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'पेटीकोट' कैंसर के शुरुआती लक्षण क्या हैं, कैसे करें बचाव

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नई दिल्ली, 16 नवंबर . महिलाओं में यूं तो आपने ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के बारे में सुना होगा. लेकिन, महिलाएं ‘पेटीकोट’ कैंसर की चपेट में भी आ रही हैं.

ब्रिटिश मेडिकल जर्नल की केस स्टडी में यह खुलासा हुआ है. स्टडी में भारतीय दो महिलाओं में ‘पेटीकोट’ कैंसर पाया गया है. स्टडी में कहा गया है कि पेटीकोट कैंसर का खतरा उन महिलाओं में ज्यादा रहता है जो कमर पर पेटीकोट को कसकर बांधती हैं. इससे लंबे समय तक स्किन पर ज्यादा दबाव बना रहता है. इससे जलन पैदा होती है और अल्सर भी हो सकता है. ज्यादा तंग कपड़े पहनने से यह ठीक नहीं हो पाता है और आगे चलकर अल्सर घातक घाव के रूप में परिवर्तित हो जाता है. यह घाव आगे चलकर पेटीकोट कैंसर का रूप लेता है. चलिए जानते हैं कि पेटीकोट कैंसर कैसे होता है और इसके लक्षण क्या हैं.

जिन दो महिलाओं में पेटीकोट कैंसर की शिकायत आई हैं. उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों के अनुसार कमर पर टाइट रूप से पेटीकोट बांधने से लगातार घर्षण होता है. जिससे त्‍वचा में सूजन आ सकती है. कई बार ऐसे में छाले हो सकते हैं और कुछ मामलों में त्वचा कैंसर भी हो सकता है.

पेटीकोट कैंसर के शुरुआती लक्षणों के बारे में जानना बेहद जरूरी है क्योंकि, अगर इसके लक्षण पता चल जाएं तो इलाज शुरू किया जा सकता है. इस कैंसर के शुरुआती लक्षण के अनुसार, कमर पर काला निशान हो जाता है. कमर की सतह मोटी हो जाती है. काले-काले धब्बे हो जाते हैं. अगर इस तरह के लक्षण पाए जाते हैं तो तुरंत डॉक्टरों से परामर्श लेना चाहिए.

पेटीकोट कैंसर से बचाव के लिए पेटीकोट को कमर पर टाइट से न बांधे. पेटीकोट का कपड़ा मुलायम रखें. अगर साड़ी पहनी है तो उसकी गांठ ज्यादा टाइट न रखें और रखी है उसे बदलते भी रहें. कमर की त्वचा पर ध्यान दें. वजन को मेनटेन करके रखें. संतुलित आहार और नियमित शारीरिक व्यायाम जरूर करें.

बता दें कि स्टडी के अनुसार स्किन कैंसर किसी को भी हो सकता है. हालांकि, पुरुषों की तुलना में स्किन कैंसर महिलाओं में ज्यादा होने की संभावना रहती है.

डीकेएम/जीकेटी

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