प्राचीन काल से ही भारत में आश्रमों का बसेरा है। यहां रहने वाले लोग एक अलग सकारात्मक अनुभूति और आनंद महसूस करते हैं। आज भी भारत के अलग अलग स्थानों पर कई आश्रम मौजूद हैं, जहां लोग शांति से रहते हैं। यहां जो भी रहने आता है उसकी आत्मा को एक आंतरिक सुख का एहसास होता है। रोजमर्रा की भागदौड़ भरी जिंदगी और तनाव से खुद को थोड़ा ब्रेक देने के लिये आश्रम में कुछ समय बिताना सबसे अच्छे उपायों में से एक हो सकता है।
वहां का शांतिपूर्ण और तनाव-मुक्त वातावरण आपको तरोताजा कर देगा और तो और इसके लिये आपको पैसे भी नहीं देने होंगे। जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा भारत में कुछ ऐसे आश्रम मौजूद हैं, जहां आप फ्री में रह सकते हैं। हालांकि, आपको यहां के कार्यों में स्वयंसेवा करनी के लिए तैयार रहना होगा। आइये जानते हैं भारत के ऐसे पांच आश्रमों के बारे में विस्तार से..
1. ईशा फाउंडेशनइस आश्रम का निर्माण सद्गुरु द्वारा करवाया गया है और इसकी श्रृंखलाएं कोयंबटूर और दिल्ली में स्थिति हैं। यह फाउंडेशन लगभग पूरी तरह से स्वयंसेवी संचालित है।
यहां आपको स्वयंसेवा करने के कई तरीके मिलेंगे जैसे कौशल-आधारित स्वयंसेवा, साधनापद, कार्यक्रम आधारित, आश्रम की स्वयंसेवा एवं ध्यानलिंग। ईशा योग केंद्र में सिर्फ वे लोग रह सकते हैं, जो यहां 60 दिनों या उससे अधिक समय तक रह सकते हैं। यहां रहने वाले लोगों को यहां के नियमों का पालन करना होगा।
2. आर्ट ऑफ लिविंगआर्ट ऑफ लिविंग के आश्रम बेंगलुरु, ऋषिकेश, केरल, पुणे, असम और नागपुर जैसे शहरों के अलावा भारत में हर जगह हैं। उनके स्वयंसेवी कार्यक्रम को ‘सेवा और योग फ़ेलोशिप’ कहा जाता है। यहां रहने वाले स्वयंसेवक को विभिन्न अवसरों में प्रतिदिन कम से कम 5 घंटे सेवा प्रदान करनी होती है। इन कार्यों के अंतर्गत हाउसकीपिंग, सामग्री डेवलपर, आउटरीच गतिविधियां, अतिथि सेवाएं, जैविक फार्म और बागवानी, भोजन सेवाएं और लंबी पैदल यात्रा शामिल है। ये केंद्र स्वयंसेवकों के लिए आवास और भोजन प्रदान करता है। निजी बाथरूम और पौधों पर आधारित शाकाहारी भोजन के साथ कमरे दिये जाते हैं।
3. माता अमृतानंदमयी आश्रमइस आश्रम की शाखाएं भारत के हर प्रमुख शहर में हैं। मुख्य केंद्र चेन्नई में है। इस आश्रम के स्वयंसेवी विकल्पों में आपदा राहत, स्वास्थ्य देखभाल, प्रकृति देखभाल, बच्चों को शिक्षित करने और आवास, भोजन वितरण और योग्य लोगों के लिए छात्रवृत्ति के अवसरों जैसी सामाजिक कल्याण सेवाएं शामिल हैं। इस आश्रम में स्वयंसेवकों को जितने दिनों तक सेवा करना चाहें उतने दिनों के लिए आवास उपलब्ध कराये जाते हैं।
4. गीता भवनपवित्र गंगा मैया के किनारे बसा ये आश्रम ऋषिकेश के सबसे बड़े और सबसे प्रसिद्ध आश्रमों में से एक है। इस आश्रम में दुनिया भर से आने वाले आगंतुकों के लिए लगभग 1000 से अधिक कमरे हैं। आगंतुकों के लिए इसमें शामिल होने के लिए दिन के हर समय कई ध्यान सत्र होते हैं। भवन यहां आने वाले आगंतुकों के लिए मुफ्त आवास और भोजन प्रदान करता है। आध्यात्मिक सुधार के लिए खुदरा स्टोर, मंदिर, पुस्तक भंडार और कायाकल्प स्थल जैसी अन्य सुविधाएं भी हैं।
5. आनंदाश्रमयह आश्रम केरल के कासरगोड में स्थित है। इसका निर्माण 1931 में हुआ था। इसकी समितियां पूरे बैंगलोर, हैदराबाद, मुंबई, त्रिवेन्द्रम आदि स्थानों में फैली हुई हैं। यदि रुचि हो तो स्वयंसेवा के कई विकल्प मौजूद हैं। यदि आप स्वेच्छा से बिना आध्यात्मिकता में शामिल होना चाहते हैं, तो आप यहां 2 दिनों के लिए निःशुल्क रह सकते हैं।
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