नई दिल्ली, 4 नवंबर . दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रदूषण के खिलाफ मंगलवार को सभी संबंधित विभागों द्वारा किए गए कार्यों को लेकर समीक्षा बैठक बुलाई है. बैठक में विंटर एक्शन प्लान की घोषणा के बाद विभागों द्वारा अभी तक किए गए कार्यों की समीक्षा की जाएगी.
पर्यावरण मंत्री ने बताया कि दिल्ली सरकार प्रदूषण से संबंधित ‘ग्रीन दिल्ली एप’ पर मिली लगभग 88 प्रतिशत शिकायतों का निपटारा कर चुकी है. एप के माध्यम से अभी तक 81,418 शिकायतें आई, जिनमें से 71,558 से ज्यादा शिकायत दूर हुई हैं. ‘ग्रीन दिल्ली एप’ के माध्यम से दिल्ली का कोई भी नागरिक प्रदूषण संबंधी शिकायत कर सकता है. जिसके आधार पर कार्रवाई की जाती है.
गोपाल राय ने बताया कि एंटी रोड डस्ट अभियान के सभी दर्ज आंकड़ों पर भी ग्रीन वॉर रूम की टीमें कड़ी निगरानी बनाए हुए हैं. जिनके आधार पर सभी विभागों की तैनात टीमें उचित कदम उठा रही हैं. सर्दियों के मौसम में होने वाले प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए 25 सितंबर को 21 फोकस प्वाइंट पर आधारित ‘विंटर एक्शन प्लान’ की सरकार द्वारा घोषणा की गई थी. जिसके आधार पर संबंधित विभाग इसे जमीन पर लागू करने के लिए गंभीरता पूर्वक कार्य कर रहे हैं. इसकी समीक्षा के लिए मंगलवार को सभी संबंधित विभाग की मीटिंग बुलाई गई है.
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि सरकार प्रदूषण को कम करने के लिए कई अभियान चला रही है, जैसे एंटी डस्ट अभियान, बायो डीकम्पोजर का छिड़काव, वृक्षारोपण अभियान, पटाखों को लेकर जागरूकता अभियान आदि. उन्होंने बताया कि पूरी दिल्ली में सड़कों पर 200 मोबाइल एंटी स्मॉग गन से पानी के छिड़काव का अभियान शुरू किया गया है. दिल्ली के सभी 70 विधानसभा में दो-दो मोबाइल एंटी स्मॉग गन से छिड़काव कराया जा रहा है. विंटर एक्शन प्लान की सबसे अहम कड़ी ग्रीन दिल्ली एप और ग्रीन वार रूम है जो कि दिल्ली के दो करोड़ लोगों को सीधे इस प्रदूषण के खिलाफ युद्ध से जोड़ता है. दिल्ली का कोई भी नागरिक एप के माध्यम से प्रदूषण की शिकायत को वार रूम तक पहुंचा सकता है. जिसके माध्यम से सरकार आगे का एक्शन लेती है.
गोपाल राय ने कहा कि अभी तक ग्रीन दिल्ली एप का परिणाम बेहतर रहा है. एप दिल्ली के 33 विभाग का संयुक्त प्लेटफार्म है. ग्रीन दिल्ली एप पर जितनी शिकायतें आती हैं, उनपर सभी संबंधित विभागों के साथ मिलकर संयुक्त कार्रवाई की जाती है. जिसमें केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, नगर निगम के विभाग भी शामिल हैं. इस एप को संचालित करने के लिए हर विभाग में नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है. एप के माध्यम से जहां से ज्यादा शिकायतें आती हैं, उनकी निगरानी का काम भी यहीं से होता हैं. यहां डीपीसीसी के इंजीनियर वार रूम के साथ जुड़कर फील्ड में एक्शन लेने और निगरानी करने का काम करते है.
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पीकेटी/एबीएम
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