Top News
Next Story
NewsPoint

हड्डियों को कमजोर ही नहीं, दिमागी बीमारी का भी खतरा बढ़ा रही एसिडिटी की दवा; एक्सपर्ट की बड़ी चेतावनी!

Send Push
Acidity medicine not only weakens bones but also increases the risk of mental illness; Expert’s big warning!

एसिडिटी की समस्या से जूझने वाले कई लोग दवाओं का सहारा लेते हैं, खासकर प्रोटॉन पंप इनहिबिटर (PPIs) जैसी दवाओं का. ये दवाएं पेट में बनने वाली एसिड की मात्रा को कम करके राहत देती हैं. हालांकि, लंबे समय तक इन दवाओं का इस्तेमाल गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इन दवाओं के इस्तेमाल से हड्डियों की कमजोरी और डिमेंशिया जैसी दिमागी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है.

हाल ही में प्रकाशित एक शोध में पाया गया है कि पीपीआई दवाओं का इस्तेमाल चार साल से ज्यादा समय तक करने पर डिमेंशिया का खतरा बढ़ सकता है. शोध में बताया गया है कि यह दवाएं दिमाग में बनने वाले बीटा एमिलॉयड प्रोटीन पर प्रभाव डालती हैं, जो डिमेंशिया जैसी मानसिक बीमारियों से जुड़ा होता है. PPIs इस प्रोटीन को साफ करने वाली V-ATPase एंजाइम के उत्पादन को प्रभावित करती हैं, जिससे दिमाग में बीटा एमिलॉयड का जमाव बढ़ जाता है.

अन्य खतरे
एसिडिटी की दवाओं का लंबे समय तक इस्तेमाल शरीर में जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स के ऑब्जर्ब को भी कम कर सकता है, जिससे हड्डियों में कमजोरी और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ता है. यही नहीं, पेट में एसिड की मात्रा कम होने से हानिकारक बैक्टीरिया का विकास भी होता है, जिससे फूड पॉइजनिंग और गंभीर संक्रमण का खतरा भी बढ़ सकता है.

डॉक्टर की सलाह जरूरी
विशेषज्ञों के अनुसार, इन दवाओं को लंबे समय तक लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना बेहद जरूरी है. एनएचएस के मुताबिक, ओमेप्राजोल जैसी दवाएं अधिकतम 14 दिनों तक ही ली जानी चाहिए. अगर इतने समय में कोई सुधार नहीं होता, तो आगे के इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. हालांकि, कुछ एक्सपर्ट का मानना है कि पीपीआई दवाएं बहुत ही प्रभावी होती हैं और इनके फायदे अधिक होते हैं. लेकिन लंबे समय तक इनका इस्तेमाल बिना डॉक्टर की सलाह के सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है.

Explore more on Newspoint
Loving Newspoint? Download the app now