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भारत-वियतनाम सैन्य अभ्यास 'विनबैक्स' में आर्मी और वायु सेना शामिल

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नई दिल्ली, 4 नवंबर . भारत-वियतनाम की सेनाओं के बीच द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास प्रारंभ हो गया है. भारत व वियतनाम का यह द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास ‘विनबैक्स 2024’ सोमवार से हरियाणा के अंबाला में प्रारंभ हुआ. इस दौरान खास तौर पर दोनों देशों की सेनाएं इंजीनियरिंग कार्यों का अभ्यास करेंगी.

यह ‘विनबैक्स’ का 5वां संस्करण है. दोनों देशों की सेनाओं द्वारा किया जाने वाला यह संयुक्त अभ्यास 4 से 23 नवंबर तक अंबाला और चंडीमंदिर में आयोजित किया जा रहा है. जहां इस वर्ष यह महत्वपूर्ण सैनिक अभ्यास भारत में आयोजित किया जा रहा है. वहीं, वर्ष 2023 में यह युद्धाभ्यास वियतनाम में आयोजित किया गया था.

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह पहले आयोजित किए गए द्विपक्षीय अभ्यास की अगली कड़ी है. साथ ही यह भारत और वियतनाम के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में एक प्रमुख मील का पत्थर है. यहां एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि युद्धाभ्यास के इस संस्करण में दोनों देशों की सेना के साथ वायु सेना भी शामिल हो रही है. पहली बार सेना और वायु सेना दो स्तर की भागीदारी, इस अभ्यास के दायरे में उल्लेखनीय वृद्धि का प्रतीक है.

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस अभ्यास में भारतीय सेना के 47 अधिकारियों व जवानों की टुकड़ी शामिल है. इनका प्रतिनिधित्व कोर ऑफ इंजीनियर्स की एक रेजिमेंट द्वारा किया जा रहा है. वहीं, समान क्षमता वाली वियतनामी टुकड़ी का प्रतिनिधित्व वियतनाम पीपुल्स आर्मी के सैनिक करेंगे. विनबैक्स-2024 का उद्देश्य दोनों पक्षों की संयुक्त सैन्य क्षमता को बढ़ाना है. इस अभ्यास के दौरान दोनों देशों की सेनाओ ने, इंजीनियरिंग अभ्यास कार्यों को करने के लिए अपनी इंजीनियर कंपनी और मेडिकल टीमों की तैनाती की है.

इस बार भारत व वियतनाम के बीच हो रहे द्विपक्षीय अभ्यास का दायरा पिछले संस्करणों के मुकाबले बढ़ा है. रक्षा मंत्रालय का मानना है कि पहले के मुकाबले बढ़े हुए दायरे के साथ एक क्षेत्रीय प्रशिक्षण अभ्यास के रूप में इस सैन्य अभ्यास का आयोजन आपसी विश्वास व अंतर-संचालनीयता को मजबूत करेगा. यह भारतीय सेना और वियतनाम पीपुल्स आर्मी के बीच सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में सक्षम बनाएगा.

48 घंटे के इस महत्वपूर्ण द्विपक्षीय अभ्यास में दोनों देशों की सेनाएं मानवीय सहायता और आपदा राहत का अभ्यास करेंगी. दोनों देशों की सेनाओं द्वारा अपने उपकरणों का प्रदर्शन करना भी इस द्विपक्षीय अभ्यास का हिस्सा है. संयुक्त अभ्यास के दौरान दोनों देश की सैन्य टुकड़ियों में शामिल सैनिकों को एक-दूसरे की सामाजिक और सांस्कृतिक विरासतों के बारे में जानने का अवसर भी मिलेगा.

जीसीबी/एबीएम

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