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सौरभ भारद्वाज ने बांसुरी स्वराज के बयान पर प्रतिक्रिया दी, कहा- 'छठ घाटों से गरीब लोगों को दूर करने की साजिश'

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नई दिल्ली, 4 नवंबर . आम आदमी पार्टी (आप) के ग्रेटर कैलाश के विधायक और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सोमवार को से खास बातचीत के दौरान नई दिल्ली से भाजपा की लोकसभा सांसद बांसुरी स्वराज के बयान ‘आप पार्टी पूर्वांचल के लोगों को छठ नहीं मनाने दे रही है’ पर प्रतिक्रिया दी.

सौरभ भारद्वाज ने से खास बातचीत में कहा कि बांसुरी स्वराज भूल गईं हैं कि राजनीति में उनकी मां की बहुत इज्जत रही है. वह राजनीतिक चीजों से ऊपर उठकर कुछ काम करती थीं, इसलिए लोग आज भी उन्हें याद करते हैं. बांसुरी स्वराज का तो कोई ट्रैक रिकॉर्ड नहीं था, लोगों ने उनकी माता जी के नाम पर उनको वोट दिया. हम भी मानते थे कि चलिए कुछ तो वह सामाजिक बातें करेंगी. लेकिन जिस तरीके से एक षड्यंत्र करके, छल, कपट, झूठ बोलकर इन भोले भाले पूर्वांचलियों को इनके छठ घाट से दूर किया और इनका छठ घाट इनसे छीन लिया.

इनको छठ मनाने नहीं दिया जा रहा है. यह बहुत ओछी राजनीति है. यह गरीब लोग हैं. मैं तो कहता हूं कि आप पूरे क्षेत्र में सर्वे करा लो. एक हजार लोगों से पूछ लो. सभी के सभी लोग बता देंगे कि यह विश्वजीत और यह बेचारे गरीब लोग आठ साल से वहां पर छठ कर रहे हैं. हर साल दिल्ली सरकार के डीएम का ऑर्डर निकलता है और छठ होती है. इस बार केंद्र सरकार की डीडीए ने कह दिया कि आप छठ नहीं करेंगे, क्यों नहीं करेंगे? डीडीए किसका है? भारतीय जनता पार्टी का है, ये पूरी की पूरी साजिश है.

आप इन गरीब लोगों के साथ साजिश कर रहे हो. आज एक महिला हमारे पास आई थी, जिसको कल पुलिस वालों ने डंडों से मारा. वह यह कह रही थी अब हम बिहार कैसे जाएं, छठ पूजा में दो दिन बचे हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी बहुत गलत कर रही है. झूठ बोलने वाली राजनीति बंद होनी चाहिए.

सौरभ भारद्वाज ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि आईटीओ पर छठ घाट है. वहां पर बेदी बनी हुई थी. वीरेंद्र सचदेवा और उनके साथ जो भारतीय जनता पार्टी के नेता थे, वह जूते चप्पलों के साथ बेदी पर चढ़ गए. उन्होंने वहां पर झूठे गिलास और बोतलें फेंकी.

उन्हें कुछ भी नहीं मालूम. चलिए आप बिहार से नहीं हैं, मगर यह तो हिंदू संस्कार का बिल्कुल बेसिक नियम है कि जहां पूजा है वहां पर आप जूते लेकर कैसे चढ़ गए, और आप बेदी पर चढ़ गए. आप ना यमुना की बात करो, ना गंगा की बात करो, आप कोई बात मत करो.

एफजेड/

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