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डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र कैंपेन 3.0 डिजिटल सशक्तिकरण को लेकर निभाएगा महत्वपूर्ण भूमिका

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नई दिल्ली, 7 नवंबर . पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण के लिए डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र कैंपेन 3.0 चलाया जा रहा है. यह कैंपेन पेंशनभोगियों के डिजिटल सशक्तिकरण को लेकर पीएम मोदी के विजन के रूप में महत्वपूर्ण है. डीएलसी कैंपेन 3.0 भारत के 800 शहरों/कस्बों में 1 से 30 नवंबर, 2024 तक आयोजित किया जा रहा है.

इस कैंपेन में केंद्र, राज्य सरकार, ईपीएफओ और स्वायत्त निकायों के सभी पेंशनभोगी पेंशन वितरण बैंकों या आईपीपीबी में अपने डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र सबमिट कर सकते हैं. सुपर सीनियर पेंशनभोगियों के लिए यह सुविधा घर से ही उपलब्ध रहेगी. उन्हें सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी प्रदान की जा रही है.

भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, सीजीडीए, आईपीपीबी, यूआईडीएआई सहित सभी पेंशन वितरण बैंक डीएलसी कैंपेन को लागू करने के लिए एक साथ काम कर रहे हैं. यह कैंपेन पीएम मोदी के ‘नेशन फर्स्ट, सिटीजन फर्स्ट’ विजन को लेकर डिजिटल सशक्तिकरण के जरिए पेंशनभोगियों के कल्याण को लेकर अहम है.

इसी विजन को लेकर 2014 में जीवन प्रमाण की शुरुआत की गई थी और 2021 में फेस ऑथेंटिकेशन की शुरुआत की गई. वर्ष 2022 में डीएलसी कैंपेन 1.0 को 37 शहरों में लागू किया गया था.

वर्ष 2023 में डीएलसी कैंपेन 2.0 नवंबर, 2023 में 100 शहरों में 597 स्थानों पर आयोजित किया गया. इसके तहत कुल 1.47 करोड़ डीएलसी तैयार किए गए. इनमें से 45.46 लाख केंद्र सरकार के पेंशन भोगियों के थे. फेस ऑथेन्टिकेशन तकनीक का इस्तेमाल कर 25.41 लाख डीएलसी तैयार किए गए और 90 वर्ष से अधिक आयु के 30,500 से अधिक पेंशन भोगियों ने डीएलसी का लाभ उठाया. यह कैंपेन 1,100 से अधिक नोडल अधिकारियों के साथ 800 शहरों और कस्बों में 1,900 डीएलसी शिविर आयोजित करेगा.

1.8 लाख ग्रामीण डाक सेवक 785 शहरों और कस्बों में आयोजित होने वाले आईपीपीबी शिविरों में सेवाएं प्रदान करेंगे. पेंशन वितरण करने वाले बैंक 157 शहरों/कस्बों में डीएलसी शिविर आयोजित करेंगे. डीएलसी कैंपेन 3.0 को लेकर फीडबैक डॉ. जितेंद्र सिंह के साथ पीडब्ल्‍यूए, सोशल मीडिया या हेल्पलाइन नंबर 1-800-111-960 के जरिए साझा किया जा सकता है. इस फीडबैक का इस्तेमाल समस्याओं की पहचान करने और वितरण प्रणाली में सुधार करने के लिए किया जाएगा.

इसके अलावा, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रक्रिया यूजर्स के अनुकूल बनी रहे और सभी पेंशनभोगियों के लिए सुलभ हो. डीएलसी पोर्टल पर प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने और पेंशनभोगियों की प्रतिक्रिया पर वास्तविक समय के आंकड़ों के जरिए कैंपेन की प्रगति पर नजर रखी जाएगी.

एसकेटी/

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