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स्क्रीन टाइम का बच्चों की सेहत पर पड़ता है गलत असर, ऐसे करें टाइम मैनेजमेंट | CliqSED

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आज के डिजिटल युग में बच्चे मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स पर अधिक समय बिताने लगे हैं, जिससे उनकी शारीरिक गतिविधियां कम हो गई हैं। लगातार स्क्रीन के सामने समय बिताने से बच्चों में मोटापा, आलस्य, और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। इस प्रकार की जीवनशैली का बच्चों की हृदय स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है। ऐसे में बच्चों के स्क्रीन टाइम को सीमित करना और उन्हें शारीरिक गतिविधियों में संलग्न करना अत्यंत आवश्यक हो गया है। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं जिनसे आप बच्चों का स्क्रीन टाइम नियंत्रित कर सकते हैं और उन्हें फिट और स्वस्थ रख सकते हैं।

बच्चों का स्क्रीन टाइम कम करने के तरीके

1. फैमिली डांस पार्टी: बच्चों के पसंदीदा गानों पर हर सप्ताह एक डांस पार्टी का आयोजन करें। इससे बच्चे एक्टिव रहेंगे और दिल का स्वास्थ्य भी बेहतर होगा।

2. साप्ताहिक आउटडोर स्कैवेंजर हंट: घर के आसपास या पार्क में एक स्कैवेंजर हंट गेम प्लान करें। इसमें बच्चे चीजें ढूंढ़ने में भाग लेते हैं, जो उनके दिल और शारीरिक फिटनेस के लिए बेहतरीन एक्सरसाइज है।

3. बाइक राइडिंग और स्केटिंग: बच्चों के साथ बाहर बाइक राइडिंग या स्केटिंग करें। यह न केवल उनके दिल को मजबूत बनाएगा, बल्कि उन्हें स्क्रीन से भी दूर रखेगा।

4. आउटडोर खेल जैसे बैडमिंटन और फ्रिसबी: क्रिकेट, बैडमिंटन, और फ्रिसबी जैसे आउटडोर गेम्स में बच्चों को शामिल करें, जिससे वे शारीरिक रूप से सक्रिय रहेंगे।

5. गार्डनिंग में शामिल करें: बच्चों को गार्डनिंग जैसे पौधों को पानी देना, मिट्टी से खेलना जैसी हल्की गतिविधियों में संलग्न करें। यह उनके स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होगा।

6. मिनी स्पोर्ट्स टूर्नामेंट: घर में हर महीने एक मिनी स्पोर्ट्स टूर्नामेंट का आयोजन करें। इसमें बच्चे टेबल टेनिस, फुटबॉल, या बैडमिंटन जैसे कॉम्पेटेटिव गेम्स खेल सकते हैं।

7. स्वास्थ्यकर आहार पर जोर: डीप फ्राई और बेकरी प्रॉडक्ट्स का सेवन कम कराएं। उनकी जगह ताजे फल और सब्जियों का सेवन बढ़ाएं, जिससे उनकी सेहत बेहतर बनी रहे।

इन गतिविधियों से न केवल बच्चों का स्क्रीन टाइम सीमित होगा, बल्कि वे शारीरिक रूप से स्वस्थ और हृदय के मामले में भी मजबूत बने रहेंगे। इन सरल उपायों को अपनाकर बच्चों को फिट और एक्टिव बनाए रखें।

जहां कंपनियां एक के बाद एक आधुनिक से आधुनिक गैजेट्स लॉन्च कर रही हैं, वहीं बढ़ता स्क्रीन टाइम भी एक समस्या बनता जा रहा है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एक नॉर्मल और हेल्दी हार्ट में ‘इलेक्ट्रिक सिग्नल’ धड़कनों को कंट्रोल करते हैं, लेकिन जब ये इलेक्ट्रिक संकेत बिगड़ जाते हैं, तब दिल का ऊपरी हिस्सा सिकुड़ने के बजाय कांपने लगता है। इससे धड़कनों की रफ्तार बिगड़ जाती है।

PGI लखनऊ की स्टडी के मुताबिक, 30 से 40 साल के युवाओं में यह परेशानी तेजी से बढ़ रही है। आयुर्वेद में ऐसी बहुत सी हर्ब्स के बारे में बताया गया है जो बेहद गुणकारी और असरकारक हैं जिन्हें आप सबसे आसानी से डाबर च्यवनप्राश के जरिए कंज्यूम कर सकते हैं। इसमें 40 से भी अधिक जड़ी-बूटियों के साथ ही आंवला होता है जिसमें मौजूद विटामिन सी, विटामिन ए आदि आंखों की रोशनी को बेहतर बनाने और आंखों की मांसपेशियों को स्वस्थ रखने में बहुत मदद करता है।

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