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सेक्स वर्कर बन तो गई पर मेरी जिंदगी नर्क हो गई, पता नहीं लोग क्या-क्या…

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नई दिल्ली। ‘मुझसे ये वादा कर यहां लाया गया कि मुझे एक खूबसूरत जिंदगी दी जाएगी लेकिन यहां लाकर मेरी जिंदगी नर्क बना दी गई’, नाइजीरिया की डायमंड का सपना एक हेयरस्टाइलिश बनना था. वो खूब पैसे कमाकर दुनिया देखना चाहती थीं. वो एक बिजनेसवुमन बनकर कमजोर लड़कियों का सशक्तिकरण करना चाहती थीं लेकिन वो खुद एक ‘कमजोर’ सेक्सवर्कर बनकर रह गईं.

उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि 32 साल की उम्र में उन्हें वेश्यावृत्ति के पेशे में धकेल दिया जाएगा. सात भाई-बहनों में दूसरे नंबर की डायमंड (बदला हुआ नाम) 16 साल की उम्र में अपने पहले बच्चे की मां बन गईं. नाइजीरिया के बेनिन सिटी का रहने वाला एक शख्स उनके साथ रहता था. पहले बच्चे के तीन साल बाद जब वो दोबारा गर्भवती हुईं तो शख्स किसी दूसरी औरत के लिए उन्हें छोड़कर चला गया.

डायमंड का परिवार काफी गरीब था जिस कारण वो पैसे कमाने के लिए अपना देश नाइजीरिया छोड़ पड़ोसी देश घाना आ गईं.

‘सेक्सवर्क से खूब पैसा मिलेगा’

अलजजीरा से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘मेरा परिवार आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहा था. ऐसे में मेरे एक दोस्त ने मुझसे कहा कि मैं घाना चली जाऊं…वहां सेक्सवर्क से खूब पैसे कमा सकती हूं. यहां मुझे और बच्चों को भूखे पेट सोना पड़ रहा था. पेट की खातिर मैंने सेक्स वर्क चुना और वहीं से मेरी जिंदगी एक ऐसी खाई में गिरती चली गई जहां से वापस आ पाना काफी मुश्किल है.’

डायमंड ने कहा कि उन्हें पता था कि वो एक बड़ा जोखिम उठा रही हैं लेकिन उनके पास और कोई चारा नहीं था. वो जिस महिला के जरिए घाना आईं उसने डायमंड से कहा कि तीन महीनों तक उन्हें महिला के पास रहकर सेक्सवर्क करना होगा जिसके बदले में उन्हें 780 डॉलर (64,023 रुपये) मिलेंगे. महिला ने कहा कि इसके बाद वो अपने मन से काम करने के लिए आजाद हैं. महिला ने डायमंड को रहने के लिए घर और पहनने के लिए कपड़े देने का भी वादा किया.

डायमंड को महिला ने घाना के कसोवा शहर में बुलाया जहां नाइजीरिया, लाइबेरिया, टोगो, आइवरी कोस्ट के नागरिक रहते हैं और वहां सेक्स वर्क काफी चलन में है.

अफ्रीका में फल-फूल रहा सेक्स वर्क का बाजार

अफ्रीका, खासकर पश्चिम अफ्रीका के देशों लाइबेरिया, आइवरी कोस्ट, सिएरा लियोन जैसे देश, जिनकी अर्थव्यवस्था 2000 के अंत के समाप्त हुए गृहयुद्ध के कारण बर्बाद हो चुकी है, वहां सेक्स वर्क का बाजार फल-फूल रहा है. Proceedings of the National Academy of Sciences एक अध्ययन के मुताबिक, सब-सहारा अफ्रीका में 25 लाख सेक्सवर्कर्स हैं जिनकी उम्र 15-19 साल के बीच है.

कसोवा में डायमंड और उसके साथ सेक्स वर्क के लिए लाई गई 10 लड़कियों को केवल एक छोटा सा घर दिया गया. उन्हें जमीन पर सोने के लिए मजबूर होना पड़ा.

वो बताती हैं, ‘वो घर जेल जैसा था…न टीवी, न रेडियो और न ही कोई कुर्सी. घर काफी गंदा था और उसमें बस एक छोटी सी खिड़की थी. यहां आने से पहले मुझसे वादा किया गया कि मुझे स्वर्ग जैसे माहौल में रखा जाएगा लेकिन मुझे नर्क में लाकर रख दिया गया. जब मैं पहली बार कमरे में गई तब बेहद निराश थी. उस औरत ने मुझसे झूठ बोला. वो बस हमारा शोषण कर पैसे कमाना चाहती थी.’

इन सबके बावजूद डायमंड ने घाना में ही रहकर सेक्स वर्क करना चुना क्योंकि उन्हें नाइजीरिया में रह रहे अपने दो बच्चों के लिए पैसे भी भेजने थे.

