पश्चिम बंगाल में सबसे बड़े त्योहार दुर्गा पूजा का उत्सव शुरू होने के बावजूद इस पर आर.जी. कर अस्पताल की घटना की छाया साफ़ नज़र आ रही है.
कोलकाता में जितनी चर्चा इस उत्सव की है उतनी ही इस घटना और इसमें बदलते घटनाक्रम की.
यह हाल के वर्षों में पहला मौक़ा है जब किसी घटना को पूजा के समान ही तरजीह मिल रही हो.
इस घटना के विरोध में शनिवार रात से ही धर्मतल्ला इलाक़े में जूनियर डॉक्टरों का आमरण अनशन जारी है.
दूसरी ओर, इस सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के दस डॉक्टरों को यौन उत्पीड़न, वित्तीय अनियमितता और धमकी की संस्कृति को बढ़ावा देने के आरोप में निकाल दिया गया है.
इनमें इंटर्न के अलावा हाउस स्टाफ और कई सीनियर डॉक्टर भी शामिल हैं.
BBC बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए सरकार ने क्या हवाला दिया?स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एक अधिसूचना में बताया गया है कि यह सभी लोग पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के क़रीबी थे. इनमें आयुश्री थापा नामक एक महिला डॉक्टर भी है.
सरकारी अधिसूचना में इन सभी लोगों से 72 घंटे के भीतर हॉस्टल ख़ाली करने को कहा गया है. उनके पंजीकरण प्रमाणपत्र की जांच के बाद आगे की कार्रवाई के लिए वेस्ट बंगाल मेडिकल काउंसिल को भेजा जाएगा.
अधिसूचना में कहा गया है कि इन लोगों के ख़िलाफ़ छात्रों को फ़ेल करने या हॉस्टल से निकलवाने की धमकी देने और जूनियर डॉक्टरों को एक ख़ास राजनीतिक पार्टी में शामिल होने का दबाव डालने के अलावा जबरन उगाही, यौन उत्पीड़न और मारपीट के भी आरोप हैं.
दस लोगों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल से निकालने की ख़बर जूनियर डॉक्टरों की ओर से कोलकाता के धर्मतल्ला इलाक़े में आमरण अनशन शुरू होने के बाद आई है. द वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट के बैनर तले शुरू हुए इस आंदोलन का सोमवार को तीसरा दिन था. जूनियर डॉक्टर आर.जी. कर की घटना के विरोध में लगातार राज्यव्यापी आंदोलन करते रहे हैं.
फ्रंट के एक प्रवक्ता देवाशीष हालदार कहते हैं, "हमने आम लोगों को होने वाली दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए आंदोलन खत्म कर दिया था. लेकिन अब हममें से छह लोग आम अनशन पर बैठे हैं. हम सरकार को संदेश देना चाहते हैं कि मांगे पूरी नहीं होने तक हमारा अनशन जारी रहेगा."
जूनियर डॉक्टर बीते अगस्त में हुई घटना के लिए ज़िम्मेदार तमाम लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
जूनियर डॉक्टरों ने मंगलवार को राज्य के तमाम मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 12 घंटे के सांकेतिक अनशन की अपील की है. इसमें हाउस स्टाफ और नर्सों के अलावा सीनियर डॉक्टर भी हिस्सा लेंगे.
इस बीच, इस मामले की जांच कर रही सीबीआई ने 58 दिनों के बाद सोमवार को अदालत में एक चार्जशीट दायर की है. इसमें मुख्य अभियुक्त संजय रॉय ही है. इससे साफ़ है कि केंद्रीय एजेंसी ने इस मामले में दूसरे लोगों के शामिल होने को नकार दिया है.
सीबीआई सूत्रों ने बताया कि चार्ज़शीट में पीड़िता के साथ गैंगरेप का ज़िक्र नहीं है. सीबीआई सूत्रों ने बताया कि चार्ज़शीट में मुख्य अभियुक्त से हुई पूछताछ का विस्तार से ज़िक्र किया गया है.
बीते अगस्त में जूनियर डॉक्टर के साथ रेप के बाद उसकी हत्या की घटना के विरोध में जूनियर डॉक्टर लगातार राज्यव्यापी आंदोलन कर रहे हैं. उन्होंने एकाध बार सीबीआई जांच की प्रगति पर असंतोष जताया है और एक बार सीबीआई दफ़्तर तक रैली भी निकाली थी.
अब धरने पर बैठे डॉक्टरों ने कहा है कि सीबीआई से भी उनका भरोसा उठने लगा है. हालांकि उन्होंने चार्ज़शीट पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
सोमवार को धरना स्थल पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जूनियर डॉक्टरों के प्रवक्ता देवाशीष हालदार ने कहा, "मीडिया से मिली ख़बरों के मुताबिक़ यह एक प्राथमिक चार्ज़शीट है. इस आधार पर हम फ़िलहाल कोई टिप्पणी नहीं कर सकते. हम अपने वकील से बातचीत के बाद ही इस बारे में कोई टिप्पणी करेंगे."
