बीजिंग, 17 नवंबर . एपेक नेताओं का 31वां अनौपचारिक सम्मेलन 16 नवंबर को पेरू की राजधानी में लीमा सम्मेलन केंद्र में आयोजित हुआ. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इसमें हिस्सा लिया और ‘युग की जिम्मेदारी साझा कर एशिया-प्रशांत का विकास बढ़ाएं’ विषय पर भाषण दिया.
शी जिनपिंग ने कहा कि दशकों से एपेक के प्रोत्साहन में एशिया-प्रशांत क्षेत्र का बड़ा विकास हुआ. इससे यह विश्व अर्थव्यवस्था का सबसे गतिशील क्षेत्र और विकास का मुख्य इंजन बना है. अब सदी का अभूतपूर्व परिवर्तन तेजी से हो रहा है. एशिया-प्रशांत सहयोग के सामने भू-राजनीति, एकपक्षवाद और संरक्षणवाद बढ़ने की चुनौतियां हैं. इतिहास के चौराहे पर खड़े एशिया-प्रशांत के विभिन्न देशों को एकजुट होकर सहयोग करने के साथ जिम्मेदारी निभानी चाहिए, ताकि एशिया-प्रशांत साझे भविष्य वाले समुदाय का निर्माण कर एशिया-प्रशांत के विकास का नया अध्याय शुरू किया जा सके.
इसके लिये शी जिनपिंग ने तीन सुझाव पेश किये. पहला, खुला और समावेशी एशिया-प्रशांत सहयोग ढांचा स्थापित करें. दूसरा, हरित और नवाचार एशिया-प्रशांत वृद्धि की गतिज ऊर्जा तैयार करें और तीसरा, समावेशी और सहिष्णु एशिया-प्रशांत विकास अवधारणा मजबूत करें.
शी जिनपिंग ने कहा कि सुधार और खुलापन चीन और दुनिया के साझे विकास की ऐतिहासिक प्रक्रिया है. 20वीं सीपीसी केंद्रीय समिति के तीसरे पूर्णाधिवेशन में सुधार के 300 से अधिक महत्वपूर्ण कदम पेश किए गए. चीन का विकास एशिया-प्रशांत और दुनिया के विकास के लिये अधिक नये अवसर देगा. चीन के विकास में सभी पक्षों का स्वागत है, ताकि शांतिपूर्ण विकास, आपसी लाभ वाले सहयोग और समान समृद्धि के विभिन्न देशों के आधुनिकीकरण बढ़ाने में समान प्रयास किया जा सके.
(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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एकेजे/
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