"संभव है कि पाकिस्तान भारत के ख़िलाफ़ क्रिकेट खेलना बंद कर सकता है. अगर मैं पद पर होता तो हां, शायद मैंने ये कड़ा कदम उठाया होता."
पाकिस्तान के पूर्व विकेट-कीपर बल्लेबाज़ राशिद लतीफ़ ने से इंटरव्यू में यह बात कही है.
तीन महीने बाद पाकिस्तान में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी का आयोजन होना है लेकिन अभी तक इस बात पर्दा नहीं उठा है कि भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम पाकिस्तान जाएगी या नहीं.
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने 2021 में चैंपियंस ट्रॉफ़ी 2025 के लिए बतौर मेज़बान पाकिस्तान के नाम की घोषणा की थी और तभी से भारत के जाने को लेकर सवाल उठने लगे थे.
BBC बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए करेंअब जैसे-जैसे टू्र्नामेंट शुरू होने की तारीख़ नज़दीक आ रही है, इस मामले पर पाकिस्तान की तरफ़ से लगातार बयान भी सामने आ रहे हैं. लेकिन भारत ने अभी तक सार्वजनिक रूप से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है.
भारतीय टीम आख़िरी बार साल 2008 में एशिया कप में हिस्सा लेने पाकिस्तान पहुंची थी, जिसके फ़ाइनल में श्रीलंका ने भारत को 100 रन से हराया था.
अब पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने पाकिस्तान में चैंपियंस ट्रॉफ़ी के टूर की घोषणा कर दी है. 16 नवंबर से इस्लामाबाद से होकर ट्रॉफ़ी को पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर भी भेजा जाएगा.
ये भी पढ़ेंसाल 2009 में पाकिस्तान के गद्दाफ़ी स्टेडियम में श्रीलंका की टीम पर हमला हुआ और सुरक्षा को लेकर दुनिया भर में पाकिस्तान की आलोचना हुई.
इस हमले के बाद चैंपियंस ट्रॉफ़ी एक बड़ा मौक़ा है क्योंकि पाकिस्तान में आख़िरी बड़ा टूर्नामेंट 1996 का वर्ल्ड कप हुआ था. इसे पाकिस्तान ने श्रीलंका और भारत के साथ मिलकर होस्ट किया था.
पाकिस्तानी मीडिया में बीते रविवार से इस बात की चर्चा हो रही है कि भारत ने पाकिस्तान में चैंपियंस ट्रॉफ़ी के लिए अपनी टीम भेजने से इनकार कर दिया है. हालांकि बीसीसीआई ने अब तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है.
ईएसपीएन क्रिकइन्फो की के मुताबिक़, बीसीसीआई ने भले ही औपचारिक रूप से कुछ नहीं कहा है लेकिन इस मामले पर उनका रुख़ नहीं बदलने वाला है. बीसीसीआई पाकिस्तान जाने के लिए अभी तक भारत सरकार की अनुमति का इंतज़ार कर रही है.
Get ready, Pakistan!
— Pakistan Cricket (@TheRealPCB) November 14, 2024
The ICC Champions Trophy 2025 trophy tour kicks off in Islamabad on 16 November, also visiting scenic travel destinations like Skardu, Murree, Hunza and Muzaffarabad. Catch a glimpse of the trophy which Sarfaraz Ahmed lifted in 2017 at The Oval, from 16-24… pic.twitter.com/SmsV5uyzlL
8 नवंबर को पीसीबी चेयरमैन मोहसिन नक़वी ने एक की थी और कहा, "दो महीने से भारतीय मीडिया में ख़बरें चल रही हैं कि भारतीय टीम नहीं आ रही है. हमारा साफ़ तौर पर मानना है कि अगर ऐसा कुछ होता है या किसी को कोई ऐतराज़ है तो हमें लिखित में दीजिए."
पीसीबी के पूर्व चेयरमैन नजम सेठी में कहते हैं, "इसमें बीसीसीआई से बड़ा मसला भारत सरकार का है. बीसीसीआई तो चाहती है कि टीम पाकिस्तान आए लेकिन भारत में यह सुरक्षा से ज़्यादा राजनीतिक मुद्दा है."
ये भी पढ़ेंभारत अगर पाकिस्तान जाने के लिए तैयार नहीं होता है तो हाइब्रिड मॉडल एक विकल्प हो सकता है.
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि बीसीसीआई ने आईसीसी से भारत के मैच को किसी दूसरे देश में कराने की बात कही है.
हालांकि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन मोहसिन नक़वी का कहना है कि उनसे न तो हाइब्रिड मॉडल पर कोई बात हुई है और न ही वो इस पर बातचीत के लिए तैयार हैं.
मोहसिन नक़वी ने कहा, "हमारा रुख़ साफ़ है कि अगर उन्हें (बीसीसीआई) कोई आपत्ति है तो हमें लिखित में दें. लिखित में मिलने से पहले हाइब्रिड मॉडल पर कोई बात नहीं होगी और हम इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं."
