Top News
Next Story
NewsPoint

वे सात काम जो ट्रंप राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठते ही सबसे पहले करना चाहते हैं

Send Push
Getty Images डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव जीतने के बाद कहा है कि राष्ट्रपति बनने के बाद सात काम उनकी प्राथमिकता में शामिल हैं.

डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अमेरिका के राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं. अपने इस सफ़र में उन्होंने आप्रवासन, अर्थव्यवस्था और यूक्रेन में जंग सहित कई मुद्दों पर कदम उठाने का वादा किया है.

उनकी रिपब्लिकन पार्टी ने भी सीनेट में फिर से बहुमत हासिल कर लिया है. इससे ऐसा लगता है कि अमेरिकी संसद में उन्हें अपने राजनीतिक मुद्दों के पक्ष में पुरज़ोर समर्थन हासिल होगा.

अपनी जीत के मौक़े पर दिए गए भाषण में ट्रंप ने एक शपथ ली. उन्होंने कहा, ‘मैं इस एक सामान्य आदर्श वाक्य के तहत काम करूँगा: जो वादा किया, वह निभाया. हम अपने वादे पूरे करने जा रहे हैं.’

हालाँकि, कुछ मामलों में उन्होंने बहुत कम ब्योरा दिया है कि वे अपने इन मक़सद को कैसे हासिल करेंगे.

image BBC बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए

फॉक्स न्यूज़ ने सन 2023 में उनसे पूछा था कि सत्ता में आने पर क्या वे अपनी ताक़त का ग़लत इस्तेमाल करेंगे या अपने राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाएँगे?

तब उन्होंने जवाब दिया था कि ‘शुरुआती दिन को छोड़कर’, वे ऐसा नहीं करेंगे.

उन्होंने कहा, ‘न… न… न… सिर्फ़ शुरुआती दिन को छोड़कर. हम अपनी सीमा बंद करेंगे… हम ड्रिल करेंगे… ड्रिल करेंगे… ड्रिल करेंगे… इसके बाद, मैं बिल्कुल तानाशाह नहीं हूँ.’

ये भी पढ़ें
1. अवैध प्रवासियों को वापस भेजेंगे image Getty Images यह तस्वीर 5 नवंबर 2024 की है. जब सैकड़ों आप्रवासी मेक्सिको की उत्तरी सीमा की ओर जाते नज़र आये थे. इनमें से अधिकांश वेनेज़ुएला से थे.

प्रचार अभियान के दौरान ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को देश से निकालने का वादा किया था. उनके मुताबिक, यह अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा सामूहिक निष्कासन होगा.

ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान मेक्सिको के साथ लगी सीमा पर दीवार बनाने का काम शुरू हुआ था. उन्होंने इस काम को पूरा करने का भी वादा किया है.

पिछले साल के आख़िर में जो बाइडन-हैरिस प्रशासन के दौरान अमेरिका की दक्षिणी सीमा से आने वालों की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गई थी. हालाँकि, इस साल इसमें गिरावट देखने को मिली है.

विशेषज्ञों ने बीबीसी को बताया है कि जिस बड़े पैमाने पर लोगों को देश से बाहर निकालने का वादा ट्रंप ने किया है, उसमें क़ानूनी और अन्य तरीक़े की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.

इससे आर्थिक विकास के धीमे होने की आशंका है.

2. अर्थव्यवस्था, कर और टैरिफ़ पर पहल करेंगे image Getty Images रिपब्लिकन राष्ट्रपति उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप चुनाव जीत चुके हैं. उन्होंने ‘महँगाई को ख़त्म करने’ का वादा किया है.

एग्ज़िट पोल के आँकड़े बताते हैं कि अमेरिकी मतदाताओं के लिए अर्थव्यवस्था एक महत्वपूर्ण मुद्दा था.

ट्रंप ने ‘महँगाई को ख़त्म करने’ का वादा किया है. राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यकाल के दौरान एक वक़्त में महँगाई दर ऐतिहासिक स्तर तक बढ़ गई थी.

लेकिन महँगाई दर में फिर गिरावट भी आई. हालाँकि, कीमतों पर सीधे असर डालने की राष्ट्रपति की ताक़त सीमित है.

ट्रंप ने 2017 में शुरू किए गए अपने आमूल-चूल बदलाव की योजना को आगे बढ़ाने और व्यापक स्तर पर करों में कटौती का भी वादा किया है.

ट्रंप ने ‘टिप इनकम’ को कर-मुक्त बनाने, सामाजिक सुरक्षा से जुड़े भुगतान पर कर ख़त्म करने और कॉर्पोरेट कर में कटौती करने का भी प्रस्ताव दिया है.

