नई दिल्ली, 1 नवंबर . कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने शुक्रवार को कहा कि कर्नाटक में लागू की गई गारंटी योजनाएं देश के अन्य राज्यों के लिए मॉडल बन गई हैं.
महाराष्ट्र में कर्नाटक की मॉडल गारंटी योजनाओं के कार्यान्वयन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “कर्नाटक में लागू की गई गारंटी योजनाएं देश के अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल बन गई हैं. यहां तक कि भाजपा और अन्य दलों द्वारा शासित राज्य भी हमारी योजनाओं का अनुकरण कर रहे हैं. यह हमारे लिए गर्व और सम्मान की बात है.”
शिवकुमार ने कहा, “विपक्षी दल लोगों के बीच केवल कलह पैदा करते हैं, भावनाओं से छेड़छाड़ करते हैं. यही उनका एजेंडा है. इस तरह उन्होंने कई घर तोड़ दिए हैं.”
‘शक्ति स्कीम’ पर छिड़े विवाद पर उन्होंने कहा कि, “मैंने शक्ति योजना पर केवल 5-10 प्रतिशत महिलाओं की प्रतिक्रिया का उल्लेख किया. हम किसी भी परिस्थिति में गारंटी योजनाओं को बंद नहीं करेंगे. कुछ महिलाओं ने कहा कि वे टिकट खरीद लेंगी, लेकिन कंडक्टर पैसे लेने में हिचकिचाते हैं. मैंने केवल यह सुझाव दिया कि इस पर विचार करने की आवश्यकता है.”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के एकता के संदेश के बारे में पूछे जाने पर शिवकुमार ने कहा, “उन्होंने विभिन्न परिस्थितियों के मद्देनजर कार्यकर्ताओं को संदेश दिया. जब से मैं राज्य पार्टी अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री बना हूं, क्या पार्टी या सरकार के भीतर कोई अप्रिय घटना हुई है? हम सरकार और पार्टी दोनों को सुचारू रूप से चला रहे हैं. मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं. अगर वह कोई समझदारी भरी सलाह देते हैं तो हमें उसे अवश्य सुनना चाहिए.”
शिवकुमार ने कहा, “विपक्ष के पास राजनीति के अलावा चर्चा करने के लिए कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि गारंटी योजनाएं घरों को बर्बाद कर देगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जैसा उन्होंने दावा किया. हमारे प्रयासों को देखकर वे ईर्ष्या से जल रहे हैं.”
कांग्रेस नेताओं के दिल्ली दौरे के बारे में पूछे जाने पर उपमुख्यमंत्री ने कहा, “कोई भी दिल्ली नहीं गया है. मल्लिकार्जुन खड़गे ने किसी मामले में हस्तक्षेप नहीं किया है. अभी तक ऐसी कोई घटना नहीं हुई है. एक वरिष्ठ नेता के तौर पर उन्होंने एकजुटता की सलाह दी है.”
उन्होंने कहा, “हम कर्नाटक के एकीकरण की 69वीं वर्षगांठ और इसका नाम बदलकर कर्नाटक किए जाने के 50 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं. एक हजार से अधिक स्कूली बच्चों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर का नृत्य प्रदर्शित किया और कई रंगारंग कार्यक्रमों में भाग लिया. मैंने मंत्रियों और अधिकारियों को इन सभी बच्चों को प्रमाण पत्र जारी करने का निर्देश दिया है. इन स्कूली बच्चों ने कर्नाटक के कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए कड़ी मेहनत की है.”
उन्होंने कहा, “इस बार सभी निजी संस्थानों और शैक्षणिक संस्थानों को राज्योत्सव समारोह आयोजित करने का निर्देश दिया गया था. लगभग 70 प्रतिशत संस्थानों ने कार्यक्रम आयोजित किया. पहले चरण में हमने सरकार से यह निर्देश जारी किया. हमने सभी को अपनी भाषा और संस्कृति को स्वेच्छा से संरक्षित करने के लिए प्रोत्साहित किया. हमने निर्देश दिया कि निजी संस्थानों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी.”
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एकेएस/केआर
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