नई दिल्ली: विश्व के दिग्गज उद्योगपति और बहुमुखी प्रतिभा के धनी रतन टाटा का निधन हो गया है. वे सादा जीवन जीना पसंद करते थे और उन्हें एक सरल और सौम्य व्यक्तित्व के रूप में जाना जाता था. रतन टाटा 30 से अधिक कंपनियों के मालिक थे और उनका व्यापार विश्व के 100 से अधिक देशों में संचालित होता है. रतन टाटा को जनावरों से बहुत लगाव था और वे इनके लिए कुछ खास करना चाहते थे. रतन टाटा का आखिरी प्रोजेक्ट से जानवरों से ही जुड़ा हुआ है. जानवरों को समर्पित था लास्ट प्रोजेक्ट दरअसल, रतन टाटा का आखिरी प्रोजेक्ट कुत्तों से प्रति प्यार को समर्पित है स्मॉल एनिमल हॉस्पिटल, मुंबई (SAHM) था, जिसे कुछ दिन पहले ही शुरू किया गया है. महालक्ष्मी में 98,000 वर्ग फीट में फैला यह स्पेशल पेट हॉस्पिटल 1 जुलाई को खुला और पूरी ताकत से चल रहा है, इसके संस्थापक की विरासत को जीवित और अच्छी तरह से बनाए रखा गया है. लेटेस्ट टेक्नोलॉजी लैस है स्मॉल एनिमल हॉस्पिटल रतन टाटा ने इस स्पेशल पेट हॉस्पिटल का निर्माण 165 करोड़ रुपये की लागत से कराया था और यह देश का पहला लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से लैस पालतू जानवरों का अस्पताल है. इसमें चौबीसों घंटे इमरजेंसी सर्विस की सुविधा उपलब्ध है. शुरू होने के बाद इस अस्पताल ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं. इसमें गंभीर रूप से बीमार और घायल जानवरों के लिए जीवन रक्षक उपकरणों के साथ ICU और HDU हैं. सीटी स्कैन, एमआरआई, एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड सहित कई डायग्नोस्टिक इमेजिंग सर्विसेज; सर्जरी यूनिट; स्पेशल ट्रीटमेंट (त्वचा रोग, दंत चिकित्सा, नेत्र रोग; इन-हाउस पैथोलॉजी लैब; कुत्तों और बिल्लियों के लिए अलग-अलग रेस्ट रूम; और इनपेशेंट वार्ड भी शामिल है. ऐसे आया एनिमल हॉस्पिटल बनवाने का विचार स्मॉल एनिमल हॉस्पिटल का बनाने की घोषणा साल 2017 में की गई थी. इस अस्पताल को नवी मुंबई में बनाया जाना था, लेकिन बाद में इनका निर्माण महालक्ष्मी में किया गया. यह प्रोजेक्ट टाटा के लिए व्यक्तिगत रूप से महत्व रखता था, जिन्होंने पहले अपने एक कुत्ते के लिए उचित देखभाल पाने के लिए संघर्ष किया था. दरअसल, एक बार उन्हें अपने पालतू कु्त्ते को जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी के लिए मिनेसोटा यूनिवर्सिटी ले जाना पड़ा, लेकिन देरी के कारण उसका सही ढंग से इलाज नहीं हो सका. इस घटना ने रतन टाटा को टॉप एनिमल हॉस्पिटल बनाने के लिए प्रेरित किया. पालतू कुत्ते के लिए छोड़ा बकिंघम पैलेस का लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड बता दें कि साल 2018 में हुआ एक वाकया टाटा के जानवरों के प्रति प्रेम को पुष्ट करता है. दरअसल, बकिंघम पैलेस में प्रिंस चार्ल्स (अब किंग चार्ल्स III ) से उनके परोपकारी कार्यों के लिए फेमस लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड मिलना था. ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट की ओर आयोजित यह इवेंट महत्वपूर्ण था, क्योंकि यह टाटा के लंबे समय से चले आ रहे धर्मार्थ कार्यों को मान्यता देने के लिए मिलने वाला था. हालांकि, टाटा ने लास्ट मोमेंट में लंदन की अपनी यात्रा कैंसिल कर दिया, उनका कुत्ता गंभीर रूप से बीमार पड़ गया था.
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