लखनऊ, 18 नवंबर . उत्तर प्रदेश में झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड के बाद उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सोमवार को लखनऊ में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में आग की घटना की गंभीरता पर चर्चा की गई और पूरे राज्य के अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर जरूर कदम उठाने की बात की गई है.
बैठक के बाद ब्रजेश पाठक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. इस दौरान उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सभी स्तर के अस्पतालों में भविष्य में अग्नि की कोई दुर्घटना ना हो, इसलिए पूरे उत्तर प्रदेश के सभी अस्पतालों को सुरक्षित मानकों के अनुरूप रखने के लिए एक बड़ी बैठक आज एनएचसी में संपन्न हुई है.
बैठक में तय किया गया कि किसी भी स्थिति में लापरवाही स्वीकार नहीं होगी. आज एक हम गवर्नमेंट ऑर्डर जारी कर रहे हैं. हम सभी अस्पतालों का फायर सेफ्टी ऑडिट पुन: कराने जा रहे हैं. फायर सेफ्टी उपकरणों का ऑडिट कराया जाएगा. फायर फाइटिंग सिस्टम को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने की व्यवस्था की जाएगी. प्रत्येक वार्ड में 24 घंटे एक प्रशिक्षित व्यक्ति मौजूद रहेगा, जो वार्ड बॉय या पैरामेडिकल स्टाफ हो सकता है. कम से कम आठ-आठ घंटे प्रत्येक व्यक्ति 24 घंटे वार्ड में उपस्थित रहेगा.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी निर्देश दिए गए हैं जो विद्युत लोड स्वीकृत है यदि उससे अधिक उपयोग करना हो, तो इसके लिए विद्युत सुरक्षा विभाग और इलेक्ट्रिकल इंजीनियर की सहमति प्राप्त की जाएगी. अतिरिक्त उपकरणों का उपयोग करने से पहले उनकी अनुमति जरूरी होगी. अस्थायी वायरिंग या एक्सटेंशन बोर्ड का उपयोग अस्पताल में जहां मरीज रहते हैं चाहें आसीयू हो या वार्ड, वहां पर नहीं रखा जाएगा. हम केवल परमानेंट वायरिंग को उपयोग में लाएंगे, जो संबंधित एंपियर की आवश्यकता के हिसाब से उपयुक्त स्विच और उपकरणों को उपयोग में लाने का काम करेंगे. सभी कार्य इलेक्ट्रिकल सुरक्षा मानकों के अनुरूप किए जाएंगे. जल्द से जल्द डीजी हेल्थ और डीजीएमई को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है.
प्राइवेट अस्पतालों के लिए भी कोई रोड मैप बनाया जाएगा. इस पर उन्होंने कहा कि 50 से अधिक बेड वाले निजी अस्पतालों से भी हम सीधे संपर्क करेंगे और अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि हम उनसे वीडियो कॉल के माध्यम से बात करेंगे. मीटिंग के निर्देश दे दिए गए हैं.
बता दें कि हाल ही में झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में भीषण आग लग गई थी. आग की घटना में 10 नवजातों की मौत हो गई थी.
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