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भाजपा राज में अपनाया जा रहा मीडिया के 'मनोबल के एनकाउंटर' का हथकंडा: अखिलेश यादव

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लखनऊ, 3 नवंबर . उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में टीवी पत्रकार दिलीप सैनी की हत्या मामले में सियासत गर्म है. पत्रकार की हत्या के तीन दिन बाद पुलिस ने शनिवार को इस मामले में पांच संदिग्धों को गिरफ्तार किया है.

वहीं चार अन्य नामजद और छह अज्ञात व्यक्ति अभी भी फरार बताए जा रहे है. पुलिस हमलावरों की संगठित गतिविधियों के कारण उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाने की योजना बना रही है.

इस घटना को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए है.

उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “एक पत्रकार की हत्या, पत्रकारों पर दबाव बनाना, पत्रकारों को बांधना, पत्रकारों पर एफआइआर कराना, पत्रकारों को निर्वस्त्र करके मारना, पत्रकारों को अवांछित पेयपान कराना, भाजपा राज में मीडिया के ‘मनोबल के एनकाउंटर’ का हर हथकंडा अपनाया जा रहा है. मीडिया कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा.”

दिलीप सैनी पर 30 अक्टूबर को बिसलुई में उनके आवास पर कथित तौर पर हमला किया गया और उनकी हत्या कर दी गई थी. प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि यह अपराध जमीन और अन्य संपत्ति को लेकर हुए विवाद के कारण हुआ है. पुलिस ने दावा किया कि 38 वर्षीय दिलीप सैनी और आरोपी एक-दूसरे को अच्छी तरह से जानते थे. सैनी एक समाचार चैनल में स्ट्रिंगर के रूप में काम करते थे.

सैनी की पत्नी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, आरोपी 30 अक्टूबर की रात करीब 11 बजे उनके घर पहुंचे और सैनी से बहस करने लगे. यह बहस तब और बढ़ गई जब आरोपी जबरन अंदर घुस आए. इसके बाद सैनी पर धारदार हथियार और देसी पिस्तौल से हमला कर दिया गया.

इस दौरान सैनी को बचाने के लिए जो भी सामने आया, उसके ऊपर भी हमला कर दिया गया. शोरगुल सुनकर जब ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो हमलावर भागने में सफल रहे. घायलों को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने सैनी को मृत घोषित कर दिया. अन्य दो को इलाज के लिए भर्ती कराया गया.

पुलिस ने इस मामले में नौ नामजद और छह अज्ञात लोगों के खिलाफ कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज की है और मामले की जांच में जुटी हुई है.

एकेएस/एएस

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