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गन्ना किसानों के लिए कृषि वैज्ञानिकों का अलर्ट, दो दिन में नहीं किया ये काम तो होगा बड़ा नुकसान

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गन्ने की फसल विषम परिस्थितियों में भी बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं होती है. इसलिए इसकी खेती को सुरक्षित और लाभकारी माना जाता है. यदि आप भी गन्ना किसान हैं और भरपूर उत्पादन पाना चाहते हैं तो इसके लिए बीज का प्रयोग करना जरूरी है. कृषि वैज्ञानिकों ने जारी किया अलर्टकृषि वैज्ञानिकों ने शरदकालीन गन्ने की बुवाई को लेकर अलर्ट जारी किया है. जिसके अनुसार 15 नवंबर से पहले गन्ने की बुआई जरूर पूरी कर लें. क्योंकि इसके बाद यदि गन्ने बोये जाते हैं तो तापमान गिरने के बाद सही से अंकुरण नहीं होगा और गन्ने की फसल प्रभावित होगी. कितने दिनों में करें सिंचाईगन्ने के अच्छे उत्पादन के लिए हर 12 से 15 दिनों की अवधि में सिंचाई करना चाहिए. इसके अलावा गन्ने की बुवाई के 25 से 30 दिनों के बाद निराई और गुड़ाई कर लेनी चाहिए. गन्ने के बेहतर उत्पादन के लिए इन बातों का रखें विशेष ध्यान· यदि आप गन्ने की फसल का बेहतर उत्पादन प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके लिए अच्छी किस्म के बीजों का इस्तेमाल करें. बीजों को हमेशा प्रमाणित पौधशालाओं से खरीदें. इसके अलावा कृषि वैज्ञानिकों की सलाह को जरूर मानें.· गन्ने की फसल में प्रति हेक्टेयर के अनुसार 20 किलो संवर्धित ट्राइकोडर्मा को 200 किलो गोबर की खाद या प्रेसमड के साथ मिलाकर इस्तेमाल करें.· गन्ने की कटाई के समय ध्यान रखें कि कटाई सतह से करनी चाहिए. ऐसा करके फुटाव अच्छा होगा.· गन्ने की कटाई के बाद फुटाव के लिए इथरेल का छिड़काव करें. कटाई होने के एक हफ्ते बाद सिंचाई करें.· अलग-अलग क्षेत्रों के अनुसार अलग-अलग किस्मों के बीजों की आवश्यकता होती है. आप अपने क्षेत्र में कृषि वैज्ञानिकों से संपर्क करके गन्ने की बेहतर किस्मों की जानकारी लेकर अपने क्षेत्र की जलवायु के अनुसार खेती कर सकते हैं. जैसे उत्तर-पूर्व और उत्तर मध्य भारत में गन्ने की सीओ 0233 और सीओ 0232 किस्म की खेती से बेहतर उत्पादन हासिल किया जा सकता है.
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