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इंग्लैंड की “द हंड्रेड” लीग लोगों को बना रही है बेवकूफ; ललित मोदी ने बताया क्या स्कैम चल रहा!

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Captain James Vince lifts the trophy as the Southern Brave are champions after The Hundred Final. (Photo by Stu Forster/Getty Images)

इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) की प्रमुख पहल, ‘द हंड्रेड लीग’ क्रिकेट के प्रशंसकों के लिए एक अनोखी पेशकश है, क्योंकि उन्होंने पहले कभी 100 गेंदों का खेल नहीं देखा था। यह टी20 प्रारूप में एक बदलाव के रूप में पेश किया गया था, जिसका उद्देश्य इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की तर्ज पर क्रिकेट की लोकप्रियता को बढ़ाना था। अपने इस नए लीग को सफल बनाने के लिए, ECB ने कई IPL फ्रेंचाइजी से संपर्क भी किया, ताकि वे हंड्रेड की टीमों में हिस्सेदारी ले सकें।

IPL के पीछे मुख्य व्यक्ति रहे ललित मोदी ने ECB के वित्तीय ढांचे को एक स्कैम बताया। उनका मानना है कि कई अन्य प्रमुख फ्रेंचाइजी क्रिकेट लीग्स पहले से ही एक मजबूत स्थिति में हैं और हंड्रेड अंतरराष्ट्रीय फैंस को सीमित संख्या में ही आकर्षित कर पाई है। उन्होंने इंग्लैंड के द हंड्रेड में इंवेस्ट करने वालों को वॉर्न किया है।

ललित मोदी ने क्रिकबज से कहा, ‘वे उस टूर्नामेंट के बारे में बहुत चर्चा और उत्साह पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, जो वास्तव में उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना वे दिखा रहे हैं।’

‘द हंड्रेड’ लीग टूर्नामेंट लोगों को बना रही है बेवकूफ: ललित मोदी

ललित मोदी ने अपने ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर ट्वीट किया-

“ECB की हंड्रेड लीग के अंतरराष्ट्रीय टीवी अधिकारों से होने वाली कमाई को लेकर आंकड़े समझ में नहीं आते, क्योंकि IPL जैसी लीगों से प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है। यह संभव नहीं लगता कि ‘द हंड्रेड’ अंतरराष्ट्रीय दर्शकों को आकर्षित कर पाएगी, जिससे इन बढ़े हुए आंकड़ों का औचित्य साबित हो सके।”

हंड्रेड लीग को CPL के मुनाफे से भी मुकाबला करने में हो रही है कठिनाई: ललित मोदी

गौरतलब है कि ललित मोदी ने 2008 में IPL की शुरुआत की थी। ऐसा माना जाता है कि BCCI ने पहले उनके उस विचार को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने भारत में फुटबॉल की तरह क्लब आधारित क्रिकेट का प्रारूप शुरू करने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि, जब भारत ने 2007 में T20 विश्व कप जीता, तो IPL को मंजूरी मिल गई और भारतीय दर्शकों ने इसे बेहद पसंद किया। ललित मोदी ने ‘द हंड्रेड’ को खरीदने के लिए 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की पेशकश की थी, लेकिन ECB ने इसे अस्वीकार कर दिया।

उन्होंने आगे कहा, “सबसे खराब बात यह है कि ‘द हंड्रेड’ मुनाफे के मामले में कैरेबियन प्रीमियर लीग (CPL) का मुकाबला करने में भी संघर्ष कर रही है, जो उसकी वित्तीय कमजोरी का स्पष्ट संकेत है। ‘द हंड्रेड’ लीग वित्तीय रूप से कमजोर स्थिति में है।”

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