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पुराने जीएसटी बकाया पर नहीं देना होगा ब्याज और जुर्माना, इन करदाताओं को मिलेगा फायदा

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नई दिल्ली, 29 सितंबर . सरकार की ओर से जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) ने करदाताओं को बड़ी राहत दी गई है. ऐसे करदाता जिनको वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए जीएसटी डिमांड नोटिस मिला था, अब वे अपने बकाया का भुगतान बिना ब्याज और जुर्माने के कर सकते हैं.

हालांकि, शर्त यह है कि टैक्स-डिमांड नोटिस गैर-धोखाधड़ी श्रेणी का होना चाहिए. सरकार द्वारा इसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया. यह स्कीम एक नवंबर से जीएसटी करदाताओं के लिए लागू हो जाएगी.

आम बजट-2024 में सरकार की ओर से इस जीएसटी छूट स्कीम का ऐलान किया गया था. इसे सरकार द्वारा टैक्स विवाद कम करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. सरकार द्वारा यह राहत जीएसटी एक्ट की नई धारा 128ए के तहत दी गई है, जो जीएसटी अथॉरिटीज को करदाताओं पर अनुपालन के दबाव को कम करने के लिए छूट पेश करने की अनुमति देती है.

जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक के निर्णय के मुताबिक, इसका उद्देश्य उन विवादों को हल करना है, जहां टैक्स डिमांड नोटिस जानबूझकर चोरी के बजाय कानून या व्याख्याओं की गलतफहमी के कारण पैदा हुई कर देनदारियों के कारण दिया गया है. इस छूट का फायदा लेने के लिए जीएसटी डिमांड नोटिस में बकाया राशि का 31 मार्च, 2025 तक भुगतान करना होगा.

जैसे ही आप एक बार पूरे बकाया का भुगतान कर देंगे. उसके साथ जुड़ी हुई ब्याज और जुर्माना की राशि समाप्त हो जाएगी और आपका सेटलमेंट पूरा हो जाएगा. यह छूट केवल वित्त वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक के उन जीएसटी डिमांड नोटिस के लिए है, जो कि गैर-धोखाधड़ी श्रेणी हैं. अगर किसी को इस दौरान धोखाधड़ी के कारण जीएसटी डिमांड नोटिस मिला है तो उसे इस स्कीम का फायदा नहीं मिलेगा.

एबीएस/एबीएम

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