नई दिल्ली । पितृ पक्ष में आने वाली अमावस्या को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए बहुत खास माना जाता है। आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को ही सर्व पितृ अमावस्या कहा जाता है। पंचांग के अनुसार इस साल 2 अक्टूबर को Sarva pitru amavasya है। इस दिन पितरों को विदाई की जाती है और उन लोगों का श्राद्ध किया जाता है, जो किसी कारण छूट गया था। माना जाता है कि इस दिन पितरों का पूरे विधि-विधान से श्राद्ध कर्म करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। तो आइए जानते हैं Sarva pitru amavasya के शुभ मुहूर्त और इस दिन किए जाने और न किए जाने वाले कामों के बारे में-
सर्वपितृ अमावस्या शुभ मुहूर्तआश्विन माह की अमावस्या तिथि 01 अक्टूबर, 2024 को रात्रि 09 बजकर 39 मिनट पर शुरू होगी। वहीं इस तिथि का समापन 03 अक्टूबर को रात्रि 12 बजकर 18 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार, सर्वपितृ अमावस्या बुधवार 02 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
कुतुप मुहूर्त – 11 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक
रौहिण मुहूर्त – 12 बजकर 34 मिनट से 13 बजकर 21 मिनट तक
सर्व पितृ अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता इसलिए किसी पवित्र नदी में स्नान करें, संभव न हो तो पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान कर सकते हैं।
श्राद्ध कर्म करते समय पितरों को ताजा और सुगंधित फूल ही चढ़ाने चाहिए।
इस दिन पीपल के पेड़ की परिक्रमा करें क्योंकि माना जाता है कि इस दौरान पीपल के पेड़ में पितरों का वास होता है।
इस दिन श्राद्ध कर्म पूरा करने के बाद कुत्ते, कौवे, देव और चींटी के लिए भोजन निकालें और ब्राह्मणों को भोजन करवाएं।
सर्व पितृ अमावस्या के दिन अपनी क्षमतानुसार दान करें। ऐसा करने से पितर खुश होकर आशीर्वाद देते हैं।
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