(अमेरिका में किसी काम करने वाले को अगर टिप के तौर पर हर महीने 30 डॉलर से ज़्यादा आय होती है तो यह ‘टिप आय’ है.)

व्यापार घाटे को कम करने के लिए उन्होंने ज़्यादातर विदेशी सामानों पर कम से कम 10 फ़ीसदी के नए टैरिफ़ लगाने का प्रस्ताव भी दिया है.

उन्होंने कहा है कि चीन से होने वाले आयात पर इसके अलावा 60 फ़ीसदी टैरिफ लगाया जा सकता है.

इस पर कुछ अर्थशास्त्रियों ने चेतावनी दी है कि इस तरह के कदम से उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ेगा और कीमतें बढ़ सकती हैं.

ये भी पढ़ें
3. छह जनवरी के कुछ दंगाइयों को माफ़ी image Getty Images साल 2020 में जो बाइडन अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीत गए थे. तब उनकी जीत को नकारते हुए ट्रंप समर्थकों ने अमेरिकी संसद भवन कैपिटल बिल्डिंग पर धावा बोल दिया था.

सन 2020 में जो बाइडन चुनाव जीते थे. उनकी जीत को नकारते हुए ट्रंप समर्थकों ने अमेरिकी संसद भवन कैपिटल बिल्डिंग पर धावा बोल दिया था.

ट्रंप ने कहा है कि वह छह जनवरी 2021 को वाशिंगटन डीसी में हुए इन दंगों के अपराध के लिए दोषी ठहराए गए कुछ लोगों को ‘दोष मुक्त’ करेंगे.

इस दौरान हुई कई मौतों के लिए इसी हिंसा को ज़िम्मेदार माना गया था. इसे भड़काने का आरोप ट्रंप पर लगाया गया था.

ट्रंप ने दंगे के महत्व को कम करने का काम किया है. यही नहीं, राजनीतिक क़ैदियों के रूप में दोषी ठहराए गए सैकड़ों समर्थकों के बचाव करने का भी काम किया.

वे लगातार कहते सुने गए हैं कि इनमें से कई ‘ग़लत तरीक़े से क़ैद’ हैं. हालाँकि, उन्होंने यह भी माना है कि ‘शायद इनमें से कुछ उस वक़्त बेकाबू हो गए थे.’

4. विशेष वकील जैक स्मिथ की बर्ख़ास्तगी image Getty Images ट्रंप पहले ऐसे राष्ट्रपति के रूप में व्हाइट हाउस में वापसी करेंगे जिसे आपराधिक मामले में दोषी पाया गया है.

ट्रंप ने क़सम खाई है कि राष्ट्रपति पद सँभालने के ‘दो सेकंड के अंदर’ वे अपने ख़िलाफ़ दो आपराधिक जाँचों का नेतृत्व करने वाले दिग्गज वकील को बर्ख़ास्त कर देंगे.

विशेष वकील जैक स्मिथ ने ट्रंप को 2020 के चुनाव नतीजों को पलटने की कथित कोशिशों और वर्गीकृत दस्तावेज़ों के कथित दुरुपयोग का दोषी ठहराया था.

हालाँकि, ट्रंप किसी भी तरह का ग़ैरक़ानूनी काम करने से इनकार करते हैं.

यही नहीं, वे चुनाव से पहले इन मुकदमों की सुनवाई रोकने में भी कामयाब रहे हैं. वे कहते हैं, स्मिथ ने उन्हें ‘राजनीतिक दुश्मनी’ का शिकार बनाया है.

ट्रंप पहले ऐसे राष्ट्रपति के रूप में व्हाइट हाउस में वापसी करेंगे जिसे आपराधिक मामले में दोषी पाया गया है. उन्हें न्यूयॉर्क में व्यावसायिक दस्तावेज़ों में हेराफेरी का दोषी पाया गया था.

5. यूक्रेन की जंग ख़त्म करेंगे image Getty Images यह तस्वीर 28 जून 2019 की है. जी20 समिट के दौरान एक-दूसरे से मिलते रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (बाएं) और तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (दाएं). ट्रंप ने रूस-यूक्रेन जंग रुकवाने का दावा किया है.

रूस के साथ यूक्रेन की जंग चल रही है. अमेरिका इस जंग में यूक्रेन की हिमायत कर रहा है.

