नई दिल्ली, 19 नवंबर . दिल्ली में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के बीच नेता एक दल को छोड़कर दूसरे दल में तेजी से शामिल हो रहे हैं.
17 नवंबर को दिल्ली सरकार में मंत्री रहे कैलाश गहलोत ने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया और 18 नवंबर को उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया. कैलाश ने भाजपा पर कई गंभीर आरोप लगाए. वहीं, 17 नवंबर को दिल्ली भाजपा के दिग्गज नेताओं में से एक और दो बार भाजपा के टिकट पर किराड़ी विधानसभा से विधायक रहे अनिल झा भाजपा को दामन छोड़ आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए. उन्हें आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पार्टी में शामिल कराया.
अनिल झा ने आम आदमी पार्टी ज्वाइन करने के बाद कहा है कि वह अरविंद केजरीवाल के काम से प्रभावित हैं और इसलिए भाजपा में आए.
अनिल झा के पार्टी में शामिल होने के बाद से राजनीति के गलियारों में चर्चा तेज होने लगी है कि किराड़ी विधानसभा से मौजूदा विधायक ऋतुराज झा का टिकट कट सकता है.
कहा जा रहा है कि विधायक को लेकर उनकी विधानसभा के कुछ इलाकों में लोगों में रोष है. क्योंकि विधायक मूलभूत जैसी सुविधाएं लोगों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं. सितंबर में विधायक ऋतुराज के खिलाफ तो नो एंट्री के पोस्टर बैनर भी लगा दिए गए थे. स्थानीय लोगों को कहना था कि हमने यह पोस्टर इसलिए लगाए क्योंकि, 10 साल विधायक रहने के बावजूद हमारी कॉलोनी में विकास के कार्य नहीं हुए. वह सिर्फ चुनाव के दौरान वोट मांगने के लिए आते हैं. लोगों का यह भी आरोप है कि विधायक किराड़ी विधानसभा से विधायक हैं, लेकिन रोहिणी में रहते हैं और जब कुछ घटना यहां होती है, तो वह नहीं आते हैं.
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं से संवाद करने वाले हैं साथ ही 70 विधानसभाओं में वह आम जनता से रूबरू होने वाले हैं. इस दौरान विधायकों का रिपोर्ट कार्ड भी जनता से पूछने वाले हैं. आम आदमी पार्टी किराड़ी विधानसभा सीट पर चेहरा बदलकर जनता में अपनी छवि को साफ कर एक संदेश दे सकती है. हालांकि, किराड़ी विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी 2025 के विधानसभा चुनाव में अनिल झा के साथ जाती है या फिर मौजूदा विधायक ऋतुराज झा को टिकट देगी यह देखने वाली बात होगी.
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डीकेएम/
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