मशहूर फैशन डिजाइनर रोहित बल का निधन हो गया है. वो 63 साल के थे और पिछले काफी समय से बीमार थे.
फैशन डिजाइन काउंसिल ऑफ इंडिया ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट के जरिये उनके निधन की सूचना देते हुए कहा कि उनके काम ने भारतीय फैशन को ‘नए सिरे से परिभाषित’ किया है.
भारत के पहले कुछ फैशन डिजाइनरों में से एक बल ने देश में फैशन डिजाइनिंग को एक व्यावहारिक और ग्लैमरस पेशे के तौर पर लोकप्रिय बनाया है.
इसके बाद इस क्षेत्र में आने वाले कई लोगों ने अपनी कामयाबी का श्रेय उन्हें ही दिया.
अपने खराब स्वास्थ्य की वजह से उन्हें एक लंबा ब्रेक लेना पड़ा था, लेकिन कुछ हफ्ते पहले ही उन्होंने अपनी कामकाजी ज़िंदगी में वापसी की थी. उनके लिए वो भावुक पल था.
BBC बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिएबल के निधन पर इंडियन एक्सप्रेस ने एक लेख में लिखा, "फैशन डिजाइनिंग में जब-जब शास्त्रीय सौंदर्य का प्रदर्शन करना होगा, हमें एक रोहित बल की जरूरत होगी.
उनकी ये ख़ासियत फैशन के मुरीद हर पीढ़ी को अपील करती है."
पिछले दिनों जब बल अपनी बीमारी से उबर कर सामने आए थे तो कमजोर दिख रहे थे, लेकिन वो खुश थे. अक्टूबर में आयोजित इंडिया फैशन वीक के ग्रैंड फिनाले में अपने मॉडलों के साथ खड़े वो इसका लुत्फ़ ले रहे थे.
फैशन की दुनिया में उनके अनोखे डिजाइन किए हुए कपड़ों को हॉलीवुड के कई सितारों और सुपर मॉडलों ने पहना है.
बल मौजूदा समकालीन फैशन और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के मेल के पर्याय बन चुके थे.
बल जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में पैदा हुए थे. उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इतिहास में ऑनर्स की डिग्री ली थी.
पढ़ाई के बाद वो कुछ साल तक परिवार के एक्सपोर्ट बिजनेस में काम करते हुए कारोबार के गुर सीखते रहे.
दिल्ली में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी यानी निफ्ट में फैशन डिजाइनिंग की अपनी औपचारिक शिक्षा पूरी करने के बाद बल एक ऐसी यात्रा पर निकल पड़े, जो बाद के दिनों भारतीय फैशन को नए सिरे से परिभाषित करने वाली साबित हुई.
बल ने 1990 में अपना लेबल और डिजाइनर लाइन शुरू की और फिर बाद में भारत, मध्य पूर्व और यूरोप में कई स्टोर खोले.
अपनी वेबसाइट पर बल ने खुद को एक डिजाइनर बताते हुए लिखा है, "जो कैटवॉक और फैशन टॉक्स के लिए इतिहास, लोक कथाओं, ग्रामीण शिल्प और विलुप्त होती जा रही कलाओं को सही तालमेल के जरिये कल्पनाशील और अनोखी कृतियां तैयार करता है."
1996 में टाइम मैगजीन ने उन्हें भारत का ‘मास्टर ऑफ फैब्रिक एंड फैंटेंसी’ बताते हुए मशहूर हस्तियों की अपनी लिस्ट में शामिल किया था.
बल के डिजाइन काफी दूर-दूर तक पहुंचे. हॉलीवुड की मशहूर एक्ट्रेस उमा थुरमन, सुपर मॉडल सिंडी क्रॉफोर्ड, नेओमी कैंपबेल और पामेल एंडरसन जैसी ग्लैमरस हस्तियों ने उनके डिजाइन किए हुए कपड़े पहने.
2001 में टेनिस स्टार अन्ना कुर्निकोवा ने उनके कपड़े पहनकर पेरिस फैशन में रैंप वॉक किया था.
बल सबसे ज्यादा लोटस और पीकॉक मोटिफ के लिए जाने जाते हैं जो दुनिया भर में भारतीयता के प्रतीक के तौर पर देखे जाते हैं. बल ने वेलवेट और ब्रोकेड जैसे चमकदार कपड़ों का इस्तेमाल किया.
उनके डिजाइन विस्तार लिए हुए होते थे और उसमें पारंपरिक भारतीय भव्यता और राजसी झलक दिखाई देती थी.
रोहित बल अपने लेबल के कपड़े डिजाइन करने के साथ ही बल जूतों और लिनन ब्रांड्स के लिए विज्ञापन भी करते रहे.
