भोपाल, 8 नवंबर . मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आठ साल पहले आज ही के दिन नौ नवंबर 2016 को लागू की गई नोटबंदी का जिक्र करते हुए कहा कि नोटबंदी ने देश की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी थी. इतिहास में इसका उल्लेख भारतीय अर्थव्यवस्था के काले दिन के रूप में हमेशा होता रहेगा.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को कहा, आज ही के दिन आठ नवंबर 2016 को नरेंद्र मोदी सरकार ने नोटबंदी लागू कर देश की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी थी. नोटबंदी के आठ वर्ष बाद भी आज तक देश उसकी मार से उबर नहीं पाया है. जिन उद्देश्यों को लेकर नोटबंदी की गई थी, उसका भी कहीं अता पता नहीं है.
कमलनाथ ने नोटबंदी के चलते बैंको तक वापस आई रकम का हवाला देते हुए कहा, एक आंकड़े के मुताबिक नोटबंदी के बाद लगभग 99 प्रतिशत पैसा वापस बैंकों में आ गया, जो साबित करता है कि नोटबंदी से कालेधन पर वार करने का सरकार का दावा झूठा निकला. नोटबंदी से आतंकवाद की कमर तोड़ने की भी बात कही गई थी, लेकिन हकीकत में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. देश में आतंकी घटनाएं नोटबंदी के बाद भी लगातार जारी हैं.
उन्होंने कहा, नोटबंदी से सिर्फ गरीबों की जेब और देश की अर्थव्यवस्था पर डाका डाला गया. गरीबों की छोटी-छोटी बचत नोटबंदी से खत्म हो गई. सैकड़ों लोग कतार में मर गए, कई शादियां टूट गईंं, लेकिन इस सरकार के पास नोटबंदी की सफलता के नाम पर सिर्फ झूठे दावे और आंकडे़ ही हैं.
1000 रुपये के नोट बंद कर 2000 रुपये के नोट चलन में लाना और फिर ये कहना कि बडे़ नोट भ्रष्टाचार रोकने के लिए बंद किए गए, सरकार का हास्यास्पद तर्क नजर आया. 2000 रुपये का नोट क्यों लाया गया था, और क्यों वापस लिया गया, आज तक इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला.
ज्ञात हो कि काले धन पर रोक, आतंकवाद पर अंकुश, भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के मकसद से नौ नवंबर 2016 को नोटबंदी अमल में लाई गई थी.
–
एसएनपी/
The post first appeared on .
You may also like
भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए व्यापक दृष्टिकोण अपनाना होगा : राष्ट्रपति मुर्मु
राहुल गांधी का रांची एयरपोर्ट पर कांग्रेस नेताओं ने किया स्वागत
उदयीमान भगवान भास्कर को अर्घ्य के साथ छठ पूजा हुआ संपन्न
(अपडेट) सुप्रीम कोर्ट की 3 जजों की बेंच तय करेगी एएमयू के अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा
सिख विरोधी दंगा : सरस्वती विहार मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ फैसला सुरक्षित