नई दिल्ली, 4 नवंबर . कनाडा के ब्रैम्पटन में सोमवार को खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा हिंदू मंदिर पर हमला किए जाने की केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने निंदा की. उन्होंने खालिस्तानी समर्थकों को चेतावनी देते हुए कहा कि हिंदुओं और सिखों पर इस तरह के हमले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे.
केंद्रीय मंत्री ने हिंदू मंदिर में हुई हिंसा के लिए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि खालिस्तानी समर्थकों के प्रति उनके नरम रुख के कारण ही हालात ऐसे हो गए हैं.
बिट्टू ने कहा, “कनाडा में जो स्थिति है, वह किसी एक धर्म के कारण नहीं है. यह कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की वजह से है, जिन्होंने वहां के लोगों को बांट दिया. लोग दिवाली जैसे त्यौहार मनाने के लिए मंदिर जा रहे थे. लेकिन उन्हें इस तरह के हमलों का सामना करना पड़ा.”
केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि कनाडा के प्रधानमंत्री ने खालिस्तानी समर्थकों द्वारा हिंदू समुदाय को डराए जाने, हमला किए जाने के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.
बिट्टू ने कहा, “कनाडा के प्रधानमंत्री भारत, खासकर पंजाब के लोगों की शांति में बाधा डालने की कोशिश कर रहे हैं. कनाडा की पुलिस खालिस्तानियों की रक्षा कर रही है, वे लोगों पर हमला कर रहे हैं, लेकिन कोई भी उन्हें ऐसा करने से नहीं रोक रहा है.” उन्होंने कहा कि इस तरह के हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हमलावर खुलेआम खालिस्तान के नारे लगा रहे हैं और बात कर रहे हैं. मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हमला करने वाले ये लोग पेरोल पर हैं जो खालिस्तानियों के लिए नारे लगा रहे हैं. इस हमले के बाद पीएम ट्रूडो और कनाडा की छवि खराब ही हुई है. कनाडा के पीएम हमेशा शांति की बात करते हैं. लेकिन, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनके देश में इस तरह के हमले हो रहे हैं.”
इस बीच, कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने ब्रैम्पटन के एक मंदिर में खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा हिंदू भक्तों पर किए गए हमले की निंदा की. उन्होंने कहा कि देश में हिंसा की घटनाएं अस्वीकार्य हैं. धार्मिक स्वतंत्रता के महत्व पर जोर देते हुए, उन्होंने कहा कि प्रत्येक कनाडाई को अपने धर्म को स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से पालन करने का अधिकार है.
सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए ट्रूडो ने लिखा, “ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में आज हुई हिंसा अस्वीकार्य है. हर कनाडाई को अपने धर्म का स्वतंत्र और सुरक्षित तरीके से पालन करने का अधिकार है.” पोस्ट में आगे कहा गया, “समुदाय की सुरक्षा और इस घटना की जांच के लिए तेजी से प्रतिक्रिया देने के लिए पील रीजनल पुलिस को धन्यवाद.”
इस बीच पीपुल्स पार्टी ऑफ कनाडा (पीपीसी) के नेता मैक्सिम बर्नियर ने ब्रैम्पटन में हिंदू मंदिरों और भक्तों पर हाल ही में हुए हमले पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और विपक्षी नेताओं जगमीत सिंह और पियरे पोलीवरे की प्रतिक्रिया की आलोचना की.
बर्नियर ने आरोप लगाया कि नेताओं ने हमलावरों को ‘खालिस्तानियों’ के रूप में पहचानने से परहेज किया, क्योंकि उन्हें अपने वोटर बेस को बचाने की चिंता थी.
पीपीसी नेता ने अपने एक ट्वीट में कहा, “इनमें से कोई भी कायर उन खालिस्तानियों का नाम लेने की हिम्मत नहीं करता जो हिंसा कर रहे हैं. वे कुछ मतदाताओं को नाराज करने से डरते हैं, भले ही खालिस्तानी समर्थक सिख कनाडाई लोगों का अल्पसंख्यक वर्ग हैं.”
–
एमके/
The post first appeared on .
You may also like
IND vs SA: पहले टी20 में किस प्लेइंग 11 के साथ उतरेगी साउथ अफ्रीका और भारत? देखें
क्या सच में दुनिया की सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना है इंदिरा गांधी नहर ? वीडियो में देखें इसके बनने की ऐतिहासिक दास्तान
Bigg Boss 18: रजत दलाल की हरकतें देख एक्स कंटेस्टेंट ने की बैक्टीरिया से तुलना, चाहत पांडे की भी खोली पोल
Ramayana Release Date: प्रत्याशा का अंत! रणबीर कपूर स्टारर रामायण की रिलीज डेट सामने आ गई
IND vs SA: सूर्यकुमार यादव के पास है टी20 सीरीज में ये रिकॉर्ड अपने नाम करने का मौका