सूरत, 14 नवंबर . सामान्य रूप से अगर कोई व्यक्ति हत्या करता है, तो उसे आजीवन कैद की सजा होती है. लेकिन, सूरत में एक आदमखोर तेंदुए को उम्रकैद कैद की सजा सुनाई गई है. सूरत जिले के मांडवी से पकड़ा गया आदमखोर तेंदुआ झांखवाव के पुनर्वास केंद्र का पहला कैदी बना और अब वह अपना शेष जीवन एक कैदी के रूप में बिताएगा.
सूरत जिले में फिलहाल तेंदुओं की संख्या 150 पर पहुंची है. बीते छह महीने में इंसानों पर हमले की तीन घटनाएं सामने आ चुकी हैं जिनमें तीन लोगों की मौत हुई है. हालांकि, जब भी तेंदुआ आदमखोर बनता है. तब उसे पुनर्वास केंद्र भेजा जाता है. दक्षिण गुजरात में अब तक ऐसा केंद्र नहीं था. सभी को वडोदरा भेजा जाता था. पहली बार इस आदमखोर तेंदुए को सूरत जिले में ही हिंसक जानवरों के लिए बने पुनर्वास केंद्र में लाया गया है.
सूरत जिले में 1.50 करोड़ रुपये के खर्च से यह केंद्र बनाया गया है. यहां एक साथ 10 तेंदुओं को रखने की व्यवस्था है.
डिप्टी कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट (डीसीएफ) आनंद कुमार ने कहा, “कोई भी तेंदुआ, जो किसी व्यक्ति के ऊपर हमला करता हुआ पाया जाता है, हम उसे चिह्नित कर फौरन उसे पकड़कर रिहेबिलिटेशन में डालते हैं, ताकि वह फिर कभी किसी पर हमला न कर सके.”
उन्होंने बताया, “हमने इसके लिए सूरत में तेंदुओं को रखने के लिए सेंटर की व्यवस्था भी की है, जिसमें ऐसे सभी तेंदुओं को रखा जा रहा है, जो किसी पर हमला कर रहे हैं. हम ऐसे सेंटर में 10 तेंदुओं को रख सकते हैं, जिसमें उनके रखरखाव की भी सुविधा की गई है. सेंटर में हमने जंगल जैसा वातावरण बनाया है, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा न हो.”
–
एसएचके/एकेजे
The post first appeared on .
You may also like
शाहरुख खान को धमकी देने वाले वकील को 18 नवंबर तक पुलिस कस्टडी
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने किया देश में मधुमेह महामारी पर रोकथाम के लिए सहयोगात्मक प्रयास का आह्वान
राष्ट्रपति ने दी गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व की पूर्व संध्या पर देशवासियों को शुभकामनाएं
अबतक 40 करोड़ से अधिक स्वर्ण आभूषणों की हॉलमार्किंग हुई, प्रतिदिन 4 लाख
ईवीएम वज्रगृह में सील, प्रत्याशियों की उलटी गिनती शुरू