Top News
Next Story
NewsPoint

एनईपी के क्रियान्वयन में 'पीएम विद्यालक्ष्मी' एक ठोस कदम : शिक्षा मंत्री

Send Push

नई दिल्ली, 6 नवंबर . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘पीएम विद्यालक्ष्मी’ योजना को मंजूरी दी है. इस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि यह योजना मेधावी छात्रों की वित्तीय सहायता करेगी. यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की प्रमुख सिफारिशों में से एक है. ‘पीएम विद्यालक्ष्मी’ एनईपी के कार्यान्वयन की दिशा में एक और ठोस कदम है. ‘पीएम विद्यालक्ष्मी’ योजना गरीब और मध्यम वर्ग के लाखों छात्रों को सशक्त बनाएगी.

उन्होंने कहा कि यह केंद्रीय क्षेत्र के तहत एक नई पहल है, जिसका उद्देश्य मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है. इस योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वित्तीय बाधाएं उच्च शिक्षा तक पहुंच में बाधा न बनें. यह योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में उल्लिखित विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो सार्वजनिक और निजी उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) दोनों में विभिन्न तंत्रों के माध्यम से योग्य छात्रों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराती है.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा ‘पीएम विद्यालक्ष्मी योजना’ को मंजूरी दिए जाने की सराहना की. प्रधानमंत्री मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए प्रधान ने कहा कि यह योजना भारत के प्रतिभाशाली युवाओं के लिए 21वीं सदी की उच्च शिक्षा तक एक समान पहुंच संभव बनाने में मदद करेगी. 3,600 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ यह योजना उच्च शिक्षा में आने वाली बाधाओं को दूर करेगी. देश की युवा शक्ति को अपने सपनों को साकार करने में सक्षम बनाएगी.

उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पीएम विद्यालक्ष्मी के तहत जमानत-मुक्त और गारंटर-मुक्त शिक्षा ऋण से मेधावी छात्रों की उच्च शिक्षा तक पहुंच बढ़ेगी. इससे सुनिश्चित होगा कि वित्तीय बाधाओं के चलते छात्र शिक्षा प्राप्त करने से वंचित न रहें. 8 लाख रुपये तक की वार्षिक पारिवारिक आय वाले छात्र 10 लाख रुपये तक के शिक्षा ऋण पर 3 प्रतिशत ब्याज छूट पाने के पात्र होंगे और 7.5 लाख रुपये तक के ऋण पर 75 प्रतिशत क्रेडिट गारंटी मिलेगी.

उन्होंने बताया कि शिक्षा ऋण पारदर्शी, छात्रों के अनुकूल और डिजिटल आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से दिए जाएंगे, जो सभी बैंकों के लिए समान होगी. एनआईआरएफ के आधार पर देश के शीर्ष 860 उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश पाने वाले छात्रों को पीएम विद्यालक्ष्मी के तहत शिक्षा ऋण की सुविधा दी जाएगी. इससे हर साल 22 लाख से अधिक छात्र लाभान्वित होंगे.

जीसीबी/एबीएम

The post first appeared on .

Explore more on Newspoint
Loving Newspoint? Download the app now