साल 2023 में एशिया कप पहली बार हाइब्रिड मॉडल की तर्ज़ पर हुआ था. भारत ने पाकिस्तान जाने से मना कर दिया था और फिर भारत के मैच श्रीलंका में खेले गए थे.
लेकिन अगर पाकिस्तान ने हाइब्रिड मॉडल स्वीकार नहीं किया और भारत पाकिस्तान में खेलने के लिए तैयार नहीं हुआ तो क्या होगा? तब ऐसी स्थिति में दूसरा विकल्प है कि किसी दूसरे देश में चैंपियंस ट्रॉफ़ी का आयोजन हो. क्या पाकिस्तान इसके लिए राज़ी होगा?
नजम सेठी कहते हैं, "ऐसी स्थिति में पाकिस्तान या तो चैंपियंस ट्रॉफ़ी का बायकॉट करेगा या फिर किसी दूसरी जगह पर खेलने के लिए राज़ी होगा. लेकिन मुझे लगता है कि अगर पाकिस्तान किसी दूसरे देश में जाता है तो उनके लिए यह मुश्किल स्थिति होगी. राजनीतिक गलियारों में यह एक बड़ा मुद्दा बन सकता है."
पीसीबी ने चैंपियंस ट्रॉफी की मेज़बानी के लिए नेशनल स्टेडियम कराची और गद्दाफ़ी स्टेडियम लाहौर के नवीनीकरण के लिए लाखों डॉलर खर्च किए हैं. अगले दो महीने के भीतर काम पूरा होने की उम्मीद है. अगर टूर्नामेंट किसी दूसरे देश में होगा तो फिर इस ख़र्चे का क्या होगा?
अगर दोनों देश आम सहमति पर नहीं आते हैं तो तीसरा विकल्प है कि आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी को अनिश्चित काल के निलंबित कर दे. लेकिन इससे पाकिस्तान को बहुत ज़्यादा आर्थिक नुक़सान होगा क्योंकि पाकिस्तान ने पहले से निर्धारित स्टेडियमों- कराची, लाहौर और रावलपिंडी में भारी निवेश किया है.
पाकिस्तान के हितों को ध्यान में रखते हुए नजम सेठी कहते हैं, "पाकिस्तान को समझदारी से फ़ैसले लेने चाहिए न कि भावनाओं को ध्यान में रखते हुए. भारत के पास बहिष्कार के पीछे का तर्क पता है और वह इसे जारी रख सकता है. उन्होंने पहले भी ऐसा किया है, तब आईसीसी मजबूर हो जाएगा. लेकिन पाकिस्तान क्या करेगा?"
Getty Images 2017 में चैंपियंस ट्रॉफ़ी जीतने के बाद पाकिस्तान की टीम. पाकिस्तान को कितना नुक़सान होगा?चैंपियंस ट्रॉफ़ी के बजट के बारे में वेबसाइट क्रिकबज़ ने अगस्त 2024 में एक प्रकाशित की थी.
इस रिपोर्ट में बताया गया था कि आईसीसी ने चैंपियस ट्रॉफ़ी के लिए लगभग 65 मिलियन डॉलर का बजट निर्धारित किया है. इस बजट में पाकिस्तान के बाहर कुछ खेलों के आयोजन से जुड़ी लागतें शामिल हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक़, 'टूर्नामेंट के लिए लगभग 3.5 करोड़ डॉलर आवंटित किए गए हैं. साथ ही टीमों की भागीदारी और पुरस्कार राशि के लिए अतिरिक्त 2 करोड़ डॉलर रखे गए हैं. 20 दिन में 15 मैचों के ब्रॉडकास्ट के लिए एक करोड़ डॉलर की राशि को भी मंज़ूरी दी गई है."
पीसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बीबीसी को बताया था कि टूर्नामेंट के कार्यक्रम की घोषणा 11 नवंबर को की जानी थी लेकिन अब इसे निलंबित कर दिया गया है और अब आईसीसी इस पर फ़ैसला करेगी.
किसी भी आईसीसी टूर्नामेंट के कार्यक्रम की घोषणा टूर्नामेंट से 100 दिन पहले की जाती है ताकि मेज़बान देश, प्रसारकों और अन्य पक्षों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल सके.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां कर सकते हैं. आप हमें , , और पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)
You may also like
झामुमो-कांग्रेस ने राज्य में घुसपैठियों को बढ़ावा दिया : गौरव भाटिया
प्रदेश सरकार ने सोलर फेसिंग सब्सिडी बंद कर किसानों-बागवानों से किया अन्याय : भाजपा
शिमला में धूमधाम से मनाई श्री गुरु नानक जयंती
वायु प्रदूषण से बच्चों में बढ़ सकता है फेफड़ों के कैंसर और अस्थमा का खतरा : विशेषज्ञ
कांग्रेस छोड़ 'आप' में शामिल हुए वीर सिंह धींगान, बोले 'शीर्ष नेतृत्व ने नहीं सुनी'