नई दिल्ली, 7 नवंबर . भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बिजली आपूर्ति करने वाली कंपनियों पर आर्थिक धांधली का आरोप लगाया. उन्होंने इन कंपनियों के बही-खाते की कैग और न्यायिक जांच की मांग की है.
दिल्ली भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ने कहा, “मुख्य रूप से तीन निजी (बिजली वितरण) कंपनियों, बीएसईएस, बीपीएल और एनडीपीएल में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता बरती जा रही है. ये कंपनियां दिल्ली सरकार के साथ मिलकर बिजली की आपूर्ति के नाम पर जनता को लूट रही हैं और दिल्ली की जनता के नुकसान का कारण बन रही हैं.”
उन्होंने कहा, “तीनों कंपनियों में बीएसईएस और बीपीएल की स्थिति ज्यादा दयनीय बताई जा रही है, जबकि एनडीपीएल (अब जिसका नाम बदलकर टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी हो चुका है) को फायदे में दिखाया गया है.”
उन्होंने कहा, “रिपोर्ट के अनुसार, इन कंपनियों के बीच ऐसा कोई सिस्टम काम कर रहा है जिसके माध्यम से बिजली आपूर्ति की लागत को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है और इसका परिणाम यह होता है कि उपभोक्ताओं से ज्यादा शुल्क लिया जाता है.”
उन्होंने कहा, “ये तीनों कंपनियां एक ही स्रोत से बिजली खरीदती हैं, लेकिन इनमें से दो कंपनियां (बीएसईएस और बीपीएल) घाटे में काम कर रही हैं, जबकि एनडीपीएल को फायदा हो रहा है. फिर इन घाटे में चलने वाली कंपनियों के नुकसान का कारण यह बताया गया है कि ये कंपनियां अवैध फेवर के बदले में आप के नेताओं को पैसे दे रही हैं. वे अपने लेखाजोखा को इस तरह से प्रस्तुत करती हैं कि वे घाटे में दिखें और इसका एक हिस्सा नेताओं या संबंधित अधिकारियों को जाता है.”
उन्होंने कहा, “इन कंपनियों को जिन सरकारी कंपनियों से बिजली मिलती है, जैसे एनटीपीसी (राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम), एनएचपीसी (राष्ट्रीय जल विद्युत निगम) और पीजीसीआई (पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया), उन्हें पूरी रकम का भुगतान किया जाता है. उत्पादक कंपनियों से बिजली खरीदने के लिए वितरण कंपनियों को कोई भी कर्ज या भुगतान में लेटलतीफी नहीं होती है क्योंकि अगर इन्हें पूरा पैसा समय पर नहीं मिलता है, तो उत्पादक कंपनियां वितरण कंपनियों को बिजली की आपूर्ति रोक देती हैं.”
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एसएचके/एकेजे
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