भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज में 0-3 से शर्मनाक हार झेलनी पड़ी। सीरीज का आखिरी मैच वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया जिसमें टीम को 25 रनों से हार का सामना करना पड़ा। रोहित शर्मा एंड कंपनी 147 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 121 रनों पर सिमट गई। इस बीच, ऋषभ पंत दूसरी पारी में जिस तरह से आउट करार दिए गए, उससे विवाद खड़ हो गया है।
पंत अपनी अटैकिंग बल्लेबाजी से रन चेज में टीम इंडिया को आगे लेकर जा रहे थे। लेकिन थर्ड अंपायर की गलती के चलते टीम इंडिया की उम्मीदें खत्म हो गई और न्यूजीलैंड ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। पूर्व दिग्गज खिलाड़ी एबी डिविलियर्स ने ऋषभ पंत के आउट होने को लेकर नाराजगी जाहिर की। साथ ही ऋषभ के विवादित अंदाज में आउट होने के बाद हॉट स्पॉट टेक्नोलॉजी की जरूरत के बारे में चर्चा बढ़ गई है, जो पिछले कुछ सालों से चर्चा से बाहर है। आइए आपको विस्तार से सारी चीजें बताते हैं।
इस तरह आउट हुए ऋषभ पंतभारतीय टीम की दूसरी पारी का 22वां ओवर एजाज पटेल ने डाला था। ओवर की चौथी गेंद पर ऋषभ ने डिफेंस किया, गेंद पंत को हवा में छूकर गई और विकेटकीपर टॉम ब्लंडल ने कैच लपका। न्यूजीलैंड की टीम ने जोरदार अपील की लेकिन ऑनफील्ड अंपायर ने नॉटआउट करार दिया। इसके बाद टीम ने रिव्यू ले लिया।
थर्ड अंपायर ने स्नीकोमीटर में हरकत देखी और पंत को आउट करार दिया। और यहीं विवाद खड़ा हो गया क्योंकि यह समझ नहीं आ रहा था जो कि लाइन उभरी हुई है वो गेंद के बैट से लगने के कारण है या फिर बैट के पैड पर लगने के कारण है। पंत को निराश होकर 57 गेंदों में 64 रन बनाकर पवेलियन लौटना पड़ा।
पंत के विकेट को लेकर एबी डिविलियर्स ने कही यह बातएबी डिविलियर्स ने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए लिखा,
विवाद! एक बार फिर थोड़ा असमंजस की स्थिति। क्या पंत का बैट लगा था या नहीं? समस्या ये है कि जब गेंद बैट के पास आई तभी बल्लेबाज का बैट पैड से टकराया। स्नीको आवाज पकड़ता है लेकिन ये कैसे पक्का करें कि आवाज किस चीज की थी। मुझे हमेशा इस बारे में चिंता होती है ये टेस्ट मैच का अहम पल है। हॉटस्पॉट कहां है?! सच तो यह है कि संदेह तो रहा ही होगा। तो फिर आप ऑनफील्ड की गई कॉल पर ही टिके रहेंगे? जब तक कि तीसरे अंपायर ने स्पष्ट रूप से डेविएशन न देखा हो? मुझे इतना यकीन नहीं है। और मुझे गलत मत समझिए, मेरा यहां कोई पक्षपात नहीं है, मैं बस लगातार कॉल करने और तकनीक के अच्छे इस्तेमाल पर जोर दे रहा हूं।
हॉट स्पॉट टेक्नोलॉजी (Hot Spot Technology) के बारे में जानें-Controversy! Little grey area once again. Did Pant get bat on that or not? Problem is when the ball passes the bat at exactly the same time a batter hits his pad snicko will pick up the noise. But how sure are we he hit it? I’ve always worried about this and here it happens at a…
— AB de Villiers (@ABdeVilliers17) November 3, 2024
हॉट स्पॉट टेक्नोलॉजी को अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी में से एक के रूप में शुरू किया गया था, ताकि यह पता लगाया जा सके कि गेंद ने बल्ले या क्रिकेट के किसी अन्य हिस्से से किसी तरह का संपर्क बनाया है या नहीं, साथ ही कैच या LBW के मामलों की निगरानी की जा सके, जिसमें अनिश्चितता का एलिमेंट शामिल हो। मैदान के चारों ओर स्थित इन्फ्रारेड कैमरे, आमतौर पर एक मल्टी-एंगल कैमरा सेटअप के रूप में, गेंद के सटीक प्रभाव का पता लगाने के लिए थर्मल इमेजिंग का उपयोग करते हैं।
इस टेक्नोलॉजी की सबसे बड़ी खूबी यह थी कि यह सबसे कमजोर निशान का भी पता लगा सकती थी। हालांकि, 2013 की एशेज में इस टेक्नोलॉजी को लेकर विवाद हुआ था, क्योंकि इसके इनवेंटर वॉरेन ब्रेनन बल्ले पर कोटिंग के संभावित उपयोग के बारे में चिंतित थे, जिसका उपयोग हॉट स्पॉट की दक्षता के लिए हानिकारक होगा। उस समय इस टेक्नोलॉडी की कीमत बहुत ज्यादा थी (लगभग INR 566,400) एक टेस्ट मैच के लिए प्रति दिन, इसलिए लागत में कटौती का फैक्टर भी सामने आया होगा।
You may also like
MPPGCL Bharti 2024: असिस्टेंट इंजीनियर के पदों पर निकली हैं भर्ती, कर सकते हैं आप भी आवेदन
'मोरनी' संग फिर से रैप का जादू चलाएंगे बादशाह, इंटरनेट पर दिखाई 'एड्रेनालाईन' झलक
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी बीजेपी, बनाया ये खास प्लान
लेकटाउन में दोहरी वारदात : आतिशबाजी का विरोध करने पर पुलिस पर हमला, महिला के साथ बदसलूकी
एम्स ऋषिकेश पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री,सड़क हादसे में घायलों का जाना हालचाल