नई दिल्ली, 4 नवंबर . एक महत्वपूर्ण पहल के तहत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और अल्जीरियाई पीपुल्स नेशनल आर्मी के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल सईद चानेग्रिहा ने भारत-अल्जीरिया के बीच एक महत्वपूर्ण ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह समझौता दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग पर एक मील का पत्थर स्थापित होगा. यह समझौता न केवल द्विपक्षीय सैन्य सहयोग, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में दीर्घकालिक सहभागिता की नींव भी रखता है.
जनरल अनिल चौहान 1 से 4 नवंबर तक अल्जीरिया की आधिकारिक यात्रा पर थे. इस दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने 1 नवंबर, को अल्जीरिया की गौरवशाली क्रांति की 70वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित सैन्य परेड और विशिष्ट कार्यक्रमों की श्रृंखला के लिए जनरल सईद चानेग्रिहा की सराहना की.
जनरल चौहान ने इस दौरान हायर वॉर कॉलेज के निदेशक से बातचीत की और पीपुल्स नेशनल आर्मी के वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित किया. यहां उन्होंने दोनों देशों के साझा इतिहास को रेखांकित किया, जो समान मूल्यों एवं सिद्धांतों पर आधारित संबंधों को बढ़ावा देता है.
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने इस अवसर पर अपनी वैश्विक आकांक्षाओं में अल्जीरिया और भारत, दोनों देशों के भौगोलिक लाभों पर प्रकाश डाला.
उन्होंने कहा कि किसी राष्ट्र का मुख्य रणनीतिक दृष्टिकोण उसके भूगोल और ऐतिहासिक अनुभव से ही आकार लेता है. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने वैश्विक संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान किया.
उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से वैश्विक संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करता रहा है. भारत ने अल्जीरिया में अपनी रक्षा शाखा को फिर से स्थापित किया है और भारत में अल्जीरिया की रक्षा शाखा को फिर से खोलने का स्वागत करता है.
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति का उल्लेख करते हुए कहा कि आज की जटिल भू-राजनीतिक स्थिति में हम अपनी जिम्मेदारियों को समझते हैं और विश्व के लिए एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में एक ‘विश्व-बंधु’ की तरह जुड़ने की इच्छा रखते हैं.
उन्होंने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में हुए समझौते और प्रौद्योगिकी विकास में भारत द्वारा की गई प्रमुख प्रगति का भी जिक्र किया. जनरल चौहान ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बल परिवर्तन के दौर से गुजर रहे हैं और वे अल्जीरिया की पीपुल्स नेशनल आर्मी के साथ अपने अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ कार्यक्रमों के तहत भारत की बढ़ती रक्षा उत्पादन क्षमता पर जोर दिया.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक भारत और अल्जीरिया अब आत्मनिर्णय, संप्रभुता के सम्मान और बहुपक्षीय क्षेत्रों में आपसी सहयोग के लिए प्रतिबद्ध हैं.
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जीसीबी/एबीएम
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