पाकिस्तान में होने वाली आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी को लेकर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने फिर साफ़ कर दिया है कि इसमें वो हाइब्रिड मॉडल को स्वीकार नहीं करेगा और अगर भारत की चिंताएं हैं तो वो पीसीबी को बताए उन्हें दूर किया जाएगा.
इस हाइब्रिड मॉडल की चर्चा भारत की वजह से हो रही है क्योंकि ऐसी संभावनाएं जताई जा रही हैं कि भारतीय क्रिकेट टीम चैंपियंस ट्रॉफ़ी के लिए पाकिस्तान का दौरा नहीं करेगी. इस वजह से भारत के मैच संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई में कराए जाने की बात हो रही है.
अब पीसीबी के चेयरमैन मोहसिन नक़वी ने कि उन्होंने आईसीसी को पत्र लिखकर कहा है कि वो कहीं और मैच कराने को स्वीकार नहीं करेंगे और इस पत्र का जवाब अब तक नहीं आया है.
मोहसिन नक़वी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उनकी बात सिर्फ़ आईसीसी से हो रही है और भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) से इसको लेकर कोई बात नहीं हुई है.
BBC बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए पीसीबी ने और क्या कहा?पाकिस्तानी मीडिया में कहा जा रहा है कि पीसीबी इस बार हाइब्रिड मॉडल के लिए तैयार नहीं है. (हाइब्रिड मॉडल यानी टूर्नामेंट के कुछ मैच पाकिस्तान में और कुछ मैच किसी तटस्थ जगह पर.) ऐसे में अब क्या विकल्प बचते हैं?
पत्रकारों से बातचीत में पीसीबी चेयरमैन मोहसिन नक़वी ने कहा कि राजनीति और क्रिकेट दो अलग-अलग चीज़ें हैं.
उन्होंने कहा, “मैं आज भी ये मानता हूं कि कोई भी स्पोर्ट्स और राजनीति अलग-अलग चीज़ें हैं. किसी भी मुल्क को इसे बीच में नहीं लाना चाहिए. मैं भी अब भी अच्छे की उम्मीद करता हूं.”
पत्रकारों के साथ बातचीत में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी टूर की भी चर्चा हुई. पीसीबी ने पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के मुजफ़्फ़राबाद में भी ट्रॉफी टूर ले जाने की घोषणा की थी, लेकिन आईसीसी ने इसकी अनुमति नहीं दी थी.
एक पत्रकार ने सवाल पूछा, “आईसीसी कहता है कि वो राजनीति से दूर रहता है लेकिन 2023 के वर्ल्ड कप ट्रॉफ़ी टूर के दौरान ट्रॉफ़ी को लद्दाख़ ले जाया गया था जो कश्मीर का हिस्सा है. आईसीसी से पूछकर पीसीबी ने मुज़फ़्फ़राबाद और गिलगित के टूर की घोषणा की थी उस पर आईसीसी ने रोक लगा दी. क्या आईसीसी भारतीय एजेंडे पर ही काम करता है?”
इसके जवाब में मोहसिन नक़वी ने कहा, “मेरा मानना है कि आईसीसी को अपनी विश्वसनीयता के बारे में ख़ुद ही सोचना पड़ेगा. क्योंकि वो दुनिया की सभी क्रिकेट एसोसिएशन की एक बॉडी है. टूर का दोबारा शेड्यूल जारी हुआ है लेकिन उसके रद्द होने की हमें सूचना नहीं है.”
इस समय बीसीसीआई के सचिव जय शाह आईसीसी के फ़ाइनेंस और कॉमर्शियल अफ़ेयर्स कमिटी के चेयरमैन भी हैं. साथ ही बीसीसीआई दुनिया का सबसे मालदार और ताक़तवर समझे जाने वाला बोर्ड है. इस वजह से आईसीसी में बीसीसीआई के दबाव के दावे किए जाते हैं.
इसी प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान मोहसिन नक़वी ने घोषणा की कि पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर आकिब जावेद चैंपियंस ट्रॉफ़ी तक पाकिस्तान क्रिकेट टीम (वनडे और टी20) के हेड कोच रहेंगे.
मोहसिन नक़वी ने बताया कि स्थाई कोच का चुनाव जल्दबाज़ी में नहीं किया गया है. तीन महीने तक आकिब जावेद सिर्फ़ वनडे और टी20 टीम के हेड कोच रहेंगे. और 10-15 दिन में स्थाई हेड कोच को चुनने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
इसी दौरान मोहसिन नक़वी ने दावा किया कि दुनिया के सभी देशों की टीमें पाकिस्तान आने को तैयार हैं.
