उत्तर प्रदेश के झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार रात भीषण आग लगने से 10 नवजात की मौत हो गई.
ये आग अस्पताल के नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (एनआईसीयू) में लगी. झांसी के ज़िलाधिकारी अविनाश कुमार ने 10 नवजात की मौत की पुष्टि की है.
वहीं शनिवार की तड़के यूपी के उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक घटनास्थल पर . उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय ने पर पोस्ट करके बताया है कि मृत नवजात बच्चों के परिजनों को पांच लाख रुपये और गंभीर घायलों को पचास हज़ार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.
वहीं यूपी की मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना पर दुख जताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निंदा की है.
BBC बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए करेंउन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री को चुनाव प्रचार छोड़कर चिकित्सा के हालात पर ध्यान देना चाहिए.
उन्होंने पर एक पोस्ट लिखकर राज्य सरकार को मृत नवजातों के परिजनों को एक करोड़ रुपये की सहायता राशि देने की मांग की है.
ब्रजेश पाठक ने घटनास्थल पर पहुंचने के बाद , "हम परिजनों के साथ मिलकर बच्चों की पहचान कर रहे हैं. घटना के उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं. पहली जांच शासन स्तर पर होगी, जो कि स्वास्थ्य विभाग करेगा. दूसरी जांच पुलिस प्रशासन की तरफ से की जाएगी. जिसमें फायर विभाग की टीम भी शामिल होगी. तीसरी जांच मजिस्ट्रेट के स्तर पर होगी. हर हाल में घटना की जांच की जाएगी. जो भी कारण होंगे वे प्रदेश की जनता के सामने रखे जाएंगे."
घटना कब और कैसे हुई? ANI झांसी के चीफ़ मेडिकल सुपरिंटेंडेंट सचिन महोर का कहना है कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में सबसे पहले आग लगीझांसी के चीफ़ मेडिकल सुपरिंटेंडेंट सचिन महोर ने है कि ये घटना ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में आग लगने से हुई है.
उन्होंने बताया, “एनआईसीयू वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे और अचानक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में आग लग गई जिसको बुझाने की कोशिशें की गईं. लेकिन कमरा हाइली ऑक्सिजिनेटेड रहता है तो आग तुरंत फैल गई. इसलिए हमने जितनी कोशिश की जा सकती थी बच्चों को बाहर निकाला. ज़्यादातर बच्चों को सकुशल बाहर निकाला गया है. फ़िलहाल 10 बच्चों की मौत हुई है.”
वहीं झांसी ज़िले के डीएम अविनाश कुमार ने घटना की जानकारी देते हुए देर रात था, "मौके पर मौजूद स्टाफ़ से प्राप्त प्राथमिक जानकारी के अनुसार, 10:30 से 10:45 बजे के बीच संभवत: शॉर्ट सर्किट की वजह से एनआईसीयू के अंदर की यूनिट में आग लगी.”
“10 बच्चों की मौत की सूचना मिली है. समय पर टीम पहुंच गई थी और कई बच्चों को सुरक्षित बचा लिया गया है. कमिश्नर और डीआईजी की निगरानी में जांच समिति बनाई गई है जिसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी."
BBC एक चश्मदीद का कहना है कि उनका बच्चा नहीं मिल रहा है चश्मदीदों ने क्या बतायाएक चश्मदीद ने बताया है कि आग लगने के बाद जाली को तोड़कर कई नवजात को बाहर निकाला गया. उनका कहना है कि उनका बच्चा नहीं मिल रहा है.
वहीं एक और चश्मदीद कृपाल सिंह राजपूत ने कहा, “वो बच्चे को दूध पिलाने अंदर गए थे उसी दौरान एक मैडम भागते हुए आईं और उनके पैर में आग लगी हुई थी. वो चिल्ला रही थीं. हमने करीब 20 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला और मैडमों को बच्चों को पकड़ाया.”
“किसी बच्चे को ऑक्सीजन लगी थी और कोई गंभीर हालत में था. हमने उठाकर बच्चों को अस्पताल प्रशासन को सुरक्षित पकड़ाया ताकि जिसका भी बच्चा हो वो सुरक्षित बच जाए. आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है लेकिन मशीनें ज़्यादा हीट हो गई थीं. जिससे बच्चों की मौत हो गई.
ऋषभ यादव नाम के एक चश्मदीद ने बताया कि यहां काफ़ी अफ़रा-तफ़री मची हुई थी, आग जब लगी तो लगभग 50 बच्चे रहे होंगे और लोग अपने बच्चों को इमरजेंसी की ओर लेकर भागे.
उन्होंने बताया कि कुछ परिवारों को तो ये भी पता नहीं है कि उनके बच्चे कहां हैं, प्रशासन को इसकी जानकारी देनी चाहिए.
राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर सोशल मीडिया वेबसाइट पर पोस्ट लिखकर घटना पर दुख ज़ाहिर किया है. वहीं उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक घटनास्थल पर पहुंचे हैं.
ब्रजेश पाठक ने कहा, “घटना कैसे हुई, किन कारणों से हुई, हम इस बात का पता लगाएंगे और अगर किसी स्तर पर लापरवाही पाई गई तो उसकी ज़िम्मेदारी तय करेंगे और सख़्त कार्रवाई करेंगे. किसी को छोड़ा नहीं जाएगा."
उपमुख्यमंत्री ने कहा, "हम यह ज़रूर तय करेंगे कि क्या किसी लापरवाही से आग लगी है. अगर लापरवाही नहीं है, हादसा है तो उसकी भी जांच रिपोर्ट सामने रखी जाएगी. हमने शुरुआती तौर पर, डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ़ से बात की है. सबने बहुत बहादुरी के साथ बच्चों को बचाया है. बड़ी संख्या में बच्चों को रेस्क्यू किया गया है. जो महिलाएं भर्ती थीं उनको भी रेस्क्यू किया गया है."
ब्रजेश पाठक ने अस्पताल के फ़ायर सेफ़्टी ऑडिट से जुड़े सवाल पर कहा, “फ़रवरी में अस्पताल का फ़ायर सेफ़्टी ऑडिट हुआ था. जून में मॉक ड्रिल भी किया गया था. लेकिन यह घटना क्यों और कैसे हुई, यह जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा.”
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर लिखा, ''जनपद झांसी स्थित मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में घटित एक दुर्घटना में हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुःखद एवं हृदयविदारक है. जिला प्रशासन तथा संबंधित अधिकारियों को युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों को संचालित कराने के निर्देश दिए हैं. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को सद्गति एवं घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें.''
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