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दिल्ली कैबिनेट ने बस मार्शलों की तत्काल बहाली के लिए एलजी से की सिफारिश

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नई दिल्ली, 13 नवंबर . राष्ट्रीय राजधानी में सबसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुकी बस मार्शलों की नियुक्ति के मामले में दिल्ली सरकार ने अब गेंद उपराज्यपाल के पाले में फेंक दी है. मुख्यमंत्री आतिशी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना से बस मार्शलों को तत्काल बहाल करने की सिफारिश की है.

कैबिनेट का कहना है कि बस मार्शलों के लिए योजना बनाना सेवा के साथ-साथ कानून-व्यवस्था का भी मसला है. इसलिए, एलजी से इसके लिए योजना बनाने का अनुरोध किया गया है.

वरिष्ठ अधिकारियों ने दिल्ली सरकार को लिखित में दिया है कि बस मार्शलों के लिए नीति बनाने का अधिकार केवल एलजी के पास है. इसलिए कैबिनेट ने कहा है कि योजना बनने तक बस मार्शलों को 31 अक्टूबर 2023 से पहले की तरह तुरंत बहाल किया जाना चाहिए. एलजी को पॉलिसी बनाने में कई महीने या साल लग सकते हैं. इसलिए, कैबिनेट ने जो बस मार्शल जहां तैनात थे, वहीं पर तत्काल बहाल करने का आग्रह किया है.

इसमें कहा गया है कि दिल्ली सरकार बस मार्शलों पर आने वाले सभी तरह के वित्तीय खर्च उठाने के लिए तैयार है. एलजी को सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को बस मार्शल के रूप में इस्तेमाल करने की तत्काल इजाजत देनी चाहिए. समझने में आसानी के लिए कैबिनेट बैठक का निर्णय एलजी को हिंदी और अंग्रेजी दोनों में भेजा गया है.

दिल्ली सरकार ने कहा है कि 2012 की निर्भया घटना ने महिला सुरक्षा की कमी को उजागर किया था. इसे देखते हुए महिलाओं की सुरक्षा के लिए बस मार्शलों की तैनाती की गई थी ताकि बसों में हर समय सुरक्षा बनी रहे. बस मार्शलों की मौजूदगी यात्रियों, खासकर महिलाओं को यह भरोसा भी देती है कि बस में ऐसा व्यक्ति मौजूद है जो छेड़छाड़, चोरी या झगड़े जैसी घटनाओं को रोकने के लिए तैयार है. सीसीटीवी कैमरे घटना के बाद अपराधी की पहचान करने में मदद करते हैं, लेकिन बस मार्शल तुरंत कार्रवाई करते हैं, जिससे घटना को रोका जा सकता है.

पीकेटी/एबीएम/एकेजे

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