नोम पेन्ह, 9 नवंबर . कंबोडिया ने शनिवार को फ्रांसीसी औपनिवेशिक शासन से अपनी स्वतंत्रता की 71वीं वर्षगांठ मनाई. यह समारोह देश के राजा नोरोदम सिहामोनी के तत्वावधान में आयोजित किया गया. इसमें प्रधानमंत्री हुन मानेट, सीनेट के अध्यक्ष समदेच तेचो हुन सेन और नेशनल असेंबली के अध्यक्ष खुओन सुदरी ने भाग लिया.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, राजधानी नोम पेन्ह में स्वतंत्रता स्मारक पर आयोजित एक घंटे के कार्यक्रम में हजारों प्रतिभागियों ने भाग लिया. इसमें विदेशी राजनयिकों के प्रतिनिधि भी शामिल थे.
कार्यक्रम के दौरान, सिहामोनी ने देश की स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में स्वतंत्रता स्मारक के अंदर पुष्पांजलि अर्पित की और औपचारिक विजय अग्नि प्रज्वलित की.
शनिवार को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किए गए एक संदेश में हुन सेन ने कहा कि 9 नवंबर लोगों को दिवंगत कंबोडियाई राजा फादर नोरोदम सिहानोक द्वारा शुरू किए गए एक महान मिशन की याद दिलाता है. यह मिशन फ्रांसीसी उपनिवेश से स्वतंत्रता हासिल करने के लिए था.
सेन ने कहा, “स्वतंत्रता के जनक राजा नोरोदम सिहानोक ने कंबोडिया को पूर्ण स्वतंत्रता दिलाने के लिए अपने शाही धर्मयुद्ध में शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की ऊर्जा का बलिदान दिया था.”
उत्सव के अंत में, स्वतंत्रता और आजादी के प्रतीक के रूप में कबूतर और गुब्बारे छोड़े गए.
फ्रांस ने 1863 में कंबोडिया को नियंत्रित करना शुरू कर दिया. लगभग 90 वर्षों तक उपनिवेश रहने के बाद, राजा नोरोदम सिहानोक ने 1949 में फ्रांस से स्वतंत्रता हासिल करने की मुहिम शुरू की.
1953 में, वह पूर्ण स्वतंत्रता हासिल करने में सफल रहे जब फ्रांस पूरे देश को उपनिवेश मुक्त करने के लिए सहमत हो गया. इस उपलब्धि के कारण कंबोडियाई नागरिकों ने राजा नोरोदम सिहानोक को ‘स्वतंत्रता के पिता’ के रूप में देखा. आखिरकार कंबोडिया 9 नंवबर 1953 को आजादी हासिल की.
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एमके/
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