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शी जिनपिंग ने जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा से मुलाकात की

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बीजिंग, 16 नवंबर . चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पेरू की राजधानी लीमा में स्थानीय समय के अनुसार 15 नवंबर की दोपहर को एपेक नेताओं की अनौपचारिक बैठक के दौरान जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा से मुलाकात की.

शी जिनपिंग ने बताया कि वर्तमान में, अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय परिस्थितियां अराजकता से जुड़ी हुई हैं, और चीन-जापान संबंध सुधार और विकास के महत्वपूर्ण दौर में हैं. चीन और जापान एक-दूसरे के करीबी पड़ोसी हैं और दोनों एशिया और दुनिया में महत्वपूर्ण देश हैं. दोनों देशों के बीच संबंध द्विपक्षीय संबंधों से परे बहुत महत्वपूर्ण हैं. चीन-जापान के बीच चार राजनीतिक दस्तावेजों में स्थापित सिद्धांतों और निर्देशों के अनुसार, दोनों देश इस महत्वपूर्ण सहमति का पालन करने को तैयार है कि चीन और जापान “एक दूसरे के सहयोगी भागीदार हैं और एक-दूसरे के लिए खतरा पैदा नहीं करते हैं.” दोनों देशों को चीन-जापान रणनीतिक और पारस्परिक रूप से लाभप्रद संबंधों को व्यापक रूप से बढ़ावा देने के साथ नए युग की आवश्यकताओं के अनुरूप रचनात्मक और स्थिर चीन-जापान संबंध बनाने का प्रयास करना चाहिए.

शी जिनपिंग ने इस बात पर जोर दिया कि चीन का विकास दुनिया के लिए अवसर है, खासकर जापान और अन्य पड़ोसी देशों के लिए. आशा है कि जापान चीन के साथ मिलकर सही आपसी समझ स्थापित करेगा, रणनीतिक और समग्र परिप्रेक्ष्य से द्विपक्षीय संबंधों की सही दिशा को पकड़ेगा, दोनों पक्षों द्वारा प्राप्त महत्वपूर्ण राजनीतिक सहमतियों को विशिष्ट नीतियों और व्यावहारिक कार्यों में शामिल करेगा, इतिहास को सही नजरिए से देखेगा और भविष्योन्मुख करेगा, और इतिहास तथा ताइवान जैसे प्रमुख सैद्धांतिक मुद्दों को ठीक से हल करेगा, और द्विपक्षीय संबंधों की राजनीतिक नींव को बनाए रखेगा.

इशिबा शिगेरू ने कहा कि जापान और चीन क्षेत्रीय शांति और समृद्धि के लिए जिम्मेदार हैं. दोनों पक्षों द्वारा संयुक्त रूप से जापान-चीन रणनीतिक और पारस्परिक रूप से लाभप्रद संबंधों को व्यापक रूप से बढ़ावा देना और रचनात्मक व स्थिर जापान-चीन संबंध बनाना क्षेत्र व दुनिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. थाइवान मुद्दे पर, जापान की 1972 के जापान-चीन संयुक्त वक्तव्य का पालन करने की स्थिति बिल्कुल नहीं बदली है. जापान-चीन आर्थिक सहयोग की अपार संभावनाएं हैं. जापान का चीन के साथ “संबंध तोड़ने” का कोई इरादा नहीं है. उम्मीद है कि दोनों पक्ष मानविकी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को मजबूत करेंगे और अर्थव्यवस्था, व्यापार, हरित विकास, चिकित्सा और स्वास्थ्य देखभाल जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देंगे. जापान एपेक और अन्य रूपरेखाओं के भीतर चीन के साथ निकटता से सहयोग करने को इच्छुक है.

(साभार— चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

एकेजे/

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