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उज्जैन: खौफ में गई जान! पीछे कुत्ते को भागता देख दौड़ी मासूम. उल्टी, बेहोशी और हो गई मौत,..,….

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उज्जैन में कुत्ते की दहशत ने 7 साल की मासूम की जान ले ली. शुक्रवार की सुबह मासूम सेंट पॉल स्कूल में परीक्षा देने गई थी. स्कूल से परीक्षा देने के बाद जब वह घर लौटी तो गली में साइकिल चला रही थी.

अचानक एक कुत्ता उसके पीछे पड़ गया. कुत्ते की दहशत बच्ची में इतनी थी कि उससे बचने के लिए तुरंत घर की ओर भागी. घर पहुंचने के बाद उल्टी हुई और थोड़ी देर में ही वह बेहोश हो गई. परिवार के लोग उसे तुरंत निजी अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद परिजन उसे जिला चिकित्सालय ले गए जहां उसका पोस्टमार्टम करवाया गया. इस पूरी घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है जिसमें मासूम कुत्ते को देखकर दौड़ लगाती हुई दिखाई दे रही है.

फ्रीगंज क्षेत्र में व्यवसाय करने वाले मुस्तफा लोहावाला की सात वर्षीय मासूम बेटी इंसिया सेंटपाल स्कूल में कक्षा पहली की छात्रा थी. उसकी परीक्षा चल रही थी, जिसके कारण वह करीब 1:30 बजे अपने घर पहुंची थी. घर पहुंचने के बाद वो गली में साइकिल चलाने लगी तभी एक कुत्ता उसके पीछे दौड़ पड़ा. कुत्ते को पीछे दौड़ता देख लड़की सहम गई और घर की तरफ तेजी से दौड़ी. उसकी सांसें फूल रही थीं. अचानक उसे उल्टी हुई और वो बेहोश हो गई. इसके बाद अस्पताल में डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. डॉक्टर ने बताया कि उसकी हर्ट बीट तेज हो गई थी.

चक्काजाम और प्रदर्शन

मासूम ईशिया की मौत की जानकारी स्थानीय लोगों को लगी. उन्होंने क्षेत्र में चक्काजाम कर दिया. कुत्ते की दहशत के कारण हुई मौत पर क्षेत्रवासी काफी आक्रोशित हैं. उनका कहना है कि आखिर जिम्मेदारों को यह सब नजर क्यों नहीं आ रहा. कुत्ते के काटने और दहशत के कारण लगातार लोगों की जान जा रही है, लेकिन निगम के जिम्मेदार इंसान की बजाय कुत्तों को बचाने में लगे हैं. इस चक्काजाम में कांग्रेस विधायक महेश परमार भी पहुंचे.

कुत्तों को जमा करो, लोगों को बचाओ

मृतका ईशिया के पिता मुस्तफा लोहा वाला के फूफा कुदुबुद्दीन अगरबत्तीवाला ने बताया कि नगर निगम के जिम्मेदारों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. यही कारण है कि क्षेत्र में 25 से 30 कुत्ते झुंड में घूम रहे हैं. नगर निगम को चाहिए कि वह कुत्तों को जमा करें और लोगों को बचाए. कुतुबुद्दीन ने बताया कि कुत्ते के कारण कोई यह पहली घटना घटित नहीं हुई है. इसके पहले कुवैत से आए समाज के एक व्यक्ति को कुत्ते ने काट लिया था जिसके कारण वह कोमा में चला गया था. बाद में उसकी मौत हो गई थी. जबकि नगरी क्षेत्र में रहने वाले एक व्यक्ति की कुत्ता काटने से इतनी तबीयत खराब हुई थी कि बाद में वह हवा पानी से डरने लगा था और फिर उसकी मौत हो गई थी.

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