उरण (महाराष्ट्र), 17 नवंबर . महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उरण विधानसभा क्षेत्र एक दिलचस्प चुनावी दंगल बनकर सामने आया है. इस बार यहां शेतकरी कामगार पक्ष (शेकाप) और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के बीच सीट को लेकर एक फ्रेंडली फाइट देखने को मिल रही है. इस सीट पर शेकाप के उम्मीदवार प्रीतम म्हात्रे ने अपनी उम्मीदवारी पेश की है, जबकि महा विकास अघाड़ी के भीतर शिवसेना और शेकाप के बीच चल रहे विवाद ने चुनावी समीकरण को और जटिल बना दिया है.
इस पूरे मामले में शेकाप उम्मीदवार प्रीतम म्हात्रे ने शनिवार को से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि इस सीट पर शेकाप का दावा था और पार्टी ने सीट शेयरिंग के तहत यहां अपनी उम्मीदवारी का प्रस्ताव रखा था. साल 2009 में शेकाप के विवेकानंद पाटिल इस क्षेत्र से विधायक बने थे, लेकिन इस बार शिवसेना (यूबीटी) ने इस सीट से मनोहर भोईर को उम्मीदवार बना दिया.
उन्होंने स्पष्ट किया कि शेकाप ने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के नेताओं शरद पवार और उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी, लेकिन उद्धव ठाकरे इस सीट को लेकर सुनने के लिए तैयार नहीं थे. इसके बाद पार्टी ने अपना उम्मीदवार उतारने का निर्णय लिया.
शेकाप पार्टी महा विकास अघाड़ी का हिस्सा जरूर है, लेकिन प्रीतम म्हात्रे ने कहा कि वह इस चुनाव में भाजपा उम्मीदवार महेश बाल्दी के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं. उनका कहना है कि महा विकास अघाड़ी के खिलाफ चुनाव लड़ते हुए भी शेकाप पार्टी ने हमेशा ही क्षेत्रीय मुद्दों पर काम किया है और यही उनका मुख्य फोकस है. उन्होंने कहा, “हम महा विकास अघाड़ी का हिस्सा हैं और इस गठबंधन के तहत हमारी पार्टी ने कई बार जनहित के कार्य किए हैं. लेकिन, उरण में इस बार हमारी लड़ाई भाजपा से है.”
प्रीतम म्हात्रे ने कहा कि उरण क्षेत्र में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है और वह इसे दूर करने के लिए काम करेंगे. क्षेत्र में नवी मुंबई एयरपोर्ट बन रहा है और मेरी कोशिश होगी कि यहां के स्थानीय लोग और भूमिपुत्रों को रोजगार मिले. मैं वॉक-टू-वर्क वाली यूरोपीय सभ्यता की तर्ज पर उरण के लोगों को उनके ऑफिस तक पैदल ही पहुंचने का अवसर दूंगा. उन्होंने कहा कि अगर मैं विधायक बनता हूं, तो मैं अगले सौ दिन में एक हजार लोगों को रोजगार दिलाने का वादा करता हूं. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि हाल ही में उन्होंने मुंबई एयरपोर्ट पर 44 लोगों को नौकरी दिलाई है और आने वाले समय में यह संख्या बढ़ाने का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि अभी उनके पास कोई सरकारी पद नहीं है, फिर भी उन्होंने कई लोगों को नौकरी दिलवाने में मदद की है.
अपनी उम्मीदवारी को लेकर उन्होंने कहा कि उनके ऊपर पार्टी कार्यकर्ताओं का भारी दबाव था, क्योंकि उनके पिता जे.एम. म्हात्रे ने उरण क्षेत्र में कई सामाजिक कार्य किए हैं. उन्होंने कहा कि इलाके के लोग उनकी उम्मीदवारी के पक्ष में थे.
प्रीतम म्हात्रे ने कहा, “मैं पूरे विधानसभा क्षेत्र में गांव-गांव जाकर लोगों से मिल रहा हूं. युवा पीढ़ी अब हमारे साथ जुड़ रही है और मुझे पूरा विश्वास है कि वे चुनाव में मेरी जीत में अहम भूमिका निभाएंगे.”
प्रीतम म्हात्रे ने क्षेत्र में मौजूदा विकास कार्यों पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि इलाके के कई गांवों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. आदिवासी इलाकों में सड़कें, पानी, और बिजली की स्थिति बहुत खराब है. वर्तमान विधायक महेश बालदी ने कुछ बड़े वादे किए, लेकिन असल में कोई ठोस काम नहीं हुआ. कर्नाला और अन्य विकास परियोजनाओं में राजनीतिक खेल खेला जा रहा है. कर्नाला के सड़क के लिए 85 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी, लेकिन आज तक काम पूरा नहीं हुआ. यह सब सिर्फ क्रेडिट लेने के लिए है, लेकिन असल में लोगों की जरूरतों को नजरअंदाज किया जा रहा है.
उरण विधानसभा सीट पर इस बार भाजपा के मौजूदा विधायक महेश बाल्दी, शेकाप के प्रीतम म्हात्रे और महा विकास अघाड़ी के उम्मीदवारों के बीच कड़ी टक्कर है.
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पीएसके/एकेजे
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