लखनऊ, 27 सितंबर . उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) आयोग का शुक्रवार को गठन कर दिया गया है. पूर्व विधायक बैजनाथ रावत को इसका अध्यक्ष बनाया गया है.
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, पूर्व विधायक बेचन राम और जीत सिंह खरवार को आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है.
बाराबंकी के बैजनाथ रावत अनुसूचित जाति से हैं. भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले रावत तीन बार विधायक, एक बार सांसद और यूपी सरकार में बिजली राज्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. उनकी नियुक्ति को अनुसूचित जाति को पार्टी से जोड़ने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है.
गोरखपुर के पूर्व विधायक बेचन राम और सोनभद्र के रहने वाले जीत सिंह खरवार को उपाध्यक्ष बनाने के अलावा अन्य 16 सदस्य भी नामित किए गए हैं.
मेरठ के हरेंद्र जाटव और नरेंद्र सिंह खजूरी, बरेली के संजय सिंह और उमेश कठेरिया, कौशाम्बी के जितेंद्र कुमार, लखनऊ के रमेश कुमार तूफानी, सहारनपुर के महिपाल वाल्मीकि, कानपुर के रमेश चंद्र, हमीरपुर के शिव नारायण सोनकर, औरेया की नीरज गौतम, आगरा के दिनेश भारत, आजमगढ़ के तीजाराम, मऊ के विनय राम, गोंडा की अनिता गौतम, भदोही के मिठाई लाल और अंबेडकर नगर की अनिता कमल को आयोग के सदस्य के तौर पर मनोनित किया गया है.
इससे पहले योगी सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग और महिला आयोग का भी गठन करते हुए भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को समायोजित किया था.
पूर्व सांसद राजेश वर्मा को राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था. वहीं, बबीता चौहान को उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष बनाया गया. साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग में उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.
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एकेएस/एकेजे
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