शनि को बेहद ही क्रूर ग्रह का दर्जा प्राप्त है। जी हां ज्योतिष के अनुसार शनि कुंडली के सभी 12 भावों में अलग-अलग प्रभाव डालता है। इतना ही नहीं अगर किसी की कुंडली में शनि मजबूत है तो उस जातक को शनि की महादशा के दौरान भी अच्छे परिणाम ही मिलेंगे। लेकिन अगर शनि मजबूत नहीं है तो व्यक्ति को बेहद ही कष्टों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा बता दें कि शनि सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह भी है। शनि की मंद चाल की वजह से काफी दिनों तक इनका प्रभाव रहता है।
शनिदेव साल 2024 से ही स्वयं की राशि यानी मकर में गोचर कर रहे हैं। शनि जब किसी एक राशि में भ्रमण करते हैं तब कुछ राशियों पर साढ़ेसाती तो कुछ पर ढैय्या चलने लगती है। ऐसे में यहां हम आपको उन 2 राशियों के बारे में बताएंगे, जिनपर शनि ढैय्या की दशा शुरू होने वाली है।
दो राशियां जिनपर अभी चल रही शनि की ढैय्या…
बता दें कि शनि साढ़े साती की तरह ही शनि ढैय्या भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। जब शनि चंद्र राशि से चतुर्थ फिर अष्टम भाव में गोचर करता है तो उस स्थिति में शनि की ढैय्या लगती है। जिसे ‘छोटी पनौती’ भी कहा जाता है। मिथुन और तुला जातक शनि ढैय्या की चपेट में हैं। तुला राशि वालों के लिए शनि ढैय्या उतनी खराब नहीं मानी जाती।
इस दौरान इस राशि के जातकों को लाभ मिलने की भी संभावना रहती है। लेकिन मिथुन राशि वालों के अष्टम भाव का शनि कार्यों में तमाम व्यवधान उत्पन्न करता रहेगा। इसलिए इस राशि के जातकों को शनि ढैय्या से मुक्ति मिलने तक बेहद ही सतर्क रहने की जरूरत पड़ेगी।
इन पर शुरू होगी शनि ढैय्या…
शनि के कुंभ में प्रवेश करते ही मिथुन और तुला जातकों को शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी। वहीं कर्क और वृश्चिक राशि के जातक इसकी चपेट में आ जायेंगे। इन दोनों राशियों के जातकों को लगभग ढाई साल तक शनि ढैय्या का सामना करना पड़ेगा।
शनि दोष से बचने के उपाय…
1) जिन लोगों के जीवन में शनिदोष है उन्हें हमेशा जरूरमंदों की सहायता करनी चाहिए।
2) हर शनिवार के दिन पीपल के पेड़ को जल चढ़ाएं और दीया जलाएं।
3) शनि मंदिर जाकर शनिदेव की चरणों की तरफ देखते हुए सरसों का तेल चढ़ाएं और दीपक जलाएं।
4) ज्योतिषी की सलाह पर कुंडली से शनि दोष को दूर करने के लिए नीलम रत्न धारण करें।
5) हनुमानजी की आराधना करने से शनि दोष से छुटकारा मिलता है। इसलिए हर शनिवार के दिन बजरंगबली के दर्शन करें और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
6) कमजोर व्यक्तियों को परेशान नहीं करना चाहिए।
7) मांस मदिरा का सेवन करने से बचना चाहिए।
8) शिव चालीसा का पाठ करने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं और कुंडली से शनिदोष खत्म हो जाता है।
शनि ढैय्या के दौरान इन बातों से बचना चाहिए…
1) किसी भी तरह के वाद-विवाद से बचें।
2) वाहन सावधानी से चलाएं।
3) अकेले यात्रा करने से बचें।
4) नॉनवेज खाने से बचें।
5) शराब का सेवन न करें।
6) किसी का अपमान न करें।
7) गलत कार्यों को करने से बचना चाहिए।
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