उन्होंने कहा, “सभी टीमें पाकिस्तान आने को तैयार हैं और किसी को कोई दिक़्क़त नहीं है. मैं आज भी कहूंगा कि अगर इंडिया को कोई चिंता है तो हमसे बात करे, हम उनकी चिंताएं दूर कर देंगे. मुझे नहीं लगता है कि ऐसी कोई वजह है जिसकी वजह से इंडियन टीम नहीं आ सकती हो.”
आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफ़ी के लिए भारत अगर पाकिस्तान का दौरा नहीं करेगा तो उसकी जगह कई दूसरे विकल्पों की चर्चा हो रही है.
इस टूर्नामेंट को कराने को लेकर अब सबकी निगाहें आईसीसी पर टिकी हैं, जिस पर इस मुश्किल का हल निकालने का दारोमदार है.
पीसीबी के पूर्व चेयरमैन नजम सेठी ने कुछ दिनों पहले कहा था कि आईसीसी के पास सिर्फ़ तीन विकल्प हैं.
पहला कि भारत पाकिस्तान आ जाए, दूसरा हाइब्रिड मॉडल और तीसरा पूरा टूर्नामेंट पाकिस्तान से बाहर कराया जाए.
अब चैंपियंस ट्रॉफ़ी मुक़ाबलों को शुरू होने में 100 दिनों से कम का वक़्त रह गया है और पीसीबी ने चैंपियंस ट्रॉफ़ी का टूर शुरू कर दिया है.
यह ट्रॉफ़ी भारत, इंग्लैंड, न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ़्रीका, बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान समेत आठ देशों में जाएगी.
2017 में लंदन में हुई चैंपियंस ट्रॉफ़ी में पाकिस्तान ने भारत को 180 रनों से हराकर चैंपियनशिप जीती थी और उसे 2025 के टूर्नामेंट की मेज़बानी सौंपी गई थी और ट्रॉफी का टूर इस्लामाबाद से 16 नवंबर को शुरू हो चुका है.
पाकिस्तान में जब इस ट्रॉफ़ी को पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में ले जाने का शेड्यूल जारी हुआ तो भारत ने आपत्ति दर्ज की थी.
पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर को ट्रॉफ़ी टूर में शामिल किए जाने को लेकर नजम सेठी ने कहा था, “ऐसे फ़ैसले पीसीबी खुद नहीं लेता है. उसे ऐसी सलाह मिली होगी. पहले जितनी ट्रॉफ़ी आती रही हैं, उन्हें अधिक से अधिक पाकिस्तान के तीन चार शहरों में ले जाया जाता रहा है.”
उन्होंने कहा, “शेड्यूल देखकर मुझे थोड़ी हैरानी हुई क्योंकि ट्रॉफ़ी टूर में गिलगित, बल्तिस्तान भी शामिल कर लिया गया. मेरे ख़्याल से यह सोचा समझा फ़ैसला था और यह पीसीबी का नहीं था. शायद यह अंदाज़ा लगाने के लिए किया गया.”
उन्होंने कहा, “ये फ़ैसला करते हुए पीसीबी को पता रहा होगा कि ऐसी प्रतिक्रिया आएगी.''
नजम सेठी ने कहा, "पाकिस्तान अंदाज़ा लेना चाहता था लेकिन दांव उल्टा पड़ गया. अब भारत और कड़ा रुख़ अपनाएगा."
इससे पहले उन्होंने कहा कि बैक चैनल कूटनीतिक बातचीत के ज़रिए भारत को मनाए जाने की संभावना तलाशनी चाहिए.
भारत में पाकिस्तान के पूर्व उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने एक पाकिस्तानी टीवी चैनल पर कहा, “अगर इस आईसीसी टूर्नामेंट में भारत या पाकिस्तान या दोनों नहीं खेलते तो दो अरब डॉलर का नुकसान होगा.”
पाकिस्तान में ये भी एक चिंता है कि उसने इस टूर्नामेंट की तैयारियों पर काफ़ी राशि खर्च कर दी है.
अब्दुल बासित कहते हैं, “पाकिस्तान ने नेशनल स्टेडियम कराची और गद्दाफ़ी स्टेडियम लाहौर और रावलपिंडी स्टेडियम के नवीनीकरण और अन्य तैयारियों पर तक़रीबन 15-16 अरब रुपये ख़र्च कर दिए हैं.”
वेबसाइट क्रिकबज़ की एक रिपोर्ट के अनुसार, आईसीसी ने चैंपियस ट्रॉफ़ी के लिए लगभग 65 मिलियन डॉलर का बजट निर्धारित किया है.
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