नई दिल्ली, 8 अक्टूबर . म्यूचुअल फंड्स की एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) जुलाई-सितंबर की अवधि में रिकॉर्ड 12.3 प्रतिशत बढ़कर 66.2 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई है. यह म्यूचुअल फंड्स की संपत्तियों में पिछले पांच वर्षों के इतिहास में हुई सबसे बड़ी तिमाही वृद्धि है.
2024 में अप्रैल-जून की अवधि में औसत एसेट्स अंडर मैनेजमेंट 59 लाख करोड़ रुपये था. जानकारों का कहना है कि एयूएम में हुई ताजा वृद्धि की वजह शेयर बाजार में तेजी और इक्विटी स्कीमों में रिकॉर्ड निवेश है.
मुख्य सूचकांक निफ्टी और सेंसेक्स ने सितंबर तिमाही में 7 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. इस रैली के बीच जुलाई और अगस्त में निवेशकों ने इक्विटी स्कीमों में 75,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इसमें नए फंड्स के तहत आया निवेश भी शामिल है.
एयूएम बढ़ने के साथ एसआईपी भी रिकॉर्ड हाई पर बनी हुई है. अगस्त में एसआईपी के जरिए 23,547 करोड़ रुपये का निवेश आया था, जबकि जुलाई में यह आंकड़ा 23,332 करोड़ रुपये था.
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया (एम्फी) के डेटा के मुताबिक, जुलाई से अगस्त की अवधि में डेट फंड्स में रिकॉर्ड 1.6 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ है. वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में देश के बड़े फंड हाउस जैसे एसबीआई का एयूएम बढ़कर 11 लाख करोड़ रुपये हो गया है. इससे पहले की तिमाही की अपेक्षा इसमें 1.1 लाख करोड़ रुपये का इजाफा देखने को मिला है.
देश के दूसरे सबसे बड़े फंड हाउस आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड का एयूएम जुलाई-सितंबर की अवधि में इससे पहले की तिमाही के मुकाबले 90,000 करोड़ रुपये बढ़कर 8.4 लाख करोड़ रुपये हो गया है. देश के तीसरे सबसे बड़े फंड हाउस एचडीएफसी म्यूचुअल फंड का एयूएम बढ़कर 5.5 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
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एबीएस/एबीएम
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