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इसराइल डिफेंस फ़ोर्स ने लेबनान में ज़मीन से सैन्य कार्रवाई की घोषणा की

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Getty Images उत्तरी इसराइल के सीमाई इलाक़े में पट्रोलिंग करते आईडीएफ़ के जवान

इसराइल डिफेंस फोर्स ने लेबनान (आईडीएफ़) में ज़मीन पर सैन्य ऑपरेशन की घोषणा की है.

आईडीएफ़ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जारी एक बयान में कहा कि दक्षिणी लेबनान में वह ज़मीन से सैन्य कार्रवाई शुरू करने जा रहा है.

आईडीएफ ने कहा, ''हम दक्षिणी लेबनान में ज़मीन से सैन्य कार्रवाई करने जा रहे हैं. हम दक्षिणी लेबनान में हिज़्बुल्लाह आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाएंगे. यह सैन्य कार्रवाई सीमित दायरे में होगी. ये टारगेट सीमा से लगे गाँवों में हैं. यहीं से उत्तरी इसराइल में सीमा पर बसे लोगों पर हिज़्बुल्लाह हमला करता है. यह सैन्य ऑपरेशन योजना के तहत हो रही है, जिसकी तैयारी हाल के महीनों में हुई थी. इसराइली एयरफोर्स और आईडीएफ़ मिलकर इस सैन्य कार्रवाई को अंजाम दे रहे हैं.''

इसराइल के रक्षा मंत्री याओव गैलेंट ने लेबनानी सरहद के क़रीब इसराइली सैनिकों से 30 सितंबर को मुलाक़ात की थी.

इस दौरान गैलेंट ने कहा था, ''हम अपनी सारी क्षमताओं का इस्तेमाल करेंगे. आप भी इस मुहिम का हिस्सा हैं. हमें भरोसा है कि आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं.''

गैलेंट ने कहा, ''जो कुछ किए जाने की ज़रूरत है, वो किया जाएगा. हम हवा, जल और ज़मीन के रास्ते अपनी सारी ताक़त का इस्तेमाल करेंगे.''

बीबीसी के डिप्लोमैटिक संवाददाता पॉल एडम्स के मुताबिक़, इसराइल चाहता है कि हिज़्बुल्लाह ये सोचे कि ज़मीन के रास्ते हमला हो सकता है. इसके संकेत कई दिनों से दिए जा रहे हैं.

हिज़्बुल्लाह के डिप्टी लीडर शेख़ नईम क़ासिम ने कहा, ''इसराइल के ज़मीनी आक्रमण से निपटने के लिए हिज़्बुल्लाह तैयार है. हम इसराइल के ख़िलाफ़ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.'' क़ासिम ने अपने भाषण के आख़िर में 'सब्र' बनाए रखने की बात की.

image BBC बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें इसराइल छेड़ेगा ज़मीनी जंग?

इसराइल ने 17 सितंबर को लेबनान में पेजर और वॉकी-टॉकी में कई विस्फोट किए थे. इन धमाकों में क़रीब 39 लोगों की जान गई थी. मरने वालों में हिज़्बुल्लाह के लड़ाकों के साथ आम नागरिक भी शामिल थे.

इसके बाद लेबनान में इसराइली कार्रवाई लगातार बढ़ती गई है.

हिज़्बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह के मारे जाने के बाद भी इसराइल लेबनान पर लगातार हमले कर रहा है. अमेरिका समेत पश्चिमी देशों की ओर से सीज़फायर की अपील करने के बाद भी इसराइल अपनी कार्रवाई जारी रखे हुए है.

ऐसे में जब इसराइल की ओर से ज़मीनी कार्रवाई के संकेत दिए जा रहे हैं, तो क्या वो वाक़ई ऐसा कर सकता है?

बीबीसी के डिप्लोमैटिक संवाददाता पॉल एडम्स के मुताबिक़, इसराइली सेना के टैंक लेबनान की सरहद के पास बड़ी संख्या में जुट रहे हैं. इसराइली सेना प्रमुख ने हिज़्बुल्लाह के गढ़ में ऑपरेशन करने के लिए अपने सैनिकों से तैयार रहने को कहा है.