लेकिन यहां रहना आसान नहीं था. वो बताती हैं, ‘वो हमें रोज काम के लिए भेजती थी. उसने हमसे कहा था कि भरपेट खाना देगी लेकिन वो हमें भरपेट खाना भी नहीं दे रही थी. वो दिन में हमें बस 0.87 डॉलर (71.42 रुपये) देती थी ताकि हम पब में पहुंच जाएं. लेकिन वहां से आने के लिए वो हमें पैसे नहीं देती थी. हमारे ग्राहक हमें जो टिप देते थे, उन्हीं के सहारे मैं जिंदा रही.’

‘पैसों के लिए किसी के साथ सोना….मैं ये तो नहीं चाहती थी’

डायमंड उस नर्क की जिंदगी से भाग जाना चाहती थीं लेकिन वो ऐसा नहीं कर सकीं. वो बताती हैं, ‘मैं भागना तो चाहती थी लेकिन फिर मैं ये भी जानती थी कि घाना मेरे लिए बिल्कुल नया देश है. मेरे पास यहां रहने का कोई वैध दस्तावेज भी नहीं था. मेरे पास नर्क में रहने के अलावा कोई चारा नहीं था.’

डायमंड को आखिरकार उस महिला से छुटकारा मिल गया. लेकिन अब वो आगे सेक्स वर्क बिल्कुल नहीं करना चाहती थीं, उनके शब्दों में कहें तो वो ‘थक’ चुकी थीं.

डायमंड उदास मन से कहती हैं, ‘पैसों के लिए किसी के साथ सोना….मैं ये तो नहीं चाहती थी. इस काम के लिए मुझे 18-26 डॉलर (1477-2134 रुपये) मिलते थे.’

‘बच्चों को नहीं है पता’

नाइजीरिया में डायमंड के दो बच्चों की देखभाल उनकी छोटी बहन करती हैं, जो उनके परिवार को एकलौती सदस्य हैं जिन्हें डायमंड के सेक्स वर्क करने की जानकारी है. डायमंड के बच्चे और बाकी लोग समझते हैं कि वो घाना में किसी बड़े सुपरमार्केट में अटेंडेंट का काम करती हैं.

घाना में रहते हुए डायमंड सेक्स वर्क से हर महीने 500 डॉलर (41,045 रुपये) कमा लेती हैं. लेकिन कभी जब काम मंदा चलता है या वो बीमार पड़ जाती हैं तो पैसे काफी कम आते हैं. वो हर महीने अपने घर 150-200 डॉलर तक भेज देती हैं.

‘कुछ ग्राहक पैसे, गहने लूटकर चले जाते हैं’

घाना में सेक्स वर्कर्स की हालत काफी खराब है क्योंकि वो अपने साथ हुए दुर्व्यवहार को पुलिस तक रिपोर्ट ही नहीं करा पाती हैं. अगर ऐसे मामले रिपोर्ट हो भी जाएं तो पुलिस सख्ती से मामले की जांच नहीं करती.

डायमंड बताती हैं कि उनके कुछ कस्टमर्स तो अच्छे हैं लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो हिंसा और मारपीट करते हैं.

वो अपने काम में आने वाली चुनौतियों को लेकर आगे कहती हैं, ‘कुछ मर्द ऐसे भी होते हैं जो आपके साथ सोने के मकसद से आपके ग्राहक नहीं बनते. वो बस आपको लूटना चाहते हैं. वो आपके गहने, पैसे लूट लेते हैं. एक बार मैं भी इसका शिकार हो चुकी हूं.’

डायमंड कहती हैं कि जब से उन्होंने सेक्स वर्क शुरू किया तब से 50 से अधिक मर्दों के साथ सो चुकी हैं. लेकिन अब वो चार साल के अपने इस प्रोफेशन से थक चुकी हैं और वापस अपने देश बच्चों के पास जाना चाहती हैं. वो कहती हैं कि कुछ पैसे जमा हो जाने पर वो वापस अपने देश लौट जाएंगी और कपड़ों का बिजनेस शुरू करेंगी.

बंधक बनाकर कराया जा रहा सेक्स वर्क

24 साल की ओयिंडामोला ओला की कहानी भी डायमंड से मिलती जुलती हैं. ओला को एक नाइजीरियाई महिला ने अच्छा काम दिलाने के बहाने घाना बुलाया और बंधक बनाकर उनसे सेक्स वर्क के काम में धकेल दिया. महिला ने ओला से कहा कि वो घाना में उन्हें अच्छा काम दिलाएगी जिसके बाद वो अपनी दोस्तों के साथ घाना चली गईं.

घाना जाते ही महिला ने सभी लड़कियों को बंधक बना लिया और उनके फोन भी जब्त कर लिए गए ताकि वो अपने देश फोन न कर पाएं. महिला ने उन्हें वेश्यावृति के लिए बेच दिया.

नाइजीरिया के एक पत्रकार के ट्विटर हैंडल Pidom Nigeria पर शेयर खबर के मुताबिक, घाना में रह रही ओला ने किसी के फोन से कॉल कर मदद की मांग की है. उन्होंने फोन कर बताया कि उन्हें नहीं पता, घाना में उन्हें कहां रखा गया है और उनके बाकी दोस्त कहां हैं.

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