकी दूतावास पर ईरानी प्रदर्शनकारियों के कब्जे की 45वीं वर्षगांठ से पहले शनिवार को छात्रों को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की है.

यह धमकी ऐसे समय में आई है जब ईरान इस बात पर विचार कर रहा है कि इसराइल के हमले का जवाब कैसे दिया जाए.

इसराइली हमले के बाद ईरान ने कहा था कि हमले में उसके चार सैनिक मारे गए थे.

image BBC बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए

इसराइल का यह हमला अक्तूबर महीने की शुरुआत में इसराइल पर ईरानी मिसाइल हमले का बदला था.

हिज़्बुल्लाह और हमास, ईरान समर्थित सशस्त्र समूह हैं और इसराइल से ज़ंग लड़ रहे हैं.

ईरान ने हिज़्बुल्लाह और हमास के नेताओं और एक वरिष्ठ ईरानी कमांडर की हत्या के जवाब में इसराइल पर मिसाइल हमला किया था.

‘एक्सिस ऑफ़ रेज़िस्टेंस’ गठबंधन क्या है? image Handout via Reuters छात्रों को संबोधित करते हुए आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई

ख़ामेनेई ने अपने ताज़ा बयान में कहा कि इसराइल और अमेरिका सहित ईरान के दुश्मन "ईरान, ईरान के लोगों और रेज़िस्टेंस फ़्रंट के साथ जो कुछ कर रहे हैं, उसका निश्चित रूप से करारा जवाब मिलेगा."

ईरान का तथाकथित ‘एक्सिस ऑफ़ रेज़िस्टेंस’ ईरान समर्थित समूहों का गठबंधन है जिसमें ग़ज़ा में हमास, लेबनान में हिज़्बुल्लाह, यमन में हूती, इराक़ और सीरिया में बड़े हथियारों से लैस कई सशस्त्र समूह शामिल हैं.

इनमें से ज़्यादातर समूहों को कुछ पश्चिमी देशों ने आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है.

ऐसा कहा जाता है कि इसराइल ने 26 अक्टूबर के हमले में ईरानी वायु रक्षा और मिसाइल क्षमता को बड़ा नुक़सान पहुंचाया है. हालाँकि ईरान ने इसे स्वीकार नहीं किया है.

पिछले साल 7 अक्तूबर को हमास ने इसराइल पर हमला किया था, जिसमें क़रीब 1200 लोग मारे गए थे. उस हमले के बाद हमास 250 से ज़्यादा लोगों को बंधक बनाकर गाजा पट्टी में भी ले गया था.

इसराइल मानता है कि ईरान ने हमास को उस हमले के लिए बड़ा समर्थन दिया था.

हिज़्बुल्लाह के खिलाफ़ आक्रामक इसराइल image Getty Images हाल ही में इसराइल ने लेबनान पर एक हज़ार से ज़्यादा मिसाइल हमले किए हैं

हमास के उसी हमले के बाद से इसराइल ने ग़ज़ा में एक बड़ा अभियान शुरू किया है. हमास के संचालन में चल रहे स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक़ बीते एक साल में इसराइली कार्रवाई में 43 हज़ार से ज़्यादा लोग मारे गए हैं.

हिज़्बुल्लाह ने हमास के हमलों के अगले दिन से ही फ़लस्तियों के समर्थन में लेबनान की सीमा से इसराइली इलाक़ों में हमला शुरू किया था.

क़रीब एक साल से जारी लड़ाई और रॉकेट हमले के बाद इसराइल ने इसी साल सितंबर में लेबनान में हिज़्बुल्लाह के ख़िलाफ़ भी आक्रामक रुख अपनाया हुआ है.

इजराइल ने कहा कि वह संघर्ष की वजह से लेबनान की सीमा से सटे इलाक़े से विस्थापित हुए उत्तरी इसराइल के हज़ारों लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करना चाहता है.

लेबनानी अधिकारियों के मुताबिक़ इसराइली हमले में लेबनान में 2800 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं और 12 लाख़ लोग विस्थापित हुए हैं.

इसराइली अधिकारियों का कहना है कि उत्तरी इसराइल और उसके कब्ज़े वाले गोलान हाइट्स में हिज़्बुल्लाह के रॉकेट, ड्रोन और मिसाइल हमलों में 60 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं.

अमेरिका-ईरान के रिश्ते image Getty Images अमेरिका और ईरान के बीच संबंध साल 1979 से ठीक नहीं चल रहे हैं.

अमेरिका और ईरान के बीच संबंध 4 नवंबर 1979 के बाद से ठीक से स्थिर नहीं रहे हैं. उस वक़्त ईरान में इस्लामिक क्रांति के बाद दुनिया में दर दर भटक रहे ईरान के शाह को अमेरिका के राष्ट्रपति जिमी कार्टर ने कैंसर का इलाज कराने के लिए अमेरिका आने की अनुमति दी थी.

अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर से मांग की गई थी कि वो शाह को वापस ईरान भेजें.

इसी दौरान ईरानी प्रदर्शनकारियों ने 50 से ज़्यादा अमेरिकी राजनयिकों और दूतावास के कर्मचारियों को बंधक बना लिया था.

इस घटनाक्रम के बाद उपजे हालात 444 दिनों तक जारी रहे थे.

बंधकों को तब तक रिहा नहीं किया गया जब तक रोनाल्ड रीगन अमेरिका के राष्ट्रपति नहीं बन गए.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां कर सकते हैं. आप हमें , , , और पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

image
Explore more on Newspoint
Loving Newspoint? Download the app now