उनका आदित्य बिड़ला ग्रुप जैसी दिग्गज कॉरपोरेट घराने के साथ गठबंधन था. बाद में वो ज्वैलरी और लग़्जरी घड़ियों के डिजाइनिंग के क्षेत्र में भी उतरे. उन्होंने बच्चों के लिए भी डिजाइनर लाइन शुरू की.
वो मानते थे कि शहरों में बच्चे बहुत बड़े उपभोक्ता बन कर उभरे हैं.
बल ने कौन बनेगा करोड़पति जैसे मशहूर टीवी शो के होस्ट अमिताभ बच्चन और दूसरे लोगों के लिए कपड़ों को डिजाइन किया था. उन्होंने ब्रिटिश एयरवेज के क्रू मेंबर्स के लिए भी कपड़े डिजाइन किए थे.
2014 में उन्होंने ऑनलाइन रिटेलर जबोंग के लिए पहली प्रेट लाइन (रेडी टू वियर) शुरू की थी.
बल ने उस समय मिंट अख़बार की शेफाली वासुदेव से कहा था, "मैं रोहित बल और 'हाउस ऑफ बल' को अलग-अलग रखना चाहता हूं. प्रोडक्ट से लेकर स्टाइल तक और बेशकीमती होने से लेकर उनके विस्तार तक."
उन्होंने कहा था, "रोहित बल स्टोर कुछ खास होंगे. लोग मेरे पास सिर्फ ख़ास चीजों के लिए आते हैं. लोग ऐसे कपड़े चाहते हैं जो हाथ से बनाई कलाकृतियों जैसे हों. मुझे संतुलन कायम करना है. मेरे लिए अपनी रचनात्मकता और कारोबारी झुकाव में एक बैलेंस बनाना जरूरी है."
वर्षों पहले जब मैं बल के स्टूडियो में उनसे मिली थी उनके चमचमाते जरदोजी से भरपूर नियोन कलर के सिल्क के कपड़ों में उनकी खासियत रही तड़क-भड़क साफ झलक रही थी.
उनके डिजाइन किए सिल्क ब्लाऊज, स्कर्ट्स, टेफेटा स्कर्ट और नेट वाले ब्लाउजों में शोख, चटखदार के साथ ही आंखों को सुकून देने वाले कलर दिख रहे थे.
BBCअपनी शुरुआती यादों को साझा करते हुए उन्होंने कहा था कि उन्होंने कपड़ों को महसूस किया था.
उन्हें श्रीनगर में अपने घर के रखी जामावर शॉल और मां की शहतूश की साड़ियों का नरम अहसास याद था.
वो श्रीनगर में अपने बचपन की यादों में डूब गए थे. उन्हें वहां की शांत ज़िंदगी पसंद थी जिसमें हिंसा की वजह से खलल पड़ा था.
इसकी वजह से उनके परिवार को श्रीनगर छोड़कर दिल्ली आना पड़ा.
बल ने सिले हुए कपड़ों की दुनिया में पहली बार पैर रखे जाने को याद किया था.
उन्होंने कहा था कि कैसे उन्होंने अपने पिता के साथ एक टेलर शॉप पर जाकर काऊबॉय पैंट बनवाने की जिद की थी. उन्होंने काऊबॉय पैंट में रंगीन झालरें लगवाई थीं.
बल ने बाद में अपने बिजनेस को और डाइवर्सिफाई किया और रेस्टोरेंट बिजनेस में उतरे.
उन्होंने दिल्ली के पॉश रेस्तराओं में से एक 'वेदा' का इंटीरियर डिजाइन किया था. भारतीय मीडिया में वेदा के इंटीरियर की भव्यता और अनोखेपन की ख़ासी चर्चा हुई.
उन्होंने कहा था, ''अगर अरमानी और फिलफिगर जैसे विदेशी ब्रांड भारत के हाई स्ट्रीट स्पेस में आते हैं तो उन्हें कोई एतराज नहीं है. लेकिन भारतीय डिजाइन के साथ मैं जैसा काम कर सकता हूं वैसा वो नहीं कर पाएंगे.''
भड़कीले लाइफस्टाइल की वजह से उन्हें भारतीय मीडिया ने 'बैड बॉय ऑफ फैशन' भी कहा था.
लेकिन उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में अपनी शख़्सियत के बारे में बताया था.
उन्होंने शेफाली वासुदेव से कहा था, ''सुंदर मॉडलों से घिरी मेरी तस्वीरों को देख कर लोग सोचते हैं कि मैं एक स्नॉब और हाई-मेंटेनेंस डिजाइनर हूं जो सिर्फ सुंदरता और सुख-सुविधा से भरी ज़िंदगी का तलबगार है. लेकिन जब वो मुझसे मिलते हैं तो उन्हें पता लगता है कि मेरे बारे में उनकी धारणाएं कितनी गलत थीं.''
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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