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आने वाले महीनों में भारत का कुल निर्यात 800 बिलियन डॉलर के पार होगा

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नई दिल्ली, 15 नवंबर . चालू वित्त वर्ष में निर्यात की मजबूत और लचीली गति को देखते हुए उद्योग विशेषज्ञों ने शुक्रवार को कहा कि वे आने वाले महीनों में भारत के कुल निर्यात के 800 बिलियन डॉलर पार करने की उम्मीद कर रहे हैं.

अक्टूबर में भारत का निर्यात बढ़कर 73 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया, जो पिछले साल इसी महीने 61 बिलियन डॉलर से अधिक था, जो 19 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज करता है.

अप्रैल-अक्टूबर 2024 के दौरान संचयी कुल निर्यात 7 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ा, जो अप्रैल-अक्टूबर 2023 में 436.4 बिलियन डॉलर से बढ़कर 468.2 बिलियन डॉलर हो गया.

भू-राजनीतिक प्रतिकूलताओं के बावजूद, भारत के कुल निर्यात में दोहरे अंकों की वृद्धि दर्ज की गई.

पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के अध्यक्ष हेमंत जैन ने कहा, “यह मजबूत वृद्धि गैर-पेट्रोलियम और गैर-रत्न और आभूषण निर्यात में 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि से प्रेरित है.”

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर के दौरान भारत का अकेले व्यापारिक निर्यात 17.25 प्रतिशत बढ़कर 39.20 बिलियन डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 33.43 बिलियन डॉलर था.

अप्रैल-अक्टूबर के दौरान व्यापारिक निर्यात का संचयी मूल्य 252.28 बिलियन डॉलर था, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 244.51 बिलियन डॉलर था.

जैन ने कहा, “चालू वित्त वर्ष में निर्यात की लचीली और मजबूत गति को देखते हुए, हम अत्यधिक आशावादी हैं कि आने वाले महीनों में भारत का कुल निर्यात 800 बिलियन डॉलर को पार कर जाएगा.”

अक्टूबर 2024 में गैर-पेट्रोलियम निर्यात का मूल्य 34.61 बिलियन डॉलर था, जो अक्टूबर 2023 के 27.55 बिलियन डॉलर के इसी आंकड़े की तुलना में 25.63 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करता है.

आईसीआरए की मुख्य अर्थशास्त्री और हेड-रिसर्च एंड आउटरीच अदिति नायर के अनुसार, “गैर-तेल माल निर्यात में क्रमिक और सालाना आधार पर उछाल दर्ज किया गया, जो एक उत्साहजनक संकेत है, जिसका नेतृत्व इलेक्ट्रॉनिक सामान, इंजीनियरिंग सामान, रसायन और परिधान जैसे क्षेत्रों ने किया.”

नायर ने कहा, “आगे देखते हुए, हम उम्मीद करते हैं कि चालू खाता घाटा चालू तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद के 1.2 प्रतिशत तक कम हो जाएगा, जो कि वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद के अनुमानित 1.8 प्रतिशत से कम है और पूरे वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद के 1.0 प्रतिशत के आसपास स्थिर है.”

एसकेटी/एबीएम

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