जमशेदपुर, 16 नवंबर . झारखंड के औद्योगिक शहर जमशेदपुर स्थित महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एमजीएमसीएच) में फायर फाइटिंग सिस्टम को लेकर जिस तरह की लापरवाही है, उससे यहां आग लगने की स्थिति में उत्तर प्रदेश के झांसी जैसी दुर्घटना हो सकती है.
शहर के साकची स्थित इस हॉस्पिटल का जायजा लेने जब शनिवार को की टीम पहुंची तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. यहां आग लगने की स्थिति से निपटने से लगाए गए तमाम फायर एक्सटिंग्विशर एक्सपायर मिले. हॉस्पिटल का शिशु वार्ड हो या कोई अन्य वार्ड, हर जगह लगे फायर एक्सटिंग्विशर की आखिरी तारीख खत्म हो चुकी है. ऐसे में अस्पताल के शिशु वार्ड में नवजातों के साथ भर्ती महिलाओं को यह डर सता रहा है कि यदि झांसी जैसी कोई घटना यहां घटती है तो फिर क्या होगा?
इस संबंध में जब ने एमजीएमसीएच के एक अधिकारी से बात की तो उन्होंने कहा कि अगर फायर सिस्टम एक्सपायर है तो उसकी जांच कराकर उसे दुरुस्त करा लिया जायेगा.
उन्होंने कहा, “हमारा नियोनेटल आईसीयू (एनआईसीयू) नई बिल्डिंग में है. वहां सारी व्यवस्था की गई है. वहां एग्जिट और इंट्री की भी अलग व्यवस्था है. वह बिल्डिंग नई है, इसलिए वहां फायर फाइटिंग की व्यवस्था है. वहां इलेक्ट्रिक वायरिंग इस तरह की गई है कि यदि वहां शार्ट सर्किट हो तो अपने आप सिस्टम बंद हो जाता है. इसलिए, वहां आग लगने की संभावना बहुत कम है.
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के नियोनेटल वार्ड में शुक्रवार की रात आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उस मेडिकल कॉलेज में लगे फायर एक्सटिंग्विशर 2023 में ही एक्सपायर हो चुके थे.
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एसएनसी/एकेजे
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