सेना की ओर से दक्षिणी लेबनान के अंदर बफर ज़ोन बनाए जाने के भी संकेत मिले हैं. हालांकि ख़बर लिखे जाने तक ऐसी कोई जानकारी पता नहीं चली है, जिसमें लेबनान के अंदर इसराइली सैनिक ज़मीन के रास्ते घुसे हों.

इस बीच इसराइल लेबनान पर हवाई हमले जारी रखे हुए है. इन्हीं हमलों के दौरान 27 सितंबर को हिज़्बुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह भी मारे गए थे.

इसराइल के इन हमलों में हमास के नेता भी मारे गए हैं.

लेबनान में अधिकारियों का कहना है कि बीते दो हफ़्तों में इसराइली हमलों के कारण एक हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 10 लाख से ज़्यादा लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है.

संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि इसराइली हमलों के कारण क़रीब एक लाख लोग लेबनान छोड़कर सीरिया चले गए हैं.

image Reuters हिज़्बुल्लाह के डिप्टी लीडर नईम क़ासिम नसरल्लाह की मौत के बाद हिज़्बुल्लाह का पहला बड़ा बयान

हसन नसरल्लाह के मारे जाने के बाद हिज़्बुल्लाह के किसी बड़े नेता का पहला बयान 30 सितंबर को आया.

हसन की जगह कौन लेगा? हिज़्बुल्लाह के डिप्टी लीडर नईम क़ासिम ने बताया कि इस बारे में जल्द काउंसिल की बैठक में तय किया जाएगा.

क़ासिम ने कहा, ''जंग लंबी चल सकती है. विकल्प खुले हुए हैं. ज़मीनी आक्रमण के ख़िलाफ़ हम तैयार हैं और जीत हमारी होगी. हम लेबनान के लोगों और सरकार का शुक्रिया अदा करते हैं.''

बेरूत में बीबीसी फ़ारसी सेवा की मध्य पूर्व संवाददाता नफीसा कोहनावर्ड के मुताबिक़, ये साफ़ है कि क़ासिम ये संदेश देना चाहते हैं कि भले ही बड़े झटकों का सामना करना पड़ रहा है, मगर हिज़्बुल्लाह अब भी खड़ा है और इसराइल के ख़िलाफ़ जंग में जुटा हुआ है.

हिज़्बुल्लाह अपने समर्थकों तक ये बात पहुंचाना चाहता है कि चाहे कोई भी इस जंग में मारा जाए, प्रतिरोध उसकी जगह लेगा और मज़बूत बना रहेगा.

हालांकि हिज़्बुल्लाह के कुछ समर्थकों के बीच निराशा का माहौल है. बेरूत में एक व्यक्ति ने हसन नसरल्लाह की तस्वीर दिखाते हुए कहा, ''अब कहने को क्या बचा है. हमारा नेता जा चुका है. हम अनाथ हो चुके हैं.''

हालांकि कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो ये मानकर चल रहे हैं कि हसन ज़िंदा हैं. 55 साल की महिला जिहान कहती हैं- ये युद्ध के पैंतरे हैं, हसन ज़िंदा हैं.

image Reuters संयुक्त राष्ट्र में इसराइल के पीएम बिन्यामिन नेतन्याहू. तस्वीर 27 सितंबर 2024 की है. जब नेतन्याहू बोलने के लिए मंच पर आए थे तो कई देशों ने वॉक-आउट किया था. नेतन्याहू ने क्या कहा

बीते एक साल से ग़ज़ा में इसराइल हमले कर रहा है. इसराइल कहता है कि वो हमास को निशाना बना रहा है. बीते दिनों इसराइल लेबनान में अपनी बमबारी को हिज़्बुल्लाह के ख़िलाफ़ कार्रवाई बता रहा है.

हिज़्बुल्लाह लेबनान के अंदर राजनीतिक तौर पर भी है और सैन्य शक्ति के रूप में भी है.

हमास और हिज़्बुल्लाह दोनों को इसराइल 'आतंकवादी संगठन' कहता है. हमास और हिज़्बुल्लाह को ईरान का समर्थन हासिल है.

