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'इंडिया' ब्लॉक ने झारखंड में 'फरेब पत्र' जारी किया है : गौरव वल्लभ

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रांची, 6 नवंबर . झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए ‘इंडिया’ गठबंधन ने मंगलवार को अपना घोषणापत्र जारी किया, जिसमें सात गारंटियों को पूरा करने का वादा किया गया है. इसी को लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेता गौरव वल्लभ ने से बातचीत की.

भाजपा नेता ने कहा, “कल ‘इंडिया’ अलायंस ने अपनी गारंटी जारी की और इस मौके पर खड़गे जी भी उपस्थित थे. खड़गे जी ने कहा कि उनकी जो गारंटी है, वह सच साबित होगी, लेकिन कर्नाटक में महिलाएं आज भी गारंटी के वादों के लिए खड़गे जी और कांग्रेस के नेताओं को ढूंढ रही हैं. वे इस बात का जिक्र कर रही हैं कि कर्नाटक में लक्ष्मी योजना के तहत महिलाओं से जो वादे किए गए थे, उनकी उम्मीदें पूरी नहीं हो पाई हैं. खड़गे जी और अन्य कांग्रेसी नेता अब वहां नहीं जाते, और यह सवाल उठता है कि जो गारंटी दी गई थी, वह आखिर क्यों पूरी नहीं हो रही.”

उन्होंने आगे कहा, “इंडिया ब्लॉक ने जो कल एक ‘फरेब पत्र’ जारी किया है, उसमें राजनीतिक झूठ और विश्वासघात की बातें की हैं. एक ही सवाल उठाया गया है, कि क्या चुनावी मुद्दे सिर्फ चुनाव तक ही सीमित रहते हैं? पिछले चुनाव में जो वादे किए गए थे, उनमें से एक था कि दो साल में पांच लाख युवाओं को रोजगार मिलेगा, लेकिन असलियत यह है कि पिछले पांच साल में केवल 346 युवाओं को ही रोजगार मिल पाया. इसके अलावा, 17 युवाओं ने भर्ती परीक्षा के शारीरिक परीक्षण में अपनी जान गंवा दी, लेकिन इस पर कभी चर्चा नहीं हुई.”

गौरव वल्लभ ने कहा, “ओबीसी आरक्षण के बारे में जो वादे किए गए थे, वे भी पूरी तरह से अनसुने हैं. काका कालेलकर आयोग और मंडल आयोग की सिफारिशों को अब तक लागू क्यों नहीं किया गया? झारखंड में आरक्षण पर कोई कदम क्यों नहीं उठाया गया? महिलाओं के सशक्तिकरण पर चर्चा केवल चुनाव के नजदीक आने पर क्यों होती है, जबकि हमारी सरकार ने गोगो दीदी योजना के तहत झारखंड की हर महिला को हर महीने 2,100 रुपये हस्तांतरित करने का वादा किया था, जिसे हम जल्द ही लागू करेंगे.”

उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ सही ढंग से नहीं पहुंच रहा है. कोडरमा में जननी सुरक्षा योजना के तहत तो पुरुषों ने भी उन योजनाओं का लाभ लिया, जो महिलाओं के लिए बनाई गई थीं. इसके अलावा, आयुष्मान भारत योजना, जो भारत सरकार ने शुरू की थी, झारखंड में ठीक से लागू नहीं हो पाई. जो स्वास्थ्य बीमा की योजनाएं थी, उनका भी झारखंड के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को कोई लाभ नहीं मिला.”

उन्होंने कहा, “शिक्षा क्षेत्र की स्थिति भी गंभीर बताई गई. रांची विश्वविद्यालय में 1,032 स्वीकृत शिक्षक पद हैं, जिनमें से 647 खाली पड़े हैं. इसी तरह, कोल्हान विश्वविद्यालय और विनोबा भावे विश्वविद्यालय में भी हजारों पद रिक्त हैं, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता पर असर पड़ा है. वहीं, पीडीएस योजना पर भी आरोप लगे हैं. सरकार ने कहा था कि पीडीएस के तहत सभी जरूरी वस्तुएं जनता को मुहैया कराई जाएंगी, लेकिन हकीकत यह है कि इस योजना में 341 क्विंटल चावल की चोरी हो गई. इसके साथ ही बालू, कोयला, लौह अयस्क, जल जीवन मिशन, स्वास्थ्य बीमा, और फसल बीमा में भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं.”

एसएचके/एकेजे

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