भोपाल 17 नवंबर . मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 40 साल पहले हुए गैस हादसे को अब तक नहीं भुलाया जा सका है, क्योंकि इस हादसे का असर अब भी लोगों की जिंदगी पर है. हादसे की 40 वीं बरसी पर कलाकार अपने तरह से इस हादसे का शिकार बने लोगों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं.
भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड से दो-तीन दिसंबर 1984 की रात को जहरीली गैस मिथाइल आइसो सायनाइड (मिक) का रिसाव हुआ था. इस हादसे में हजारों लोग काल के गाल में समा गए थे. इस विषैली गैस का असर अब भी लोगों पर है. इसके कारण लोग विभिन्न बीमारियों से ग्रसित हैं. इस हादसे की याद में हर साल तीन दिसंबर को विभिन्न संगठनों के साथ सरकारी स्तर पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाता है.
इसी क्रम में इस बार कलाकार अपनी कूची और रंग के जरिए श्रद्धांजलि दे रहे हैं. यूनियन कार्बाइड संयंत्र की दीवार पर यह कलाकार अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए चित्र बना रहे हैं और इन कलाकृतियों के जरिए हादसे का शिकार बने लोगों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं.
भोपाल गैस हादसे के प्रभावित परिवारों के लिए संघर्षरत संगठनों भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ, भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशन भोगी संघर्ष मोर्चा, भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा और डाव कार्बाइड के खिलाफ बच्चे नाम के संगठन के साथ राजधानी के प्रमुख कलाकार अखिलेश, विनय साप्रे, सुचिता राव और देवीलाल पाटीदार गैस कांड की 40वीं बरसी पर अपनी कला के जरिए श्रद्धांजलि दे रहे हैं.
यूनियन कार्बाइड संयंत्र की दीवार पर बनाई जा रही यह कलाकृतियां उस हादसे की विभीषिका को तो बता ही रही हैं, साथ में पर्यावरण पर मंडराते खतरे से अवगत करा रही हैं. इन चित्रों में वह दर्द भी छुपा हुआ है, जो यहां के लोग अब भी भोग रहे हैं.
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एसएनपी/
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