चेन्नई, 16 नवंबर . क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) ने शनिवार (16 नवंबर) और रविवार (17 नवंबर) के लिए तमिलनाडु के 18 जिलों को भारी बारिश की चेतावनी दी है. इसे लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है.
आरएमसी के एक बयान के अनुसार, सप्ताहांत में कन्याकुमारी थूथुकुडी तिरुनेलवेली, रामनाथपुरम, तेनकासी, विरुधुनगर, मदुरै, थेनी, डिंडीगुल, शिवगंगा, पुदुकोट्टई, तंजावुर, तिरुवरूर, नागपट्टिनम, मयिलादुथुराई, कुड्डालोर, विल्लुपुरम और चेंगलपट्टू जिलों में भारी बारिश की आशंका है.
भारी बारिश का कारण दक्षिण तमिलनाडु और उसके आसपास के इलाकों में साइक्लोनिक सर्कुलेशन है.
आने वाले दिनों में राज्य के बाकी हिस्सों में गरज और बिजली के साथ हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है.
चेन्नई में आसमान में आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है, शाम और रात के समय कुछ इलाकों में मध्यम बारिश का अनुमान है.
आरएमसी ने 22 नवंबर से चेन्नई, तिरुवल्लूर, चेंगलपट्टू और कांचीपुरम सहित उत्तरी तटीय जिलों में भी भारी बारिश की आशंका जताई है.
इन जिलों में 22 से 28 नवंबर तक सामान्य से अधिक बारिश की चेतावनी जारी की गई है, जबकि इसी अवधि में राज्य के बाकी हिस्सों में सामान्य से कम बारिश की संभावना है.
पूर्वोत्तर मानसून के दौरान अब तक 1 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच तमिलनाडु में 276 मिमी बारिश हुई. कोयंबटूर में सबसे अधिक 418 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य स्तर से 67 प्रतिशत अधिक है.
चेन्नई सहित 17 जिलों में अधिक बारिश हुई.
मानसून की शुरुआत के बाद से ही कई जिलों में बिजली की खपत में भी उल्लेखनीय कमी आई है.
तमिलनाडु उत्पादन एवं वितरण कंपनी (टैंगेडको) ने बताया कि राज्य में दैनिक बिजली की खपत घटकर 302 मिलियन यूनिट रह गई, जबकि 1 अक्टूबर को बारिश कम होने के कारण यह 380 मिलियन यूनिट थी.
सितंबर में बिजली की खपत 400 मिलियन यूनिट प्रतिदिन से अधिक हो गई थी.
टैंगेडको के अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण एयर कंडीशनिंग की आवश्यकता कम हो गई है, जिससे आवासीय और कृषि दोनों क्षेत्रों में बिजली की खपत में उल्लेखनीय गिरावट आई है.
इस बीच राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने वायरल रोगों के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जताई है. चेन्नई और कांचीपुरम, चेंगलपट्टू और तिरुवल्लूर जैसे आस-पास के जिलों में बुखार, इन्फ्लूएंजा और अन्य वायरल बीमारियों में वृद्धि की सूचना मिली है.
इसके अलावा, राज्य के विभिन्न हिस्सों से मलेरिया और लेप्टोस्पायरोसिस के मामले सामने आए हैं. तमिलनाडु के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से विशेष रूप से बच्चों को लेकर अतिरिक्त सावधानी बरतने का आग्रह किया है.
विभाग ने लोगों को तेज बुखार, ठंड लगना, खांसी, गले में खराश, शरीर में दर्द और सिरदर्द जैसे लक्षणों पर नजर रखने और इन लक्षणों के दिखने पर डॉक्टर से परामर्श लेने की सलाह दी है.
चेन्नई के एक निजी अस्पताल में एंटोमोलॉजिस्ट डॉ. रजनी ने बताया कि पूर्वोत्तर मानसून की शुरुआत के बाद से ही बच्चों और बुजुर्गों में बुखार, सिरदर्द और गले के संक्रमण में वृद्धि देखी गई है.
रजनी ने कहा, “बच्चों में सूखी खांसी अक्सर दो सप्ताह से अधिक समय तक रहती है, जो संक्रामक रोगों का स्पष्ट संकेत है.”
उन्होंने कहा कि बुखार कम होने के बाद भी गले का संक्रमण कुछ दिनों तक बना रह सकता है. उन्होंने श्वसन, किडनी या लीवर की बीमारी वाले व्यक्तियों को इस मौसम में अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी, क्योंकि इस मौसम में संक्रामक रोगों का खतरा अधिक होता है.
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एमकेएस/केआर
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