Top News
Next Story
NewsPoint

लेट आए एम्लाई तो 2 घंटे हाथ ऊपर करके खड़े रखा, साफ करवाई फ्रीज, लोग बोले- ये तो नरक की जिंदगी है….

Send Push
When an employee came late, he was made to stand with his hands raised for 2 hours, he was made to clean the fridge, people said- this is a life of hell

Bengaluru Luxury Hotel: एक 32 साल की शेफ और न्यूट्रिशन कोच ने बेंगलुरु के एक लग्जरी होटल में नई नौकरी शुरू की. लेकिन वहां के प्रोग्राम डायरेक्टर ने उनका बड़ा ही डरावना वेलकम किया, ‘स्वागत है नर्क में’. उन्हें नहीं पता था कि ये नर्क जल्दी ही उनके लिए ही नहीं, बल्कि पूरे स्टाफ के लिए भी हो जाएगा. लंबे, थका देने वाले शिफ्ट, दुश्मनी भरा काम का माहौल और लगातार यौन उत्पीड़न… लेकिन ये बस शुरुआत थी.

होटल में होता था बेहद ही बुरा व्यवहार

द नोड मैगजीन से बात करते हुए नयनतारा मेनन बागला ने लग्जरी होटल में अपने समय के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि देर से आने वालों को बहुत बुरा व्यवहार किया जाता था. जो स्टाफ देर से आते थे, उन्हें दो घंटे तक हाथ ऊपर करके बाहर खड़ा रहना पड़ता था और बाद में उन्हें फ्रिज साफ करने के लिए कहा जाता था. बागला ने कहा, “मेंटल हेल्थ के बारे में यहां बात तक नहीं होती थी.”

इमरजेंसी के लिए नहीं मिलती थी छुट्टी

नयनतारा बागला ने बताया कि होटल में पर्सनल इमरजेंसी के लिए छुट्टी नहीं मिलती थी. उन्होंने कहा, “चाहे हम ब्रेकअप से गुजर रहे हों या परिवार में किसी की मौत हो गई हो, हमें मेकअप करना होता था, मुस्कुराना होता था और मेहमानों का स्वागत करना होता था. 18-20 घंटों की शिफ्ट होती थी, सीनियर्स यंग फोक्स का फायदा उठाते थे और लगातार सेक्शुअल इन्नुएंडो होते थे.”

होटल में होती थी ‘मास बुलिंग’

नयनतारा बागला ने यहां तक कहा कि होटल में ‘मास बुलिंग’ होती थी. उन्होंने कहा, “किचन और रेस्टोरेंट हाई-प्रेशर एनवायरमेंट होते हैं, लेकिन ये इतने हाई-प्रेशर नहीं होने चाहिए कि सुसाइड और मास बुलिंग छिपाना पड़े.” बेंगलुरु की शेफ ने बताया कि लग्जरी होटल में महिला कर्मचारियों को पुराने जमाने के जेंडर नॉर्म्स का सामना करना पड़ता था, बॉडी शेमिंग होती थी और उनसे उम्मीद की जाती थी कि वे ‘यस बॉस’ वाला सबमिसिव एटिट्यूड अपनाएं. मुझे वजन कम करने के लिए कहा गया था और बताया गया था कि महिलाओं को किचन में सब्सर्विएंट होना चाहिए. उन्होंने मुझे अपना एटिट्यूड या स्पेशियलिटी बदलने के लिए भी कहा.”

अपनी समस्या के बारे में भी बताया

नयनतारा बागला ने यह भी कहा कि होटल ने उनकी मां के कैंसर डायग्नोजिस के दौरान उनकी छुट्टी नहीं मंजूर की, यह समझाते हुए कि यह ‘सीजन टाइम’ है. उन्होंने बेंगलुरु होटल द्वारा लागू किए गए कड़े दंडों के बारे में याद किया. उन्होंने कहा, “आपको दो घंटे तक हाथ ऊपर करके बाहर खड़ा रहना पड़ता था और होटल के हर फ्रिज को नंगे हाथों से साफ करना पड़ता था.”

Explore more on Newspoint
Loving Newspoint? Download the app now