ट्रंप ने इस समर्थन के लिए अमेरिका द्वारा दसियों अरबों डॉलर ख़र्च करने की आलोचना की है. उन्होंने संकल्प किया है कि वे बातचीत और समझौते के ज़रिए ‘24 घंटे के अंदर’ इस जंग को ख़त्म कर देंगे.

हालाँकि, उन्होंने यह साफ़ नहीं किया कि दोनों पक्षों में से किसे क्या छोड़ना या करना चाहिए. दूसरी ओर, डेमोक्रेट का कहना है कि ऐसे किसी कदम से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का हौसला बढ़ेगा.

ट्रंप चाहते हैं कि अमेरिका आमतौर पर इस तरह के सभी विदेशी संघर्षों से खुद को अलग कर ले.

जहाँ तक ग़ज़ा में जंग की बात है, ट्रंप ने ख़ुद को इसराइल का कट्टर समर्थक बताया है. हालाँकि, उन्होंने अमेरिका के सहयोगी इसराइल से संघर्ष ख़त्म करने की अपील की है.

इसी से जुड़ी हिंसा लेबनान में भी हो रही है. उन्होंने बिना कोई ख़ास ब्योरा दिए, इसे भी ख़त्म करने का वादा किया है.

6. गर्भपात पर कोई पाबंदी नहीं image Getty Images अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेट और रिपब्लिकन उम्मीदवारों के बीच 'गर्भपात पर पाबंदी' एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा था.

अपने कुछ समर्थकों की ख़्वाहिश के ख़िलाफ़, ट्रंप ने कमला हैरिस के साथ राष्ट्रपति पद की बहस के दौरान कहा था कि वह राष्ट्रीय स्तर पर गर्भपात पर पाबंदी लगाने के लिए किसी क़ानून पर दस्तख़त नहीं करेंगे.

सन 2022 में गर्भपात के राष्ट्रव्यापी संवैधानिक अधिकार को सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया था.

उस वक़्त सुप्रीम कोर्ट में संकीर्ण और रूढ़िवादी न्यायधीशों का बहुमत था. ये ट्रंप के राष्ट्रपति के रूप में पहले कार्यकाल के बाद आए थे.

हैरिस के लिए प्रजनन अधिकार चुनाव अभियान का एक प्रमुख मुद्दा बन गया था. यही नहीं, कई राज्यों ने तो मतदान के दिन गर्भपात के अधिकारों की रक्षा या इसके विस्तार के उपायों को मंज़ूरी दी थी.

ट्रंप ने ख़ुद भी लगातार कहा है कि गर्भपात पर अपने क़ानून बनाने के लिए राज्यों को आज़ादी होनी चाहिए. हालाँकि, इस मुद्दे पर ख़ुद उनका विचार बहुत ठोस नहीं रहा है.

7. जलवायु से जुड़े नियमों में कटौती image Getty Images डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका, पेरिस जलवायु समझौते से हटने वाला पहला देश बना था.

राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान ट्रंप ने पर्यावरण संरक्षण से जुड़े सैकड़ों उपाय वापस ले लिए थे.

यही नहीं, उनके ही कार्यकाल में अमेरिका पेरिस जलवायु समझौते से हटने वाला पहला देश बना था.

इस बार भी उन्होंने फिर से नियमों में कटौती करने का संकल्प लिया है. वे ऐसा ख़ासतौर पर अमेरिकी कार उद्योग को फ़ायदा पहुँचाने के लिए करना चाहते हैं.

उन्होंने लगातार इलेक्ट्रिक वाहनों पर हमला किया है. बाइडन ने इलेक्ट्रिक कारों को अपनाने के लिए प्रोत्साहन की नीति अपनाई. इसके लिए लक्ष्य तय किए गए. ट्रंप ने इसे पलटने का वादा किया है.

उन्होंने अमेरिका में गैस, तेल, कोयला… जैसे जीवाश्म ईंधन के उत्पादन को बढ़ाने का संकल्प लिया है.

इसीलिए उन्होंने पवन ऊर्जा जैसी नवीकरणीय या अक्षय ऊर्जा की वकालत करते हुए पहले दिन से ही ‘ड्रिल… ड्रिल… ड्रिल…’ की क़सम खाई है.

वे आर्कटिक जैसे इलाके को तेल की ड्रिलिंग के लिए खोलना चाहते हैं. उनका तर्क है कि इससे ऊर्जा की लागत कम होगी. हालाँकि, विशेषज्ञ उनकी इस बात पर शक ज़ाहिर करते हैं.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां कर सकते हैं. आप हमें , , , और पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

ये भी पढ़ें
image
Explore more on Newspoint
Loving Newspoint? Download the app now