सैन फ्रांसिस्को, 6 नवंबर . व्हाइट हाउस की रेस निर्णायक मतगणना चरण में प्रवेश कर चुकी है. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के बीच इस मुकाबले को लेकर गूगल की भूमिका अहम बनी हुई है. इसी बीच अल्फाबेट और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कंपनी के कर्मचारियों से कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि “हमारे द्वारा बनाए गए उत्पाद” जानकारियों के विश्वसनीय स्रोत पर आधारित हों. ताकि गूगल के हर यूजर तक सही जानकारियां पहुंच सके.”
कर्मचारियों को भेजे गए मेमो में पिचाई ने कहा कि मतदाता जिस पर भी वोटर्स भरोसा जताते हैं, “आइए एक बार अपनी भूमिका को याद करें, जिसे हम उत्पादों के जरिए अपने कार्य के साथ निभाते हैं. हमें अलग-अलग बैकग्राउंड और बिलीफ से आने वाले लोगों के लिए सूचनाओं के एक विश्वसनीय स्रोत के रूप में काम करना होगा.”
उन्होंने मेमो में आगे लिखा, “हमें अपना काम बेहतर बनाए रखना होगा और इस कड़ी में यह बेहद जरूरी है कि सभी लोग कम्युनिटी गाइडलाइन्स और पर्सनल पॉलिटिकल एक्टिविटी पॉलिसी को फॉलो करने पर खास ध्यान दें.”
गूगल और यूट्यूब की टीम यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं कि उनके प्लेटफॉर्म मतदाताओं को हाई-क्वालिटी और विश्वसनीय जानकारी प्रदान करें, “जैसा कि हम दुनिया भर के कई दूसरे चुनावों के लिए करते आए हैं”.
पिचाई ने आगे कहा, “वास्तव में, इस वर्ष दर्जनों देशों में बड़े और महत्वपूर्ण चुनाव हुए हैं, फ्रांस से लेकर भारत, ब्रिटेन से लेकर मैक्सिको तक और कई अन्य देशों में, 2024 में एक अरब से अधिक लोग वोट डालेंगे.
दूसरे चुनावों की तरह, इस चुनाव का परिणाम दुनिया भर में रहने वाले लोगों के लिए उनके लिविंग रूम और दूसरी जगहों पर चर्चा का एक प्रमुख विषय होगा. निश्चित रूप से, इस चुनाव के नतीजों के बाद के परिणाम भी बेहद महत्वपूर्ण होने वाले हैं.”
पिचाई ने विस्तार से बताया, “चुनाव के बाद भी हमारा काम दुनिया भर की जानकारियों को व्यवस्थित करने और इन्हें सभी लोगों की पहुंच तक बनाए रखना होगा.
इस कड़ी में एआई ने हमें इस खास मिशन के लिए प्रगति करने, बेहतरीन उत्पाद बनाने, साझेदारी बनाने और इनोवेशन को बढ़ावा देते हुए राष्ट्रीय और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं में महत्वपूर्ण योगदान देने का एक शानदार अवसर दिया है. हम इस पर ध्यान केंद्रित करने के साथ एक सर्वश्रेष्ठ स्तर पर अपनी कंपनी को देखते हैं.”
इससे पहले, मेटा ने 5 नवंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के बाद भी फेसबुक और इंस्टाग्राम पर नए राजनीतिक विज्ञापनों पर प्रतिबंध बढ़ाने की घोषणा की थी. अपने राजनीतिक विज्ञापन नीति अपडेट में, मेटा ने नए राजनीतिक विज्ञापनों पर प्रतिबंध को मंगलवार तक बढ़ा दिया है.
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एसकेटी/केआर
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