जुलाई में तेहरान में हमास नेता इस्माइल हानिया की हत्या हो गई थी. इसके लिए इसराइल को ज़िम्मेदार माना गया था. तब एक बार फिर ईरान और इसराइल के बीच तकरार देखने को मिली थी.

अब जब हिज़्बुल्लाह पर हमले बढ़े हैं तो निगाहें ईरान की तरफ़ भी जा रही हैं. ख़ासकर तब जब 29 सितंबर को इसराइल ने यमन में हूती विद्रोहियों को भी निशाना बनाया है.

ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने कहा, ''इसराइल की किसी भी आपराधिक हरकत को बख़्शा नहीं जाएगा. ईरान युद्ध नहीं चाहता है पर युद्ध से डरता भी नहीं है.''

इसराइल अपने हर दुश्मन के ख़िलाफ़ जंग छेड़े दिख रहा है.

इसराइल के पीएम बिन्यामिन नेतन्याहू ने कहा है, ''मध्य-पूर्व में ऐसी कोई जगह नहीं, जहां इसराइल पहुंच नहीं सकता. ऐसी कोई जगह नहीं, जहां हम अपने देश और नागरिकों की रक्षा के लिए ना जाएं.''

ईरानी नेताओं को घेरते हुए नेतन्याहू ने ईरान के नागरिकों से कहा- आपको ये पता होना चाहिए कि इसराइल आप लोगों के साथ खड़ा है.

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 30 सितंबर की शाम इसराइल के पीएम बिन्यामिन नेतन्याहू से बात की है.

पीएम मोदी ने इस बारे में सोशल मीडिया पर लिखा, "प्रधानमंत्री नेतन्याहू से पश्चिमी एशिया में ताज़ा हालात के बारे में बातचीत की. हमारी दुनिया में आतंकवाद की कोई जगह नहीं है. क्षेत्रीय तनाव को रोकने और सभी बंधकों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करना अहम है. भारत शांति और स्थिरता की जल्द बहाली के प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है."

image Reuters ख़ान यूनुस में बने एक शरणार्थी कैंप में बच्ची पानी की तलाश में. तस्वीर मई 2024 की है. ग़ज़ा में इसराइली हमलों के कारण बड़ी संख्या में बच्चे मारे गए हैं या अनाथ हुए हैं. हिज़्बुल्लाह पर हमले क्यों कर रहा है इसराइल

सात अक्तूबर 2023 को हमास के लड़ाकों ने इसराइल पर हमला किया था. इसराइल का कहना है कि इन हमलों में 1200 से ज़्यादा इसराइली मारे गए और 200 से ज़्यादा लोगों को बंधक बनाया गया.

इन बंधकों की रिहाई को लेकर इसराइल में नेतन्याहू के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं.

हमास के हमले के बाद इसराइल ने ग़ज़ा और वेस्ट बैंक पर सैन्य कार्रवाई शुरू की.

हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इसराइली कार्रवाई में अब तक 40 हज़ार से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं. मारे गए लोगों में बच्चों और महिलाओं की बड़ी संख्या है.

ग़ज़ा पर इसराइल के हमले के बाद हिज़्बुल्लाह हमास के समर्थन में आया था.

हिज़्बुल्लाह ने लेबनान की सरहद के क़रीब इसराइल पर लगातार रॉकेट हमले किए. इन हमलों के कारण लेबनान की सरहद के पास रह रहे हज़ारों इसराइली नागरिकों को अपना घर छोड़ना पड़ा है.

इसराइल का कहना है कि वो अपने नागरिकों की सुरक्षित घर वापसी के लिए हिज़्बुल्लाह को निशाना बना रहा है.

वहीं हिज़्बुल्लाह का कहना है कि जब तक ग़ज़ा में इसराइली हमले नहीं रुकेंगे, तब तक वो हमले जारी रखेगा.

हालांकि फिलहाल हमले ख़ुद हिज़्बुल्लाह पर हो रहे हैं और कभी शांत सा दिखने वाला लेबनान का आसमान काले धुएं के गुबार से भरा नज़र आ रहा है.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

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