यहाँ इस बात का ज़िक्र प्रासंगिक है कि आर.जी.कर की घटना के अगले दिन ही पुलिस ने मुख्य अभियुक्त के तौर पर कोलकाता पुलिस के सिविक वालंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया था.
कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर इस घटना की जांच का ज़िम्मा संभालने वाली सीबीआई ने बाद में इस मामले में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और टाला थाने के थानाध्यक्ष अभिजीत मंडल को भी गिरफ्तार किया था.
हालांकि जांच एजेंसी ने सियालदह अदालत में पहले ही कह दिया था कि रेप और हत्या मामले से इन दोनों का कोई सीधा संबंध नहीं है. उनको घटना के बाद सबूत मिटाने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
हालांकि घटना के अगले दिन से ही यह सवाल उठने लगा था कि क्या इसमें एक ही व्यक्ति शामिल है या फिर कुछ और लोग भी हैं. लेकिन सीबीआई जांच में अब तक संजय रॉय के अलावा किसी दूसरी अभियुक्त के शामिल होने का कोई संकेत नहीं मिला है.
दूसरी ओर, सीबीआई की एक विशेष अदालत ने सोमवार को ईडी को वित्तीय घोटाले के मामले में जेल में संदीप घोष समेत तीन अभियुक्तों से पूछताछ करने की इजाज़त दे दी है. घोष के अलावा बाक़ी दोनों के नाम क्रमशः अफ़सर अली और विप्लव सिंह हैं. अफ़सर अली संदीप का बॉडीगार्ड रहा है.
अगस्त 9, 2024: 31 साल की पोस्ट ग्रैजुएट महिला ट्रेनी डॉक्टर की कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में रेप के बाद हत्या. अस्पताल के सेमिनार हॉल में मिला शव.
अगस्त 10, 2024: पुलिस ने रेप और मर्डर के मामले में संजय रॉय नाम के शख़्स को गिरफ़्तार किया.
अगस्त 11, 2024: पश्चिम बंगाल सरकार ने आरजी कर अस्पताल और कॉलेज के सूपरिटेंडेंट का तबादला किया.
अगस्त 12, 2024: आरजी कर कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर संदीप घोष ने अपना पद छोड़ा. फ़ेडरेशन फॉर रेजिडेंट डॉक्टर्स असोसिएशन ने राष्ट्रव्यापी विरोध-प्रदर्शन का एलान किया.
अगस्त 13, 2024: देश भर में डॉक्टरों का प्रदर्शन उग्र हुआ. कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा कि रेप और मर्डर जघन्य. देश भर में अस्पताल सुविधाएं प्रभावित.
अगस्त 14, 2024: सीबीआई ने अभियुक्त को कस्टडी में लिया और जांच की शुरुआत की.
अगस्त 15, 2024: अज्ञात लोगों का एक हुजूम आरजी कर कॉलेज में दाखिल हुआ और इमर्जेंसी, नर्सिंग स्टेशन में तोड़फोड़ की. आईएमए ने कहा कि 17 अगस्त से 24 घंटों तक राष्ट्रीय स्तर पर सभी सेवाएं स्थगित रहेंगी.
अगस्त 17, 2024: आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ आरवी असोकन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की.
SANJAY DAS/BBC 19 सितंबर को प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने प्रदर्शन ख़त्म करने की घोषणा की थी लेकिन शनिवार रात से एक बार फिर जूनियर डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है.अगस्त 18, 2024: अभियुक्त की फांसी की मांग को लेकर राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन. सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए 20 अगस्त की सुनवाई की तारीख़ तय की.
अगस्त 20, 2024: सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई, मुख्य न्यायाधीश ने डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक नेशनल प्रोटोकॉल बनाने के लिए 10 सदस्यों की टास्क फ़ोर्स गठित की.
अगस्त 26, 2024: ममता बनर्जी के इस्तीफ़े की मांग को लेकर पश्चिम बंग छात्र समाज ने 27 अगस्त को ‘नबान्न अभियान’ की घोषणा की.
अगस्त 27, 2024: नबान्न अभियान के दौरान हिंसा, पुलिस ने बल प्रयोग का इस्तेमाल किया.
सितंबर 10, 2024: प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने ममता सरकार से बातचीत के प्रस्ताव को ठुकराया.
सितंबर 14, 2024: सीबीआई ने आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को गिरफ़्तार किया.
सितंबर 19, 2024: प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाक़ात की, डॉक्टरों ने प्रदर्शन ख़त्म करने की घोषणा की.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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